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एक प्रगतिशील और विकासशील समाज के रूप में इसके सभी हिस्सों की पहचान व गरिमा का सम्मान करना हमारा कर्तव्य है: डॉ. वीरेंद्र कुमार

देश-विदेश

केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार ने आज नई दिल्ली के 15 जनपथ रोड स्थित डॉ. आंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर के भीम ऑडिटोरियम में केंद्रीय क्षेत्र की योजना ‘स्माइल: आजीविका और उद्यम के लिए वंचित व्यक्तियों की सहायता’ को शुरू किया। सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग की डिजाइन की गई यह अम्ब्रेला योजना ट्रांसजेंडर समुदाय और भिक्षुकों  के कल्याण व उन्हें पुनर्वास प्रदान करने के लिए है।

इस अवसर पर डॉ. वीरेंद्र कुमार ने कहा, “एक प्रगतिशील व विकासशील समाज के रूप में यह हमारा कर्तव्य है कि हम समाज के सभी हिस्सों की पहचान और गरिमा का सम्मान करें। मंत्रालय ने यह सुनिश्चित किया है कि ट्रांसजेंडर समुदाय और भिक्षुकों  की हर जरूरत को बेहतर पेशेवर तरीके से पूरे किए जाएं।”

केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा, “राष्ट्रीय पोर्टल और हेल्पलाइन का प्रावधान ट्रांसजेंडर समुदाय और भिक्षुकों  की समस्याओं के लिए जरूरी जानकारी और समाधान प्रदान करेगा।”

स्माइल की दो उप-योजनाएं – ‘ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के कल्याण के लिए व्यापक पुनर्वास की केंद्रीय योजना’ व ‘ भिक्षुकों के व्यापक पुनर्वास की केंद्रीय क्षेत्र योजना– ट्रांसजेंडर समुदाय और भिक्षुकों के लिए व्यापक कल्याण व पुनर्वास के उपाय प्रदान करती हैं।

यह योजना पहचान, चिकित्सा देखभाल, शिक्षा, व्यावसायिक अवसरों और आश्रय के कई आयामों के जरिए जरूरी सामाजिक सुरक्षा को ध्यान में रखती है। मंत्रालय ने 2021-22 से 2025-26 तक इस योजना के लिए 365 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं।

इसकी उप-योजना – ‘ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के कल्याण के लिए व्यापक पुनर्वास की केंद्रीय योजना’- में विभिन्न घटक शामिल हैं। यह नौवीं कक्षा में पढ़ाई कर रहे ट्रांसजेंडर छात्रों को स्नातकोत्तर तक छात्रवृत्ति प्रदान करता है, जिससे उन्हें अपनी शिक्षा को पूरी करने में सक्षम बनाया जा सके। इसके अलावा इसमें प्रधानमंत्री-दक्ष योजना के तहत कौशल विकास और आजीविका के भी प्रावधान हैं। यह प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के साथ सम्मिलन में समग्र चिकित्सा स्वास्थ्य के जरिए यह चयनित अस्पतालों में जेंडर-रिऐफर्मेशन सर्जरी के लिए एक व्यापक पैकेज प्रदान करता है। ट्रांसजेंडर समुदाय और भीख मांगने के काम में लगे लोगों के लिए ‘गरिमा गृह’ के रूप में आवास सुविधा भोजन, कपड़े, मनोरंजन की सुविधाएं, कौशल विकास के अवसर और चिकित्सा सहायता आदि सुनिश्चित करती है। इसमें हर एक राज्य में ट्रांसजेंडर सुरक्षा प्रकोष्ठ का प्रावधान किया गया है। यह अपराधों के मामलों की निगरानी करेगा और समय पर अपराधों का पंजीकरण, जांच व अभियोजन सुनिश्चित करेगा। वहीं, जरूरत होने पर राष्ट्रीय पोर्टल और हेल्पलाइन ट्रांसजेंडर समुदाय व भिक्षुकों को आवश्यक जानकारी और समाधान प्रदान करेगा।

वहीं, स्माइल की उप-योजना – ‘ भिक्षुकों का व्यापक पुनर्वास‘ – सर्वेक्षण व पहचान, जुटाव, बचाव/आश्रय गृह और व्यापक पुनर्वास पर अपना ध्यान केंद्रित करेगी। इसके तहत दस शहरों – दिल्ली, बेंगलुरू, चेन्नई, हैदराबाद, इंदौर, लखनऊ, मुंबई, नागपुर, पटना और अहमदाबाद में व्यापक पुनर्वास से संबंधित प्रायोगिक परियोजनाएं शुरू की गई हैं।

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