देहरादून: मुख्यमंत्री हरीश रावत न्यू कैन्ट रोड स्थित आवास में पर्यटन विभाग द्वारा सर जार्ज एवरेस्ट के जन्म दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित उत्तराखण्ड के एवरेस्ट विजेताओं के सम्मान समारोह में शामिल हुए। उत्तराखण्ड के एवरेस्ट विजेताओं को सम्मानित करते हुए मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि आज का दिन मैं अपने आप को बहुत ही गौरवान्वित महसूस कर रहा हूँ कि जिन उत्तराखण्ड की महान हस्तियों जिन्होंने संसार की सबसे ऊंची चोटी को फतह किया है, मुझे उन्हें सम्मानित करने का मौका मिल रहा है।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि भारत के पहले सर्वेयर जनरल के रूप में सर जार्ज एवरेस्ट की पहचान ही आज उत्तराखण्ड की पहचान बन गयी है। देश और दुनिया ने उन्हें सम्मान दे दिया है। राज्य सरकार द्वारा उनके जन्म दिवस के दिन पर्वतारोहियों को सम्मानित करना एक छोटा सा प्रयास है। इस समारोह को इस वर्ष आपदा के चलते सूक्ष्म रूप से मनाया जा रहा है। अगले वर्ष इसे और बेहतर तरीके मनाया जाएगा।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि हमारे राज्य में 53 पर्वतारोही हैं जिन्होंने संसार की सबसे ऊंची चोटी को फतह किया है। इसके साथ साथ उत्तराखण्ड इस प्राकृतिक धरोहर के मामले में भी काफी समृद्ध है। उत्तराखण्ड जैसे पर्वत व नदियाँ सब जगह नहीं हैं। यहाँ के 100 से ज्यादा पुराने टेªकिंग रूट्स हैं जिन्हें फिर से शुरू करने की आवश्यकता है। राज्य सरकार अपनी तरफ से हर सम्भव प्रयास कर रही है। राज्य अपने वनों एवं वन्यजीवों के क्षेत्र में भी समृद्ध हैं। इन प्राकृतिक सम्पदाओं को एक साथ जोड़ कर पेश कर सकते हैं। उन्होंने कहा अंग्रेजों जो कि कभी यहाँ रहे हैं उनकी लिस्ट तैयार कर उनसे सम्पर्क कर उन्हें यहाँ आमन्त्रित किया जा सकता है।
सचिव पर्यटन शैलेश बगोली ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए 25 फरवरी 2016 को होमस्टै योजना शुरू की गयी। इसके लिए स्टैजिला के साथ एमओयू साईन किया गया।
कार्यक्रम के दौरान ही डाॅ. वीनू सेनान द्वारा लिखित ‘आई विल सरवाईव‘ का हिन्दी रूपान्तरण का भी अनावरण मुख्यमंत्री द्वारा किया गया।