केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) के राज्य मंत्री श्री राजीव चंद्रशेखर ने राष्ट्रीय डेटा केंद्र और क्लाउड नीति के मसौदे पर उद्योग परामर्श के दौरान कहा कि शासन और विकास के लिए तकनीकी का उपयोग करने में भारत प्रमुख राष्ट्र बन गया है।
मंत्री ने कहा कि नीति का उद्देश्य डेटा सेंटर और क्लाउड संचालन में स्वदेशी मंचों/समाधानों के उपयोग को प्रोत्साहित करना है। उन्होंने कहा कि नीति का उद्देश्य ऊर्जा कुशल, टिकाऊ और हरित डेटा केंद्रों की स्थापना को सुविधाजनक बनाना है।
उन्होंने कहा कि नेशनल डेटा सेंटर की जरूरत के अलावा हमें भारत केंद्रित क्लाउड स्पेस की जरूरत है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार उद्योगों से विचार लेने के लिए खुली है और देश के विकास को लेकर बदलाव करने के लिए तैयार है।
एमईआईटीवाई के संयुक्त सचिव श्री अमितेश कुमार सिन्हा ने कहा कि राष्ट्रीय डेटा केंद्र पर मसौदा नीति का इरादा 2027 तक 2000 मेगावॉट की क्षमता वृद्धि के साथ देश में अनुमानित डेटा केंद्र क्षमता में वृद्धि को गति देना है।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में भारत में डेटा केंद्रों के लिए लगभग 499 मेगावॉट स्थापित बिजली क्षमता है और 2023 तक 1007 मेगावॉट तक बढ़ने का अनुमान है।
5 मेगावॉट डेटा सेंटर (आईटी और गैर-आईटी) की स्थापना के लिए घटकवार लागत को अलग करना और निर्माण के पहले, निर्माण और निर्माण के बाद की स्थितियों के दौरान डेटा केंद्रों की स्थापना के लिए आवश्यक परियोजना स्थितियों के साथ सामान्य अनुमोदन की सूची पर चर्चा की गई।
इस चर्चा में स्थानीय मूल्य संवर्धन के लिए प्रोत्साहन देने सहित विभिन्न सुझावों पर चर्चा की गई। इसमें वास्तविक और वर्चुअल माध्यम से लगभग 300 उद्योग प्रतिनिधियों ने भाग लिया।