भारत सरकार केंद्रीय बजट 2022 के तहत वित्त मंत्री द्वारा की गई घोषणाओं के कुशलतापूर्वक कार्यान्वयन के लिए विभिन्न क्षेत्रों में वेबिनार की एक श्रृंखला आयोजित कर रही है। वेबिनारों की श्रृंखला सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों, शिक्षाविद और उद्योग के विशेषज्ञों को एक मंच पर ला रही है ताकि सभी क्षेत्रों में कार्यान्वयन रणनीतियों पर विचार-विमर्श किया जा सके।
भारत सरकार के कई वैज्ञानिक मंत्रालयों और विभागों के साथ प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार (पीएसए) के कार्यालय ने आज ‘प्रौद्योगिकी आधारित विकास’ शीर्षक से एक वेबिनार का आयोजन किया। वेबिनार की शुरुआत प्रधानमंत्री के उद्घाटन सत्र को संबोधित करने के साथ हुई।
बजट के बाद इन वेबिनारों के औचित्य पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘यह एक सामूहिक प्रयास है जिससे बजट के मद्देनजर यह सुनिश्चित किया जा सके कि हम कैसे तेजी से, निर्बाध और नागरिकों के लिए सर्वोत्तम परिणामों के दृष्टिगत इन प्रावधानों को लागू कर सकते हैं।’
प्रधानमंत्री ने बजट में जोर दिए गए कृत्रिम बौद्धिकता, जियो-स्पेशल प्रणालियां, ड्रोन, सेमी-कंडक्टर, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, जेनोमिक्स, औषधि-विज्ञान और 5जी संबंधी स्वच्छ प्रौद्योगिकी जैसे उदीयमान क्षेत्रों का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि बजट में 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी के लिए एक स्पष्ट खाका दिया गया है और मजबूत 5जी इकोसिस्टम से जुड़े डिजाइन-आधारित निर्माण के लिए उत्पादनयुक्त प्रोत्साहन योजनाओं का प्रस्ताव किया गया है। उन्होंने निजी सेक्टर से इस क्षेत्र में अपने प्रयास बढ़ाने को कहा।
प्रधानमंत्री ने देश में विनिर्माण को प्रोत्साहन देने के लिए 14 प्रमुख क्षेत्रों में दो लाख करोड़ रुपये मूल्य की पीएलआई योजनाओं के बारे में बताया। प्रधानमंत्री ने हितधारकों को स्पष्ट निर्देश दिया कि वे नागरिक सेवाओं में ऑप्टिकल फाइबर का इस्तेमाल, ई-अपशिष्ट प्रबंधन, चक्रीय अर्थव्यवस्था और इलेक्ट्रिक वाहन जैसे क्षेत्रों पर व्यावहारिक सुझाव दें।
प्रधानमंत्री के पीएसए श्री के. विजय राघवन ने भी उद्घाटन सत्र के दौरान ‘विज्ञान और प्रौद्योगिकी में आत्मनिर्भर भारत की ओर’ विषय पर एक संक्षिप्त प्रस्तुति दी। वेबिनार के दूसरे हिस्से में चार विषयवार सत्र थे। इन विषयगत सत्रों का नेतृत्व दूरसंचार विभाग (डीओटी), इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई), वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान विभाग (डीएसआईआर) तथा विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) द्वारा किया गया।
‘सेवा वितरण के लिए एक सशक्त 5जी इकोसिस्टम का निर्माण’ पर विषयगत सत्र के हिस्से के रूप में, दूरसंचार विभाग (डीओटी) द्वारा निम्नलिखित विषयों पर दो पैनल चर्चाओं का आयोजन किया गया:
1- डीओटी और एमईआईटीवाई की पीएलआई योजनाएं- सेमीकंडक्टर फैब, मोबाइल फोन और डिजाइन आधारित विनिर्माण सहित 5जी उत्पादों के लिए मेक इन इंडिया को बढ़ावा देना
2- ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में किफायती ब्रॉडबैंड और मोबाइल सेवा प्रसार के लिए डिजाइन, विकास और प्रौद्योगिकियों का निर्माण
‘डीओटी और एमईआईटीवाई की पीएलआई योजनाएं- सेमीकंडक्टर फैब, मोबाइल फोन और डिजाइन आधारित निर्माण सहित 5जी उत्पादों के लिए मेक इन इंडिया को बढ़ावा देना’ पर पैनल चर्चा का संचालन श्री के. राजारमण, सचिव (दूरसंचार) ने किया। पैनलिस्ट के रूप में श्री संजय नायक, सीईओ, तेजस नेटवर्क्स, श्री हरि ओम राय, सीएमडी, लावा इंटरनेशनल, श्री पंकज मोहिंद्रू, अध्यक्ष आईसीईए, प्रोफेसर भास्कर राममूर्ति, आईआईटी मद्रास, श्री पुनीत अग्रवाल सीईओ, वीवीडीएन टेक्नोलॉजीज ने हिस्सा लिया। पैनलिस्टों ने 5जी उत्पादों का इकोसिस्टम तैयार करने के लिए डिजाइन और विकास के साथ-साथ 5जी, इलेक्ट्रॉनिक्स और सेमीकंडक्टरों के उत्पादन को तेज करने और 5जी, सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण में नई नौकरियों के सृजन पर विचार विमर्श किया।
‘ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में किफायती ब्रॉडबैंड और मोबाइल सेवा प्रसार के लिए प्रौद्योगिकियों के डिजाइन, विकास और निर्माण’ पर पैनल चर्चा का संचालन श्री अशोक कुमार तिवारी, सदस्य (प्रौद्योगिकी) दूरसंचार विभाग ने किया। प्रो. अभय करंदीकर, निदेशक, आईआईटी कानपुर, डॉ. कुमार शिवराजन, सीटीओ, तेजस नेटवर्क्स, डॉ. राजकुमार उपाध्याय, ईडी, सी डॉट, श्री राजेन वागड़िया, वीपी और अध्यक्ष, क्वालकॉम इंडिया और श्री एन जी सुब्रमण्यम, सीओओ, टीसीएस ने बतौर पैनलिस्ट/स्पीकर हिस्सा लिया। इस सत्र में पैनलिस्टों ने सेमीकंडक्टरों, डीप टेक स्टार्टअप और घरेलू एसएमई के लिए जरूरी सहयोग, 5जी और इलेक्ट्रॉनिक्स टेस्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर निर्माण और ग्रामीण व दूरदराज के क्षेत्रों में सेवा वितरण के लिए भारतनेट का लाभ उठाने पर अपने विचार साझा किए।
इस पैनल चर्चा के हिस्से के रूप में, अगले 10-15 वर्षों में 5जी के आर्थिक प्रभाव, सुरक्षा संबंधी मुद्दों और भारत के लिए इसके लाभों सहित 5जी टेलिकॉम उपकरण में आत्मनिर्भरता से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गई। पैनलिस्टों द्वारा दिए गए सुझाव बजट सिफारिशों के कार्यान्वयन का आधार बनेंगे।
रेल, संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने समापन संबोधन दिया। उन्होंने कहा कि विनिर्माण, स्पेक्ट्रम का उपयोग और अनुसंधान एवं विकास में निजी क्षेत्र की बड़ी भूमिका, और डिजाइन आधारित विनिर्माण प्रमुख बातें रहीं, जिसकी सभी सत्रों में चर्चा हुई। उन्होंने उद्योगों को पीएलआई और पीएमए योजनाओं का लाभ उठाने और इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण को और गति देने के लिए नए विचारों के साथ आने के लिए भी प्रोत्साहित किया।
वेबिनार का समापन प्रधानमंत्री के पीएसए श्री के. विजय राघवन के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।