नई दिल्लीः केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री राधा मोहन सिंह ने आज आधिकारिक रूप से कृषि विज्ञान केंद्र पोर्टल (http://kvk.icar.gov.in) का शुभारम्भ नई दिल्ली में किया किया। इस अवसर पर कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के राज्य मंत्री श्री एस.एस. अहलूवालिया, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के राज्य मंत्री श्री परषोत्तम रूपाला, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के राज्य मंत्री श्री सुदर्शन भगत एवं सचिव, पुशपालन, डेयरी एवं मत्स्य, श्री देवेंद्र चौधरी उपस्थित रहे।
केवीकेपोर्टल का शुभारंभ के अवसर पर श्री राधा मोहन सिंह कहा कि देश में 645 कृषि विज्ञान केन्द्र हैं। ये केन्द्र देश के सभी जिलों में स्थापित हैं। प्रत्येक केन्द्र में कम से कम 1000 किसान जुड़े हुए हैं। केवीके की सूचना राष्ट्रीय स्तर पर एक जगह उपलब्ध ने होने के कारण किसानों एंव अन्य नागरिकों को सूचना प्राप्त करने में कठिनाई होती थी तथा केवीके जिन उद्देश्यों एवं गतिविधियों के लिए स्थापित किया गया था उसकी ऑनलाइन निगरानी एवं प्रबंधन की भी सुविधा नहीं थी। इस पॉर्टल के माथ्यम से किसानों को सूचना एवं सलाह और केवीके की सेवाओं की ऑनलाइन निगरानी भी की जा सकेगी।
श्री सिंह ने कहा कि आज कृषि एवं किसान मंत्रालय के हर्ष और गौरव का दिन है। कृषि विस्तार का मुख्य केन्द्र देश के सभी जिलों में स्थित कृषि विज्ञान केन्द्रों की ऑनलाइन समीक्षा कर उच्च स्तर पर निगरानी प्रबंधन एवं किसानों को सूचना एवं सलाह उपलब्ध कराने हेतु केवीके पोर्टल शुभ आरंभ किया जा रहा है।
केवीके के उद्देश्य एवं गतिविधियां
1. विभिन्न कृषि उत्पादन प्रणालियों के अंतर्गत स्थान विशेष के लिए नई तकनीक, बीज एवं रोपण सामग्री को किसानों के खेत पर परीक्षण करना।
2. किसानों के खेतों पर विभिन्न फसलों, पशुपालन व अन्य कृषि आधारित उद्यमोंपर उनकी उत्पादन क्षमता सिद्ध करने के लिए अग्रपंक्ति के प्रदर्शन आयोजित करना एवं जिला कृषि विस्तार कर्मियों के माध्यम से बृहद् प्रसार का कार्य।
3. आधुनिक कृषि प्रौद्दोगिकी में किसानों के ज्ञान व कौशल को बढ़ाने के लिए प्रशिक्षण आयोजित करना।
4. प्रौद्दोगिकी विकास के नवीनतम क्षेत्रों में जिलावार कृषि विस्तार कार्मियों के ज्ञान को बढ़ाने के लिए उन्हें प्रशिक्षण देना।
5. उन्नतशील बीजों का केवीके प्रक्षेत्र पर उत्पादन एवं सीड हब तथा बीज ग्राम कार्यक्रम के माध्यम से किसानों के खेतों पर उत्पादन।
6. प्रौद्योगिकी के प्रसार की प्रक्रिया को तेज करने के लिए बड़े पैमाने पर विभिन्न विस्तार गतिविधियों जैसे किसान मेला, कृषि प्रदर्शनी, प्रौद्योगिकी सप्ताह, मीटिंग, समूह चर्चा, सेमिनार, फसल दिवस, रेडियो व टी.वी. पर चर्चा आदि का आयोजन।
मोदी सरकार आने के तुरंत बाद की गई पहल द्वारा नियमित निगरानी एवं मूल्यांकन हेतु तीसरे पक्ष से मूल्यांकन किया गया।
1. क्षेत्रीय स्तर पर मॉनिटरिंग हेतु मासिक, त्रैमासिक व अर्द्धवार्षिक समीक्षा का प्रावधान किया गया है।
2. कृषि विज्ञान केन्द्र केवल उसी संस्था को स्वीकृत किये जा रहे हैं जिस संस्था को कृषि के क्षेत्र में कम से कम पाँच वर्ष कार्य करने का अनुभव हो।
3. गैर सरकारी संस्थानों के अंतर्गत कृषि विज्ञान केन्द्र की स्वीकृति हेतु भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के पक्ष में 20.0 हैक्टेयर प्रक्षेत्र को मोर्टगेज करना अनिवार्य कर दिया गया है।
4. जिला स्तर पर सलाहकार समिति व संबंधित विभागों के समन्वय से कार्ययोजना व मॉनिटरिंग की प्रक्रिया प्रारंभ की गई है।
इसकी मुख्य विशेषताएं –
1. पोर्टल द्वारा प्रत्येक कृषि विज्ञान केन्द्रों के ऑनलाइन निगरानी का प्रावधान किया गया है जिसके अंतर्गत कृषि विज्ञान केन्द्रों द्वारा नियमित रूप से किए गये कार्यों का विवरण लेना एवं मासिक रूप से प्रगति रिपोर्ट प्राप्त करना सम्मिलित है।
2. इस पोर्टल के माध्यम से कृषि विज्ञान केन्द्र पर समय-2 पर उपलब्ध होने वाली विभिन्न सेवाओं के बारे जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
3. मौसम एवं बाजार की सूचनाएं भी इस पोर्टल के द्वारा किसान प्राप्त कर सकते हैं।
4. आने वाले कार्यक्रमों का भी विवरण इस वेबसाईट पर उपलब्ध है, जिससे किसान एवं प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले ग्रामीण युवक उन कार्यक्रमों का लाभ उठा सकेंगे।
5. प्रश्न पूछने एवं उत्तर प्राप्त करने की भी व्यवस्था की गई है जिससे किसान अपने प्रश्नों का उत्तर प्राप्त कर सकेंगे।
6. संबंधित जिले के बारे में भी कृषि एवं कृषि से संबंधित विषयों की सूचना पोर्टल पर उपलब्ध है।
7. किसान एवं अधिकारी अपना पंजीकरण कर स्वत:बहुत सारी सूचनायें प्राप्त कर सकते हैं।
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