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पंजाब में मंत्रियों को मिले विभाग: हरपाल चीमा वित्त तो मीत हेयर देखेंगे शिक्षा विभाग, सर्वाधिक 27 महकमे सीएम मान के पास

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पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने गृह विभाग एवं न्याय, विजिलेंस, स्थानीय निकाय, उद्योग, कृषि, रोजगार उत्पत्ति समेत कुल 27 विभाग अपने पास रखे हैं। बाकी अपने 10 मंत्रियों को सुपुर्द कर दिया है। उधर, पंजाब सिविल सचिवालय में उक्त मंत्रियों को कमरे भी आंवटित हो चुके हैं। पंजाब में आप के वरिष्ठ नेता और पूर्व नेता प्रतिपक्ष हरपाल सिंह चीमा को वित्त मंत्री बनाया गया है।

उन्हें योजना और एक्साइज एंड टैक्सेशन विभाग भी सौंपे गए हैं, जबकि पंजाब आप के युवा विंग की बागडोर संभाल रहे विधायक गुरमीत सिंह मीत हेयर को शिक्षा मंत्री बनाते हुए स्कूल शिक्षा, उच्च शिक्षा और खेल एवं युवा मामले विभाग की कमान भी सौंपी गई है।

डॉ. विजय सिंगला स्वास्थ्य विभाग के साथ मेडिकल शिक्षा विभाग भी संभालेंगे। वहीं हरजोत सिंह बैंस विधि एवं विधायी मामले विभाग के साथ-साथ खनन, जेल, पर्यटन एवं सांस्कृतिक मामले देखेंगे। डॉ. बलजीत कौर को सामाजिक सुरक्षा और महिला एवं बाल विकास विभाग, हरभजन सिंह ईटीओ को बिजली और लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) का जिम्मा सौंपा गया है।

लाल चंद कटारूचक खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के साथ वन और वन्य जीव विभाग भी संभालेंगे। लाल जीत सिंह भुल्लर को परिवहन विभाग के साथ आतिथ्य विभाग दिया गया है जबकि ब्रह्म शंकर जिंपा को जलापूर्ति एवं स्वच्छता विभाग के साथ पुनर्वास एवं आपदा प्रबंधन विभाग की जिम्मेदारी दी गई है। कुलदीप सिंह धालीवाल ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के साथ पशुपालन और एनआरआई मामले के विभाग देखेंगे।

सारी ताकत मुख्यमंत्री के पास, मंत्रियों में अनुभव को तरजीह
अपनी सरकार के गठन के साथ ही मुख्यमंत्री भगवंत मान ने अधिकांश अहम जिम्मेदारियां खुद ही संभाल ली हैं, जिससे पहला संकेत यही आया है कि मुख्यमंत्री मान जनता से किए वादों को जल्द से जल्द से लागू करने के अपने अभियान में किसी भी संभावित ढिलाई से बचना चाहते हैं। उनके मंत्रिमंडल में शामिल 10 में से आठ चेहरे पहली बार विधायक और मंत्री बने हैं। इनके पास विधायक और मंत्री का कोई अनुभव नहीं है।

लगातार दूसरी बार विधायक बने अपने हरपाल सिंह चीमा और गुरमीत सिंह मीत हेयर पर उन्होंने भरोसा जताया और क्रमश: वित्त, योजना व आबकारी विभाग और शिक्षा विभाग सौंपे हैं। खास बात यह है कि राज्य की खराब वित्तीय हालत सुधारने, नई आबकारी नीति तैयार कर राजस्व बढ़ाने के अलावा पंजाब में स्कूलों का स्तर सुधारना, मान सरकार के मुख्य एजेंडे का हिस्सा है।

मुख्यमंत्री के बाद पंजाब मंत्रिमंडल में हरपाल चीमा का कद नंबर दो का है और मीत हेयर का कद नंबर तीन का है। मुख्यमंत्री ने खुद अपने पास जिन विभागों को रखा है, उनमें रोजगार उत्पत्ति, श्रम, इनवेस्टमेंट प्रमोशन, सामान्य प्रशासन, औद्योगिक प्रशिक्षण, गवर्नेंस रिफॉर्म और जनसंपर्क विभाग शामिल हैं। ये सभी विभाग पार्टी के चुनाव घोषणापत्र के तहत राज्य में निवेश, सुशासन और औद्योगिकीकरण जैसे मुद्दों से जुड़े हैं।

मु्ख्यमंत्री भगवंत मान   
गृह विभाग एवं न्याय, विजिलेंस, प्रशासनिक सुधार, नागरिक उड्डयन, सामान्य प्रशासन, कार्मिक, आवास और शहरी विकास, स्थानीय निकाय, उद्योग एवं वाणिज्य, कृषि एवं कृषक कल्याण, बागबानी, जल एवं भू संरक्षण, खाद्य प्रसंस्करण, इनवेस्टमेंट प्रमोशन, विज्ञान तकनीक और पर्यावरण, संसदीय मामले, चुनाव, शिकायत निवारण, स्वतंत्रता सेनानी, तकनीकी शिक्षा एवं औद्योगिक प्रशिक्षण, रोजगार उत्पत्ति एवं प्रशिक्षण, श्रम, प्रिंटिंग एंड स्टेशनरी, डिफेंस सर्विसेज वेलफेयर, गवर्नेंस रिफॉर्म, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत, सूचना एवं जनसंपर्क।

हरपाल चीमा

  • वित्त, योजना, कार्यक्रम कार्यान्वयन, आबकारी एवं कराधान और सहकारिता

गुरमीत सिंह मीत हेयर 

  • स्कूली शिक्षा, खेल एवं युवा मामले, उच्च शिक्षा

डॉ. बलजीत कौर 

  • सामाजिक न्याय, आधिकारिता एवं अल्पसंख्यक, सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास

हरभजन सिंह ईटीओ 

  • बिजली, लोक निर्माण विभाग

डॉ. विजय सिंगला

  • स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, स्वास्थ्य शिक्षा और अनुसंधान

लालचंद 

  • खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले, वन, वन्य जीव

कुलदीप सिंह धालीवाल 

  • ग्रामीण विकास एवं पंचायतें, पशु पालन, मछली पालन व डेयरी विकास, एनआरआई मामले

लालजीत सिंह भुल्लर

  • परिवहन, आतिथ्य

ब्रह्म शंकर जिंपा

  • राजस्व, पुनर्वास एवं आपदा प्रबंधन, जल स्रोत, जलापूर्ति एवं स्वच्छता विभाग

हरजोत सिंह बैंस

  • विधि एवं विधायी मामले, खनन एवं भूविज्ञान, पर्यटन एवं संस्कृति मामले, जेल विभाग

सोर्स: यह Amar Ujala न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ श्रमजीवी जर्नलिस्ट टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

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