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भूपेन्द्र यादव ने भारत की स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूर्ण होने के क्रम में राष्ट्रीय प्राणी उद्यान में 75 पौधों के रोपण का स्वागत किया

देश-विदेश

पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह की अगुवाई में अंतर्राष्ट्रीय वन दिवस मनाने के लिये एक ऐतिहासिक पौधारोपण अभियान का आयोजन किया गया। यह आयोजन राष्ट्रीय प्राणी उद्यान में किया गया, जहां मंत्री से अधिकारियों तक, मीडिया से जनता तक, प्रत्येक ने एक-साथ आजादी के 75 वर्ष पूरे होने के क्रम में 75 पौधे लगाये।

यह ऐतिहासिक पहल भारत की स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में हर गांव में 75-75 पौधे लगाने के बारे में माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान के अनुपालन में की गई।

‘जनभागीदारी’ पहल न केवल जागरूकता पैदा करती है, बल्कि वनीकरण के जरिये 13 प्रमुख नदियों के पुनरुद्धार पर हाल में जारी विस्तृत परियोजना रिपोर्टों (डीपीआर) का भी पालन करती है। ये सारे प्रयास प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की उस आमूल परिकल्पना के अनुरूप हैं, जिसके तहत आने वाले 25 वर्ष ‘अमृत काल’ हैं। इस दौरान आने वाले 10 से 20 वर्षों में हरित आवरण को विस्तार देना है। इस कदम से मौजूदा पीढ़ी की ‘वन भागीदारी और जन भागीदारी’ के जरिये आने वाली पीढ़ी को ‘हरित भारत’ के दर्शन होंगे।

श्री भूपेन्द्र सिंह ने कहा कि इस उत्सव का उद्देश्य है जागरूकता पैदा करना, खासतौर से युवा पीढ़ी में, ताकि वे वनों से प्रेम करना सीखें और वनों के संरक्षण तथा सुरक्षा के लिये योगदान कर सकें।

श्री भूपेन्द्र यादव ने कहा कि शब्दों से बढ़कर कार्य होता है। इसलिये वृक्ष लगाने की पहल करने से ज्यादा जागरूकता फैलती है, न कि बोलने और लेख लिखने से। उन्होंने सराहना करते हुये कहा कि कलम पकड़ने वाले हाथ भी आज पेड़ लगाने के लिये मिट्टी से सने हैं। वे इस अभियान में मीडिया कर्मियों की भागीदारी का उल्लेख कर रहे थे।

वन संरक्षण को ‘जनभागीदारी’ का स्वरूप देने के उद्देश्य से एक अन्य पहल के तहत पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने आज नई दिल्ली के राष्ट्रीय प्राणी उद्यान में अंतर्राष्ट्रीय वन दिवस मनाया। इस अवसर पर पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री भूपेन्द्र यादव और पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्यमंत्री श्री अश्विनी चौबे उपस्थित थे। इसका उद्देश्य लोगों में हर तरह के वनों के प्रति जागरूकता पैदा करना था।

श्री अश्विनी चौबे ने जोर देकर कहा कि इस वार्षिक कार्यक्रम का उत्सव तभी सफल होगा, जब हर व्यक्ति वन संरक्षण को समझने लगेगा और उसके उत्पादों का समझदारी से इस्तेमाल करेगा।

कार्यक्रम के दौरान चंदन, शीशम, अगर की लकड़ी और लाल चंदन जैसी प्रजातियों के पौधारोपण को प्रोत्साहित करने के लिये वन-संवर्धन की गतिविधियों के विषय में पुस्तिका भी जारी की गई। यह पुस्तिका इन प्रजातियों को आगे बढ़ाने में बहुत सहायक होगी।

इसके अलावा, ‘प्रोजेक्ट एलीफैन्ट’ प्रभाग की पहल ‘ट्रम्पेट,’ ‘गज सूचना’ और ‘एपीपी’ न्यूज-लेटर भी इस अवसर पर जारी किये गये। केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण (सीजेडए) द्वारा तैयार “एक्स-सीटू मैनेजमेन्ट ऑफ एमफीबियंस इन ज़ू” नामक एक पुस्तिका भी जारी की गई।

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