लखनऊ: उत्तर प्रदेश के समाज कल्याण, अनुसूचित जाति/जनजाति एवं सैनिक कल्याण मंत्री श्री राम गोविन्द चैधरी ने प्रदेश के अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्रों को आई0ए0एस0, पी0सी0एस0 एवं अन्य परीक्षाओं की तैयारी हेतु निःशुल्क कोचिंग देने के लिए छात्रों के अभिभावकों की वार्षिक आय सीमा न्यूनतम 06 लाख रुपये बढ़ाये जाने के सम्बन्ध में प्रमुख सचिव समाज कल्याण को आवश्यक प्रस्ताव तत्काल प्रस्तुत करने के निर्देश दिये हैं।
श्री चैधरी ने ऐसे छात्रों के अभिभावकों की न्यूनतम आय सीमा 06 लाख रुपये तक करने को एक व्यवहारिक कदम बताते हुए कहा कि इससे अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में काॅफी सहूलियत मिलेगी।
गौरतलब है कि प्रदेश में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़े वर्ग के छात्रों की आई0ए0एस0, पी0सी0एस0 एवं अन्य परीक्षाओं की तैयारी हेतु निःशुल्क कोचिंग देने के लिए छात्रों के अभिभावकों की वार्षिक आय सीमा 01 लाख रुपये निर्धारित है। इतनी कम आय वर्ग के अभिभावक अपने बच्चों को उच्च परीक्षाओं के लिए संचालित कोचिंग संस्थानों में नही भेज पाते हैं, जिसके फलस्वरूप शासन की इन वर्गो को लाभ पहुंचाने की योजना की मंशा की पूर्ति नही हो पा रही है।
कतिपय समाचार पत्रों में प्रकाशित समाचार के अनुसार भारत सरकार ने अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्रों को मुफ़्त कोचिंग देने के लिए उनके अभिभावकों की न्यूनतम वार्षिक आय सीमा 06 लाख रुपये तक बढ़ा दी है।
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