ओलिंपिक में हिस्सा लेने वाली भारत की पहली तलवारबाज सी ए भवानी देवी ने आज एमसीसी हायर सेकेंडरी स्कूल चेन्नई के छात्रों के साथ बातचीत की और बच्चों में खेल और स्वास्थ्य के बारे में जागरूकता पैदा करने के प्रधानमंत्री के अनुरोध को स्वीकार किया।
केंद्रीय युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय और राज्य के शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित ‘‘मीट द चैंपियन’’ कार्यक्रम में 700 से अधिक छात्रों ने भाग लिया। उन्होंने ओलंपिक में अपने अनुभव साझा किए और एथलीटों के लिए आहार और व्यायाम के महत्व पर चर्चा की।
भवानी देवी ने एथलीटों को लगातार प्रोत्साहन देने के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि उन्हें डर था कि वह कोरोना महामारी के कारण ओलंपिक में भाग नहीं ले पाएंगी। भवानी देवी ने कहा कि उन्होंने 16 साल तक ओलंपिक के लिए कड़ी मेहनत की थी और उनकी मां ने उनके सभी प्रयासों में बहुत साथ दिया था।
उन्होंने यह भी कहा कि उसने 11 साल की उम्र में अपना अभ्यास शुरू किया था और अगले ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने के प्रति आश्वस्त हैं। भवानी देवी ने कहा कि चूंकि वह एक महिला हैं, इसलिए उन्हें खेल के क्षेत्र में विभिन्न कठिनाइयों का सामना करना पड़ा और वह खेल में रुचि होने के कारण ओलंपिक में भाग लेने में सक्षम हुईं।
उन्होंने छात्रों को इस तथ्य पर ध्यान देने के लिए प्रोत्साहित किया कि हमारे शहर में पौष्टिक खाद्य पदार्थ, सब्जियां और फल उपलब्ध हैं और वे उचित प्रशिक्षण के साथ ही खेल में अपना लक्ष्य हासिल कर सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र सरकार खेलों को बढ़ावा देने के लिए कई उपाय कर रही है, जिसमें विभिन्न अत्याधुनिक प्रशिक्षण केंद्रों और कोचों को जोड़ा जा रहा है।
यह कहते हुए कि तमिलनाडु सरकार ने खेलों के लिए 25 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं, भवानी ने कहा कि बेहतर होगा कि एक तलवारबाजी का प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों ने खेलों के लिए भारी धनराशि आवंटित की है।भवानी देवी ने छात्रों के सवालों का जवाब दिया और कुछ देर उनके साथ बैडमिंटन खेलकर उनका उत्साहवर्धन किया।