लखनऊः अपर मुख्य सचिव, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम, श्री नवनीत सहगल की अध्यक्षता में कृषि विभाग और विश्व बैंक की टीम के साथ आज लोक भवन में एक बैठक हुई। बैठक में अवसरों, नीतियों, कृषि में सुधार और रणनीतिक निवेश के माध्यम से उद्यम विकास पर चर्चा की गई।
बैठक में संयुक्त कार्यक्रम के तहत किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) को उत्पादन समूहों में विकसित किये जाने पर विचार-विमर्श किया गया। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश में उत्पाद विशेषज्ञता, बेहतर प्रसंस्करण, विपणन, ब्रांडिंग और निर्यात को बढ़ावा देने के लिए एक जिला-एक उत्पाद कार्यक्रम को केन्द्र बिन्दु बनाने पर सहमति बनी। राज्य में सभी मौजूदा और आगामी एफपीओ के लिए एक पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करते हुए महिला उद्यमियों/किसानों को सशक्त बनाने के लिए एक समावेशी दृष्टिकोण को बढ़ावा दिया जाएगा। कृषि और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग की संपूर्ण आपूर्ति श्रृंखला जैसे मृदा स्वास्थ्य, पर्याप्त बुनियादी ढांचे के निर्माण से फसल के बाद के नुकसान में कमी, उपयुक्त कृषि-लॉजिस्टिक्स के विकास, खपत को जोड़ने वाली उपयुक्त भंडारण क्षमता के निर्माण से संबंधित मुद्दों के लिए समग्र दृष्टिकोण से कार्य करने पर चर्चा हुई।
श्री नवनीत सहगल ने कृषि-पारिस्थितिक दृष्टिकोण को अपनाने और उत्तर प्रदेश राज्य में व्यापक जलवायु विविधता को संबोधित करने की सलाह दी। उन्होंने ओडीओपी कार्यक्रम के तहत उत्तर प्रदेश के आत्मनिर्भर सीएफसी (सामान्य सुविधा केंद्र) मॉडल का दौरा करने के लिए विश्व बैंक की टीम को भी आमंत्रित किया।
बैठक में श्री प्रशांत शर्मा, विशेष सचिव, एमएसएमई, श्री ऋषिरेंद्र कुमार, विशेष सचिव, कृषि, के साथ-साथ श्री एंड्रयू गुडलैंड (लीड), विनायक घाटे, अर्शिया गुप्ता तथा गौरव श्रीवास्तव उपस्थित थे।