नई दिल्लीः मानसून के महीनों में डेंगू, मलेरिया, जेई तथा एईएस जैसी मच्छरजनित बीमारियों के प्रबंधन के लिए प्रारंभिक तैयारी पर बल देते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री श्री जे.पी. नड्डा ने मच्छरजनित बीमारियों की स्थिति तथा राज्यों की तैयारियों की वीडियो कॉफ्रेंस के जरिये समीक्षा की। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने 11 राज्यों- असम, बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड, केरल, कर्नाटक , महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, तेलंगाना, त्रिपुरा और उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्रियों, मुख्य सचिवों तथा प्रधान स्वास्थ्य सचिवों से बातचीत की। मानसून आने पर मच्छरजनित बीमारियों के बढ़ने की आशंका को देखते हुए स्वास्थ्य मंत्रियों तथा राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों के स्तर पर समय से पहले ही यह बैठक की गई।
श्री जे.पी.नड्डा ने रोग पहचान कीट, औषधि, जांच प्रयोगशालाएं, मानव शक्ति और धन की उपलब्धता की समीक्षा की। अधिकतर राज्यों ने बताया कि उनके पास आवश्यक दवाओं और जांच कीट पर्याप्त रूप से उपलब्ध हैं। राज्यों ने बताया कि उनके पास जांच की भी पर्याप्त सुविधाएं हैं। श्री नड्डा ने राज्यों को सलाह दी कि वे निजी स्वास्थ्य सुविधाओं द्वारा डेंगू जांच मूल्य को सीमा में रखना सुनिश्चित करें।
डेंगू, मलेरिया जैसी मच्छर जनित बीमारियों की रोकथाम और प्रबंधन में अंतर क्षेत्रीय समन्वय औरप्रयासों में तालमेल के महत्व पर बल देते हुए श्री नड्डा ने राज्यों को सलाह दी कि वे नगर निगमों, स्वच्छता, पेय जल और शहरी विकास विभाग के साथ तालमेल बनाएं। उन्होंने राज्यों से सभी सार्वनिक और निजी क्षेत्र के भवनों को मच्छर मुक्त बनाने के लिए प्रयास करने को कहा। उन्होंने कहा कि नगर निगमों को कारगर रोकथाम के लिए घर-घर निगरानी रखने की जरूरत है। राज्यों ने बताया कि राज्यों में धुआं फैलाने और डीडीटी छिड़कने का काम किया है और वे मच्छर प्रजनन रोकने के अन्य उपाय करेंगे। श्री नड्डा ने आवासीय इलाकों को मच्छरों से मुक्त रखने के लिए निवासी कल्याण संगठनों को शामिल करने का सुझाव दिया।
स्वास्थ्य मंत्री ने महामारी वाले इलाकों के लिए विशेष रणनीति बनाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने राज्यों के स्वाथ्य मंत्रियों से अनुरोध किया कि वे राज्यों के प्रयास को व्यक्तिगत रूप से निर्देशित करें। श्री नड्डा ने मच्छरजनित बीमारियों के प्रबंधन के लिए राज्यों की क्षमता बढ़ाने में सभी आवश्यक सहयोग का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि कारगर निगरानी ही बीमारियों से लड़ने की सफल कुंजी है। स्वास्थ्य मंत्री ने राज्यों को राज्य, क्षेत्र और जिला स्तर पर कीट विज्ञानियों के रिक्त पद भरने का आग्रह किया।