लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में विकास और समृद्धि की व्यापक सम्भावनाएं हैं। हमारे समक्ष उत्तर प्रदेश को देश का नम्बर-1 राज्य और प्रदेश की अर्थव्यवस्था को देश की नम्बर-1 अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि इसके लिए व्यापक रूपरेखा बनायी जाए। उन्होंने कहा कि सभी विभाग 100 दिन, 06 माह एवं वार्षिक लक्ष्य निर्धारित करते हुए विस्तृत एवं व्यावहारिक कार्ययोजना बनाएं। उन्होंने कार्ययोजना के माध्यम से लोक कल्याण संकल्प पत्र-2022 के बिन्दुओं एवं भारत सरकार की योजनाओं को भी आगे बढ़ाने पर बल दिया।
मुख्यमंत्री जी आज यहां लोक भवन में शासन की 100 दिन की कार्ययोजना के प्रस्तुतीकरण के अवसर पर अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। मुख्यमंत्री जी की अध्यक्षता में मंत्रिमण्डल के समक्ष शासन की 100 दिन की कार्ययोजना का प्रस्तुतीकरण मुख्य सचिव श्री दुर्गा शंकर मिश्र द्वारा किया गया। इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य तथा श्री ब्रजेश पाठक सहित राज्य मंत्रिमण्डल के सदस्यगण एवं वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि शासन के सभी विभागों को 10 सेक्टरों में विभाजित कर सेक्टरवार लक्ष्य निर्धारित करते हुए कार्ययोजना तैयार की जाए तथा एक सप्ताह पश्चात इनका सेक्टरवार प्रस्तुतीकरण किया जाए। उन्होंने कहा कि लक्ष्यों को तय करते समय व्यावहारिक और आर्थिक पहलुओं का भी ध्यान रखा जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कार्ययोजना में निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए कारगर रणनीति भी तैयार की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि कार्ययोजना को मूर्तरूप देने के लिए हम सभी को टीम यूपी के रूप में कार्य करना होगा। मंत्रिगण अपने-अपने विभागों में विचार-विमर्श कर रणनीति तैयार करें। उन्होंने कहा कि बेहतर कार्य संस्कृति एवं कार्य निष्पादन के लिए व्यवस्था में आवश्यक परिवर्तन किया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कार्ययोजना बनाते समय ‘ईज़ ऑफ लिविंग’ पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। लोगों के जीवन को सहज और सरल बनाने के साथ जीवन स्तर में सुधार लाने वाली योजनाओं यथा एक जनपद एक उत्पाद योजना, विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना, स्वामित्व योजना आदि को तेजी से आगे बढ़ाया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री जी ने शासन की योजनाओं की आमजन तक व्यापक पहुंच के लिए तकनीक के प्रयोग पर बल दिया। उन्होंने कहा कि जन शिकायतों के त्वरित एवं प्रभावी निस्तारण के लिए ऑनलाइन व्यवस्था विकसित की जाए।
शासन के विभिन्न विभागों को 10 सेक्टरों-कृषि उत्पादन, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास, सामाजिक सुरक्षा, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, ग्राम्य विकास, नगरीय विकास, पर्यटन एवं संस्कृति, शिक्षा, राजस्व संग्रह एवं विविध सेक्टर में विभक्त किया गया है।
कृषि उत्पादन सेक्टर के अन्तर्गत कृषि विभाग, कृषि विपणन एवं विदेश व्यापार, कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान, उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण, गन्ना विकास, पशुधन, दुग्ध विकास, मत्स्य, रेशम विकास, लघु सिंचाई एवं भूगर्भ जल, सिंचाई एवं जल संसाधन तथा सहकारिता विभाग सम्मिलित हैं।
अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास सेक्टर में अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास, एम0एस0एम0ई0 तथा निर्यात प्रोत्साहन, हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग, ऊर्जा, अतिरिक्त ऊर्जा, आई0टी0 एवं इलेक्ट्रॉनिक्स, नागरिक उड्डयन, लोक निर्माण विभाग, खादी एवं ग्रामोद्योग, एन0आर0आई0 एवं संस्थागत वित्त, सामाजिक सुरक्षा सेक्टर में समाज कल्याण, महिला कल्याण, दिव्यांगजन सशक्तीकरण, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक कल्याण एवं वक्फ, श्रम तथा खाद्य एवं रसद, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेक्टर के तहत चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, चिकित्सा शिक्षा, आयुष, बाल विकास एवं पुष्टाहार और खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग शामिल हैं।
ग्राम्य विकास सेक्टर में ग्राम्य विकास, पंचायतीराज, नमामि गंगे एवं जलापूर्ति, राजस्व तथा ग्रामीण अभियंत्रण सेवा, नगरीय विकास सेक्टर के अन्तर्गत आवास एवं शहरी नियोजन, नगर विकास, नगरीय रोजगार एवं गरीबी उन्मूलन, पर्यावरण तथा वन एवं वन्य जीव, पर्यटन एवं संस्कृति सेक्टर के तहत संस्कृति, पर्यटन, धर्मार्थ कार्य, सूचना तथा भाषा, शिक्षा सेक्टर के अन्तर्गत बेसिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा, उच्च शिक्षा, व्यावसायिक शिक्षा, प्राविधिक शिक्षा, खेलकूद तथा युवा कल्याण, राजस्व संग्रह सेक्टर के अन्तर्गत जी0एस0टी0, कर एवं निबन्धन, आबकारी, परिवहन, भूतत्व एवं खनिकर्म तथा विविध सेक्टर के अन्तर्गत गृह, सचिवालय प्रशासन, कार्मिक एवं होमगार्ड्स विभागों को सम्मिलित किया गया है।