केंद्रीय युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्री श्री अनुराग ठाकुर ने आजादी का अमृत महोत्सव के तहत आयोजित संकल्प से सिद्धि: नया भारत नया संकल्प विषय पर सम्मेलन में “इंडिया @ 100 के लिए स्वयंसेवियों को जोड़ने की रणनीति” पर सत्र को संबोधित किया। संस्कृति मंत्रालय, भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) और इंडिया@75 फाउंडेशन ने संयुक्त रूप से आज नई दिल्ली में इस सम्मेलन का आयोजन किया।
अपने संबोधन के दौरान, श्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि महामारी ने हमें इस बात पर पुनर्विचार करने और फिर से सोचने पर मजबूर कर दिया है कि हमें महामारी के बाद के युग में कैसे रहना है। जब पूरा देश लॉकडाउन में था, यह स्वयंसेवा की भावना थी जिसके बल पर हमारे युवा स्वयंसेवकों द्वारा पूरे देश में पीएमजीकेवाई के तहत स्थानीय क्षेत्रों और गरीबों के घरों में राशन व अस्थायी रसोई स्थापित करके जरूरतमंदों तक गर्म भोजन गरीबों तक पहुंचाया गया।
श्री ठाकुर ने नया भारत-नया संकल्प का उल्लेख करते हुए कहा कि राष्ट्र तभी स्वस्थ हो सकता है, जब उसके युवा हिस्सेदारी लें और विकास की पहल में शामिल हों। युवाओं को देश के स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान एवं बलिदान को सदैव याद रखना चाहिए। श्री ठाकुर ने कहा कि आपको बलिदान करने की आवश्यकता नहीं है, लेकिन युवाओं को अपना योगदान देना होगा।
श्री ठाकुर ने कहा कि अब चूंकि भारत अपनी स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे कर रहा है, तो ऐसे में हमें संकल्प लेना चाहिए तथा हमें प्रतिबद्ध होना चाहिए कि हम क्या हासिल करने जा रहे हैं और हम इसके अमृत काल के दौरान जो योगदान करने जा रहे हैं, वह अब से लेकर इंडिया@100 तक होगा। उन्होंने कहा कि इस देश का वर्तमान और भविष्य बनाना पूरी तरह से युवाओं के हाथ में है।
श्री ठाकुर ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि भारत ने सतत विकास के लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं में युवाओं को शामिल किया है। सतत विकास के लिए 2030 एजेंडा सार्वजनिक भागीदारी, स्वामित्व और एकजुटता पर निर्भर है। श्री ठाकुर ने इस बात का भी जिक्र किया कि किस तरह से महामारी के दौरान बड़ी संख्या में स्टार्टअप उभरे और लगभग 47 यूनिकॉर्न हमारे सामने आए।
श्री ठाकुर ने अन्य संगठनों और निजी क्षेत्र से युवाओं को आकर्षित करने तथा बड़ी संख्या में उनकी भागीदारी के लिए अनेक कार्यक्रमों के आयोजन में विभिन्न मंत्रालयों के साथ सहयोग करने का भी अनुरोध किया।
श्री ठाकुर ने आगे कहा कि पिछले कुछ वर्षों में हमने युवाओं की भागीदारी में तीव्र बढ़ोतरी देखी है, चाहे वह राजनीतिक भागीदारी व प्रतिनिधित्व के माध्यम से हो या फिर नागरिक समाज के जुड़ाव की पहल के जरिए। उन्होंने कहा कि 2030 तक लाखों लोग भारत के कार्यबल में शामिल होने वाले हैं, इसे देखते हुए युवाओं को राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया में हिस्सा लेने को लेकर अवसर प्रदान करने के साथ-साथ उनके कौशल को विकसित करने के लिए एक राह दिखाने करने की जरूरत है। मंत्री ने आगे बताया कि अगर हम इस संबंध में व्यवस्थित रूप से आगे बढ़ते हैं, तो भारत विश्व में सबसे बड़ा कार्यबल तैयार कर सकता है। केंद्रीय मंत्री ने निजी क्षेत्र से नए विकल्पों के निर्माण और युवाओं को सार्थक रूप से जोड़ने के लिए अनोखे विचारों के साथ स्वयं सेवा को बढ़ावा देने के अनुरोध के साथ अपने संबोधन का समापन किया।
संस्कृति मंत्रालय भारत की आजादी के 75वें वर्ष के अवसर पर भारत@75 आजादी का अमृत महोत्सव के तहत कार्यक्रमों की एक साल लंबी श्रृंखला आयोजित कर रहा है। इनमें संकल्प से सिद्धि सम्मेलन एक प्रमुख कार्यक्रम है।
कई हितधारकों वाले सम्मेलन “संकल्प से सिद्धि” का आयोजन भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय, भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) और भारत@75 फाउंडेशन ने संयुक्त रूप से किया था। इस सम्मेलन में विकास के विभिन्न क्षेत्रों में देश की उपलब्धियों और आगे की राह पर विचार-विमर्श करने के लिए महत्वपूर्ण हितधारकों को आमंत्रित किया गया।