15.1 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

डॉ. मनसुख मांडविया ने “विश्व मलेरिया दिवस 2022” के उपलक्ष्य में मुख्य भाषण दिया

देश-विदेशसेहत

मलेरिया के नियंत्रण और उसकी रोकथाम के बारे में “न केवल निदान और उपचार बल्कि हमारे व्यक्तिगत और सामुदायिक परिवेश में स्वच्छता और सामाजिक जागरूकता मलेरिया के खिलाफ हमारी सामूहिक लड़ाई और 2030 तक देश से मलेरिया को खत्म करने के हमारे लक्ष्य को पूरा करने के लिए समान रूप से महत्वपूर्ण है।” केन्‍द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने आज विश्व मलेरिया दिवस 2022 के उपलक्ष्य में अपने संबोधन के दौरान यह बात कही। उन्‍होंने जोर देकर कहा, “आवश्यकता स्वास्थ्य देखभाल प्रदान करने की प्रणाली के प्रगतिशील सुदृढ़ीकरण पर जोर देने और बहु-क्षेत्रीय समन्वय और सहयोग में सुधार करने की है।”

हर साल, 25 अप्रैल को ‘विश्व मलेरिया दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। इस वर्ष की विषय वस्‍तु है “वैश्विक मलेरिया रोग के बोझ को कम करने और जीवन बचाने के लिए नवाचार का दोहन” है।

डॉ. मांडविया ने राष्ट्रीय और उप-राष्ट्रीय प्रयासों के माध्यम से मलेरिया उन्मूलन को प्राथमिकता देने का आह्वान किया। उन्होंने जोर दिया कि प्रौद्योगिकी और नवाचार का लाभ उठाने से भारत की मलेरिया उन्मूलन योजना को आगे बढ़ाने के लिए विशेष समाधान विकसित करने में मदद मिलेगी और बेहतर स्वास्थ्य, जीवन की गुणवत्ता और गरीबी उन्मूलन में योगदान मिलेगा। उन्होंने कहा कि निदान, समय पर और प्रभावी उपचार और वेक्टर नियंत्रण उपायों के बारे में जन जागरूकता पैदा करने के लिए सहयोगी संगठनों के साथ आशा, एएनएम सहित जमीनी स्तर के स्वास्थ्य कर्मियों को मिलकर काम करने की जरूरत है। उन्होंने आगे सुझाव दिया कि निजी क्षेत्र सहित प्राइवेट डॉक्‍टर अपने मलेरिया मामलों के प्रबंधन और जानकारी तथा संबंधित कार्यों को राष्‍ट्रीय कार्यक्रम से जोड़ सकते हैं। उन्होंने कहा, “जैसा कि हम नवीन प्रौद्योगिकी के उपयोग के साथ आगे बढ़ रहे हैं, भारत की “ई-संजीवनी” ने टेली-परामर्श और टेली-रेफरेंसिंग का मार्ग दिखाया है जिसका मलेरिया सहित विभिन्न स्वास्थ्य देखरेख समस्‍याओं के निदान और उपचार के लिए जमीनी स्तर पर व्‍यापक पैमाने पर उपयोग किया जा रहा है।”

केन्‍द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने मलेरिया उन्मूलन में मिली सफलता के बारे में भी विस्तार से बताया। “भारत ने मलेरिया की घटनाओं और मौतों को कम करने में उल्लेखनीय प्रगति की है। हमारे प्रयासों के परिणामस्वरूप 2015 की तुलना में 2021 में मलेरिया के मामलों में 86.45% की गिरावट और मलेरिया से संबंधित मौतों में 79.16% कमी आई है। डॉ. मांडविया ने कहा कि देश के 124 जिलों में ‘शून्य मलेरिया केस’ दर्ज किया गया है। मलेरिया उन्मूलन के हमारे लक्ष्य की दिशा में यह एक बड़ा कदम है, लेकिन मलेरिया मुक्त भारत के सपने को पूरा करने के लिए अभी और भी बहुत कुछ करने की जरूरत है।

केन्‍द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री, डॉ. भारती प्रवीण पवार ने इस बात पर प्रकाश डाला कि, “2030 तक मलेरिया को खत्म करने की दिशा में काम एक मिशन मोड पर चल रहा है। केन्‍द्र सरकार बुनियादी ढांचे में सुधार और प्रयोगशाला सहायता सहित मलेरिया के बोझ को कम करने के लिए राज्य सरकारों के साथ जमीनी स्तर पर काम कर रही है।” उन्होंने जोर देकर कहा कि यदि जांच और उपचार में और प्रयास किए गए, तो भारत 2030 तक मलेरिया उन्मूलन के सपने को हासिल कर लेगा।

आम जनता के बीच जागरूकता बढ़ाने के लिए, विश्व मलेरिया दिवस 2022 के अवसर पर नई दिल्ली, लखनऊ, भुवनेश्वर और नागपुर रेलवे स्टेशन नारंगी और बैंगनी रंग की रोशनी से जगमगाएंगे।

इस अवसर पर एकीकृत वेक्टर प्रबंधन 2022 पर एक नियम पुस्तिका जारी की गई। गणमान्य व्यक्तियों ने निरन्‍तर विकास के लक्ष्यों की उपलब्धि के साथ 2030 तक मलेरिया को खत्म करने के लिए उचित व्यवहार और पद्धतियों का पालन करने का संकल्प लिया।

इस अवसर पर केन्‍द्रीय स्वास्थ्य सचिव श्री राजेश भूषण; एएस और एमडी (एनएचएम) श्री विकास शील; जेएस (एमओएचएफडब्ल्यू) डॉ. हरमीत सिंह ग्रेवाल; स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक डॉ. अतुल गोयल; एनसीडीसी के निदेशक डॉ सुजीत सिंह; एनसीवीबीडीसी के निदेशक डॉ. तनु जैन और अन्य वरिष्ठ अधिकारी, भारत में डब्ल्यूएचओ के प्रतिनिधि डॉ. रोडरिक ओफ्रिन भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए।

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More