केंद्र सरकार आजादी का अमृत महोत्सव के तहत 25 अप्रैल से 1 मई 2022 की अवधि के दौरान जनभागीदारी आंदोलन के रूप में ‘किसान भागीदारी प्राथमिकता हमारी’ अभियान के तहत ‘फसल बीमा पाठशाला’ का आयोजन करेगी। केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर 27 अप्रैल 2022 को राष्ट्रीय स्तर के विशेष कार्यक्रम, ‘फसल बीमा पाठशाला’ की अध्यक्षता करेंगे। वे विशेष रूप से आयोजित ‘फसल बीमा पाठशाला’ के माध्यम से देश भर में इसे लागू करने वाले सभी राज्यों के किसानों से जुड़ेंगे, जिनका संयोजन सीएससी द्वारा देश के लगभग 1 लाख स्थानों से किया जायेगा।
25 अप्रैल से 1 मई 2022 तक स्प्रिंट अभियान के तहत, लागू करने वाली सभी बीमा कंपनियां अभियान अवधि के सभी 7 दिनों के दौरान ब्लॉक / जीपी / गांव में ‘पीएमएफबीवाई- फसल बीमा पाठशाला’ आयोजित करेंगी और कार्यक्रम के लिए कम से कम 100 किसानों की भागीदारी सुनिश्चित की जायेगी।
अभियान का उद्देश्य मौजूदा खरीफ सीजन 2022 के लिए किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) के प्रमुख पहलुओं जैसे योजना के प्रमुख प्रावधानों, फसलों की बीमा का महत्व और योजना का लाभ कैसे प्राप्त करें आदि के बारे में जागरूक बनाना एवं पीएमएफबीवाई का लाभ प्राप्त करने में किसानों को सुविधा प्रदान करना है।
इस अभियान के तहत, पीएमएफबीवाई / आरडब्लूबीसीआईएस (पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना) के महत्व तथा किसान इस योजना के तहत कैसे नामांकन कर सकते हैं और किस प्रकार योजना का लाभ उठा सकते हैं, पर व्यापक ध्यान दिया जाएगा। स्थानीय आपदाओं के दौरान फसल के नुकसान की सूचना और फसल के बाद के नुकसान, किसानों के आवेदन की अद्यतन जानकारी, शिकायत निवारण के लिए किसान किन से संपर्क कर सकते हैं आदि के बारे में किसानों को विस्तार से समझाया जाएगा, ताकि वे योजना का अधिकतम प्राप्त कर सकें।
इस अवसर पर जिला और ब्लॉक स्तर के पदाधिकारियों तथा लागू करने वाली बीमा कंपनियों के कार्यालयों के संपर्क विवरण, टोल-फ्री नंबर, ईमेल, या आईसी द्वारा विकसित कोई अन्य तरीका जैसे चैटबॉट, ऐप आदि को विस्तार से समझाया जाएगा।
राज्य विशेष का कार्यक्रम, राष्ट्रीय कार्यक्रम के बाद भी जारी रहेगा, जहां राज्य के कृषि मंत्री अपने-अपने राज्यों के किसानों के साथ बातचीत करेंगे। फसल बीमा पाठशाला पर एक घंटे के कार्यक्रम का आयोजन सीएससी के समन्वय में बीमा कंपनियों द्वारा किया जायेगा। राज्य विशेष के कार्यक्रम के लिए किसानों के साथ-साथ पंचायत राज प्रतिनिधियों (पीआरआई), सदस्यों और जीपी स्तर (कृषि, राजस्व, पंचायत राज आदि विभिन्न विभाग) पर कार्यरत राज्य सरकार के क्षेत्रीय पदाधिकारियों को भी आमंत्रित किया जाएगा। स्थानीय प्रमुख व्यक्तियों, प्रगतिशील किसान, कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके), किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ), स्वयं सहायता समूह (एसएचजी), ग्राम स्तर के संगठन (वीओ) आदि को भी विशेष आमंत्रित/अतिथि के रूप में आमंत्रित किया जाएगा। भाग लेने वाले किसानों को वितरित की जाने वाली प्रसार किट में योजना की प्रमुख सुविधाएं और अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न शामिल होंगे।