लखनऊ: श्री जावीद अहमद, पुलिस महानिदेशक, उ0प्र0 द्वारा आज दिनांक 16-07-2016 को प्रातः 1000 बजे विधि विज्ञान प्रयोगशाला महानगर, लखनऊ के कम्प्यूटर लैब में 05 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन किया गया । यह कार्यक्रम सेंटर फार रिसर्च आॅन साइबर क्राइम एण्ड साइबर लाॅ एवं कम्प्यूटर सोसाइटी आॅफ इण्डिया, नोएडा के सहयोग से दिनांक 20-07-2016 तक आयोजित किया जा रहा है ।
पुलिस महानिदेशक द्वारा सेंटर फार रिसर्च आॅन साइबर क्राइम एण्ड साइबर लाॅ एवं कम्प्यूटर सोसाइटी आॅफ इण्डिया को धन्यवाद दिया गया । इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में 17 जनपदों के पुलिस अधीक्षक अपराध के अधीन साइबर अपराध से सम्बन्धित दो-दो विवेचकों द्वारा प्रतिभाग किया जा रहा है । प्रतिभागियों का आहवान करते हुए उन्होंने कहा कि क्राइम ब्रांच का काम किसी अन्य महत्वपूर्ण कार्यों से कम नहीं है, सिर्फ थाना ही काम करने की इकाई नहीं है । अपराध की दुनिया बदल रही है इससे बड़े अपराध ए0सी0 कमरों में बैठकर हो रहे हैं । पुलिसिंग की चुनौतियाॅ बदलते परिवेश में बदल रही हैं, क्राइम ब्रांच की भूमिका आने वाले समय में और बढे़गी । अपराध सिर्फ बाहुबल का खेल नहीं, बल्कि लड़ाई दिमाग की है । उन्होंने विवेचकों से कहा कि साइबर अपराध के मामलों का साक्ष्य संकलन बिना छेड़छाड़ के किया जाये, ताकि विश्वसनीयता बनी रहे ।
पुलिस महानिदेशक द्वारा कहा गया कि उ0प्र0 पुलिस में साइबर क्राइम की विवेचना में बहुत सुधार की गुंजाईश है । नोएडा में साइबर लैब का उद्घाटन हो चुका है, जल्द ही एस0टी0एफ0 लखनऊ में भी साइबर लैब की स्थापना होगी ।
इस अवसर पर पुलिस महानिदेशक, प्रशिक्षण श्री सुलखान सिंह, अपर पुलिस महानिदेशक, प्रशिक्षण श्री बी0के0 मौर्या, पुलिस महानिरीक्षक एवं पुलिस महानिदेशक के सहायक, उ0प्र0 श्री संजय सिंघल सहित पुलिस अधिकारीगण उपस्थित रहे ।
इसके उपरांत पुलिस महानिदेशक, उ0प्र0 द्वारा ई-थाने का निरीक्षण किया गया। जहाॅ पर पाया गया कि 01 जून से 15 जुलाई 2016 तक ई एफआईआर दर्ज कराने के लिये 560 लोगों द्वारा प्रयास किया गया जिसमें 220 ई एफआईआर दर्ज की गयी तथा 340 आवेदन तकनीकी कारणों से निरस्त हो गये । ई एफआईआर निरस्त होने के तकनीकी कारणों में प्रमुख रूप से नामजद अभियुक्त होना, अहस्ताक्षरित होना, अपूर्ण सूचना, दुबारा एफआरआर कराने का प्रयास इत्यादि प्रमुख थे।
पुलिस महानिदेशक द्वारा निरीक्षण के दौरान निर्देश दिया गया कि ई एफआईआर हेतु व्यवहारिक तकनीकी परेशानियों को दूर किया जाये जिससे जनता को कोई असुविधा न हो। उन्होंने बताया कि प्रत्येक थानों पर अपराध सं0 7001 से ई एफआईआर अंकित की जायेगी। 01 जून से 13 जुलाई तक 209 ई एफआईआर दर्ज हुई थीं जिसमें सबसे अधिक जनपद गाजियाबाद में 149, गौतमबुद्धनगर में 12 एफआईआर दर्ज हुई है।