लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में प्रदेश में ट्रैक, टेस्ट, ट्रीट और टीकाकरण की नीति के सफल क्रियान्वयन से कोविड महामारी पर प्रभावी नियंत्रण बना हुआ है। इसके बावजूद अतिरिक्त सतर्कता बरतना आवश्यक है। उन्होंने कोरोना प्रोटोकॉल के पालन के लिए लोगों को निरन्तर जागरूक किए जाने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री जी आज यहां अपने सरकारी आवास पर आहूत टीम-9 की बैठक में प्रदेश में कोरोना संक्रमण की स्थिति की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में प्रतिदिन कम से कम डेढ़ लाख कोविड टेस्ट किए जाएं। कोविड पॉजिटिव पाए जा रहे लोगों के सैम्पल की जीनोम सिक्वेंसिंग का कार्य सतत जारी रखा जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कोरोना संक्रमित 99 फीसदी लोग घर पर ही स्वास्थ्य लाभ कर रहे हैं। इन लोगों के स्वास्थ्य पर सतत नजर रखी जाए। जिन जनपदों में अधिक केस मिल रहे हैं, वहां सार्वजनिक स्थानों पर फेस मास्क लगाए जाने की अनिवार्यता को प्रभावी ढंग से लागू किया जाए।
मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया गया कि पिछले 24 घण्टों में राज्य में कोरोना संक्रमण के 269 नए मामले सामने आए हैं। इस अवधि में 218 व्यक्तियों को सफल उपचार के उपरान्त डिस्चार्ज किया गया है। वर्तमान में प्रदेश में कोरोना के सक्रिय मामलों की संख्या 1587 है। पिछले 24 घण्टे में प्रदेश में 01 लाख 20 हजार 467 कोरोना टेस्ट किए गए। अब तक राज्य में 11 करोड़ 14 लाख 15 हजार 554 कोविड टेस्ट सम्पन्न हो चुके हैं।
बैठक में यह जानकारी भी दी गयी कि राज्य में गत दिवस तक 31 करोड़ 48 लाख 49 हजार से अधिक कोरोना वैक्सीन की डोज लगाई जा चुकी हैं। 18 वर्ष से अधिक आयु वर्ग में 13 करोड़ 06 लाख 96 हजार से अधिक लोगों को टीके की दोनों डोज देकर कोविड सुरक्षा कवच प्रदान किया जा चुका है। इस प्रकार 88.65 प्रतिशत लोग कोविड टीके की दोनों डोज ले चुके हैं। 18 वर्ष से अधिक आयु वर्ग में 15 करोड़ 29 लाख 88 हजार से अधिक लोगों ने कोविड वैक्सीन की पहली डोज प्राप्त कर ली है।
विगत दिवस तक 15 से 17 वर्ष आयु वर्ग में 95.33 प्रतिशत किशोर कोविड वैक्सीन की प्रथम डोज तथा 66.84 प्रतिशत किशोर टीके की दूसरी खुराक प्राप्त कर चुके हैं। 12 से 14 वर्ष आयु वर्ग के 52 लाख 85 हजार से अधिक बच्चों ने टीके की पहली खुराक प्राप्त कर ली है। 27 लाख 87 हजार से अधिक प्रिकॉशन डोज प्रदान की जा चुकी हैं। उन्होंने कहा कि 12 से 14 आयु वर्ग के बच्चों का टीकाकरण और तेज किया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में अक्षय तृतीया, परशुराम जयंती और ईद के अवसर पर बिजली की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित की जाए। किसी भी तरह की अनावश्यक कटौती न हो। धार्मिक स्थलों के आसपास स्वच्छता, पेयजल आदि के प्रबंध किए जाएं। विभिन्न पर्वों को देखते हुए लोगों की सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि विगत दिवस दिल्ली यात्रा के दौरान उनकी केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री जी, केन्द्रीय ऊर्जा मंत्री जी और केन्द्रीय रेल मंत्री जी के साथ बिजली आपूर्ति के सम्बंध में सकारात्मक बातचीत हुई। तीनों मंत्रीगणों ने पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा कि कोयले की ढुलाई के लिए रेल मंत्रालय प्रदेश को अतिरिक्त रैक देने जा रहा है। साथ ही प्रदेश को भारत सरकार से अतिरिक्त बिजली भी प्राप्त होगी। उन्होंने कहा कि रोस्टर के अनुरूप निर्बाध बिजली आपूर्ति के लिए समुचित प्रबंध किए जाएं। फिलहाल स्थिति सामान्य है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि एक भी विद्युत उपभोक्ता को गलत बिजली बिल न मिले। ओवरबिलिंग अथवा विलंब से बिल दिए जाने से उपभोक्ता को परेशानी होती है। इससे उपभोक्ता बिल जमा करने के प्रति उत्साहित नहीं होता। सभी को समय से बिल और सही बिल दिया जाना सुनिश्चित किया जाए। इसके लिए ठोस कार्ययोजना बनायी जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि बिजली आपूर्ति होती रहे इसके लिए बिल का भुगतान जरूरी है। बिजली का उपभोग करने वाले हर उपभोक्ता की यह ज़िम्मेदारी है कि वह समय से बिजली बिल का भुगतान करे। ऊर्जा विभाग/विद्युत निगमों को बिल के समयबद्ध संकलन के लिए ठोस प्रयास करने होंगे। बकायेदारों से लगातार संपर्क एवं संवाद किया जाए। साथ ही, बिजली बिल कलेक्शन सिस्टम में भी सुधार किया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा प्रदेश की 15 करोड़ गरीब जनता के सुचारु भरण-पोषण के लिए मुफ्त राशन उपलब्ध कराया जा रहा है। राशन के अतिरिक्त दाल, नमक और खाद्य तेल भी दिया जा रहा है। अंत्योदय कार्ड धारकों को चीनी भी मुफ्त दी जा रही है। उन्होंने कहा कि व्यापक जनहित की प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना सुव्यवस्थित रूप से चलती रहे, इसके लिए वितरण सामग्री की उपलब्धता, वितरण प्रणाली आदि की नियमित अंतराल पर समीक्षा की जाए।
मुख्यमंत्री जी ने निर्देशित किया कि विकासखंड स्तर पर 2000-2500 गोवंश क्षमता वाले गो आश्रय स्थल स्थापित करने की योजना बनायी जाए। प्रदेश के सभी गो-आश्रय स्थलों में व्यवस्था सुचारु रखी जाए। गोवंश को गर्मी अथवा धूप से सुरक्षित रखने के प्रबंध किए जाएं। गो-आश्रय स्थलों में हरा चारा-भूसा, चोकर, पानी आदि की समुचित व्यवस्था की जाए। उन्होंने कहा कि इन दिनों गेहूं की कटाई चल रही है। ऐसे में पशु चारे की खरीद अभी कर ली जाए। दुग्ध समितियों के गठन की प्रक्रिया को और तेज किया जाए।