लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग, श्री नरेन्द्र कुमार कश्यप ने उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के बजट 2022 – 2023 पर प्रतिक्रिया देते हुए अवगत कराया कि मा० मुख्य मंत्री जी, योगी सरकार का बजट उत्तर प्रदेश को सर्वाेत्तम प्रदेश बनाने की दिशा में बहुत सराहनीय कदम है। यह बजट लोक कल्याणकारी है, जिसमें गरीब, मजदूर, किसान, छात्र, नौजवान, महिलाओं के साथ-साथ उद्योग एवं कारोबार को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश सरकार संकल्पित है। मा0 मुख्य मंत्री जी द्वारा उत्तर प्रदेश को एक खुशहाल प्रदेश बनाने के लिए बजटीय व्यवस्था में वृद्धि की गयी है। 2022-2023 में योगी सरकार का बजट उत्तर प्रदेश के इतिहास में सबसे बृहद बजट पेश किया गया है, जिसमें कुल 6 लाख 15 हजार 518 करोड़ 57 लाख रूपये की अनुमानित व्यवस्था की गयी है, जो कि आजाद भारत में प्रदेश के अन्दर अब तक की सबसे बड़ी बजटीय व्यवस्था है, जिसमें कानून व्यवस्था पर प्रदेश सरकार की जीरो टॉलरेन्स की नीति के तहत कानून व्यवस्था को अधिक मजबूत बनाये जाने हेतु पुलिस इमरजेंसी प्रबन्ध प्रणाली के अन्तर्गत यू०पी० 112 इसके सुदृढ़ीकरण के लिए 730 करोड़ 88 लाख रूपये की व्यवस्था व अस्त्र-सस्त्र हेतु 250 करोड़ की व्यवस्था प्रस्तावित की गयी है। किसान हितैषी सरकार के रूप में योगी सरकार किसानों के लिए हितकारी कदम उठाने के लिए प्रतिबद्ध है, जिसके तहत मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना योजना, मुफ्त सिचाई सुविधा निरन्तर मुहैया करायी जा रही है। यह बजट महिला, बालक, दलित, पिछड़ा व अल्पसंख्यक सभी वर्गों की खुशहाली हेतु सबका साथ सबका विकास को दर्शाता है।
राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तीकरण ने अवगत बताया कि इस बजट से प्रदेश के विकास को नयी दशा व दिशा प्रदान होगी और प्रदेश की 25 करोड़ जनता के चेहरे पर खुशहाली लाने के लिए एक मजबूत पहल है।
मंत्री ने बताया कि यह बजट पिछड़े वर्गों के विद्यार्थियों के लिए एक वरदान स्वरूप है, जिसमें दशमोत्तर छात्रों को छात्रवृत्ति योजना से आच्छादित करने के लिए 1672 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित की गयी है। जबकि 2021-2022 में यह व्यवस्था 1000 करोड़ रूपये की थी, जिसमें 672 करोड़ की बढ़ोत्तरी की गयी है व दिव्यांगजन के लिए भरण-पोषण अनुदान पेंशन योजना के अन्तर्गत 2017 से पूर्व मात्र 300 रूपये प्रतिमाह प्रति व्यक्ति दी जाती थी, उसको बढ़ाकर 1 हजार रूपये प्रतिमाह कर दिया गया है, जिसके अन्तर्गत प्रदेश के 11 लाख से अधिक दिव्यांगजन लाभान्वित होंगे। इसके साथ-साथ कुष्ठावस्था भरण-पोषण अनुदान योजना के अन्तर्गत प्रति व्यक्ति 3 हजार रूपये प्रतिमाह दिये जाने की व्यवस्था भी की गयी है। पूर्व की सरकारें इस प्रदेश को बीमारू प्रदेश बनाने का कार्य करती आयी हैं व योगी सरकार पुनः उत्कृष्ट प्रदेश बनाने के लिए कार्य कर रही है। पहले रहीं सरकारें गरीब, दलित, मजदूर, पिछड़ों की अनदेखी करती आयी हैं। जबकि योगी सरकार सर्व समाज के विकास के लिए निरन्तर प्रतिबद्ध है। बिमारू प्रदेश कहे जाने वाले उत्तर प्रदेश को सर्वश्रेष्ठ व उत्तम प्रदेश बनाने के लिए सदैव अग्रसर है।