बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर में आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी का वर्चुअल शुभारंभ केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किया। इस अवसर पर श्री तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार कृषि को बढ़ावा देने पर विभिन्न योजनाओं-कार्यक्रमों के माध्यम से काम कर रही है, जिनसे कृषि क्षेत्र के हालात में बदलाव आ रहा है, साथ ही किसानों की आय बढ़ रही है। बीते 8 साल के दौरान देश में कृषि क्षेत्र में अभूतपूर्व काम हुआ है। कृषि को टिकाऊ बनाते हुए विद्यमान चुनौतियों का प्राथमिकता से समाधान किया जा रहा है।
‘सतत कृषि के लिए पोषक तत्व प्रबंधन रणनीतियों में हालिया विकासः भारतीय संदर्भ‘‘ विषय पर आयोजित इस संगोष्ठी में मुख्य अतिथि श्री तोमर ने कहा कि केंद्र सरकार ने किसानों को आय सहायता देने में भी कोई कसर नहीं छोड़ी है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि से अभी तक साढ़े 11 करोड़ किसानों के बैंक खातों में 2 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा राशि जमा कराई जा चुकी है। यह दुनिया में मोदी सरकार का सबसे बड़ा कार्यक्रम है। एक लाख करोड़ रु. के एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड सहित डेढ़ लाख करोड़ रुपए से अधिक के विशेष पैकेजों से कृषि क्षेत्र में सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है। सरकार की किसान हितैषी नीतियों तथा किसानों व वैज्ञानिकों की मेहनत-कुशलता का परिणाम है कि आज कृषि उत्पादों की दृष्टि से भारत एक संपन्न राष्ट्र है और प्रतिकूल समय में भी भारत ने अन्य देशों को खाद्यान्न की आपूर्ति की है। अधिकांश कृषि उत्पादों के उत्पादन की दृष्टि से आज विश्व में भारत पहले या दूसरे क्रम पर है, वहीं देश से पौने 4 लाख करोड़ रु. के कृषि उत्पादों का निर्यात हुआ है, जो अपने-आप में एक कीर्तिमान है।
श्री तोमर ने कहा कि आज कृषि में टेक्नालाजी का अधिकाधिक उपयोग करने, किसानों को महंगी फसलों की ओर आकर्षित करने, खेती की लागत कम करने, किसानों को उनकी उपज के वाजिब दाम दिलाने, फर्टिलाइजर पर निर्भरता कम करने, स्वाइल हेल्थ की ओर प्रवृत करने, सिंचाई में बिजली व पानी बचाने और उत्पादकता बढ़ाने की दृष्टि से काम करने की आवश्यकता है। इस संबंध में भारत सरकार, राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम कर रही है। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) भी तीव्र गति से काम कर रही है, साथ ही कृषि के सभी वि.वि. व अन्य संस्थान भी उत्तम काम कर रहे हैं। श्री तोमर ने कहा कि बिहार कृषि प्रधान राज्य है, जहां लगभग 70 फीसदी आबादी कृषि से जुड़ी हुई है। कृषि उत्पादकता की दृष्टि से भी बिहार उत्तम है, वहीं अनेक फसल किस्में यहां ईजाद की गई है, जिनसे प्रदेश को तो प्रतिफल मिल ही रहा है, देश की कृषि ग्रोथ में भी योगदान हो रहा है। उन्होंने पोषक तत्वों के प्रबंधन को समय की आवश्यकता बताते हुए कहा कि इस संबंध में ऐसी संगोष्ठी से निश्चय ही लाभ होगा।
प्रारंभ में कुलपति डा. अरूण कुमार ने वि.वि. का प्रगति प्रतिवेदन पेश किया। इस अवसर पर प्रकाशित स्मारिका का विमोचन अतिथियों ने किया। दो दिवसीय सेमिनार में 250 से अधिक वैज्ञानिक, शोधार्थी व शिक्षक शामिल हुए हैं। सेमिनार के निष्कर्षों पर रिपोर्ट तैयार कर वि.वि. द्वारा केंद्र व राज्य सरकार को दी जाएगी व रिपोर्ट के तथ्यों के आधार पर वि.वि. द्वारा टिकाऊ खेती की दिशा में की जा रही पहल को और गति देने के लिए समुचित कदम उठाए जाएंगे।