लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव के निर्देशानुसार सूचना प्रौद्योगिकी नीति उ0प्र0-2012 को पुनरीक्षित करते हुए उत्तर प्रदेश सूचना प्रौद्योगिकी एवं स्टार्ट अप नीति-2016 प्रख्यापित की गई है।
यह जानकारी आज यहां देते हुए राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि यह नीति अधिसूचना निर्गत होने की तिथि से 05 वर्षों की अवधि के लिए मान्य होगी तथा मौजूदा सूचना प्रौद्योगिकी नीति उ0प्र0-2012 को अवक्रमित करती है। उन्होंने बताया कि इस सम्बन्ध में प्रमुख सचिव सूचना प्रौद्योगिकी श्री राजेन्द्र कुमार तिवारी द्वारा विगत 27 जून को समस्त प्रमुख सचिवों, सचिवों, विभागाध्यक्षों तथा कार्यालयाध्यक्षों को शासनादेश जारी कर दिया गया है।
प्रवक्ता ने कहा कि उत्तर प्रदेश सूचना प्रौद्योगिकी एवं स्टार्ट अप नीति-2016 के अनुसार ‘केस-टू-केस आधारित प्रोत्साहन’ के तहत रू0 200 करोड़ से अधिक के प्रस्तावित निवेश वाली सूचना प्रौद्योगिकी/सू0प्रौ0 जनित सेवा मेगा निवेश परियोजनाओं को विशेष प्रोत्साहन प्रदान किए जाने पर विचार किया जाएगा।
प्रवक्ता ने बताया कि सूचना प्रौद्योगिकी/सू0प्रौ0 जनित सेवा कम्पनियों के लिए प्रदेश में ‘रेडी टू मूव इन’ सुविधा को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से आई0टी0 अवस्थापना निजी विकासकर्ता, जिन्हें 10 एकड़ क्षेत्र में अथवा विगत 05 वर्षों में, रु0 200 करोड़ से अधिक के निवेश से आई0टी0 अवस्थापना विकास का अनुभव है, उन्हें भी पृथक-पृथक प्रकरण के आधार पर प्रदेश के सोपान-2 व सोपान-3 के नगरों में 05 एकड़ के क्षेत्र से अधिक को आई0टी0 पार्क स्थापित करने के लिए प्रोत्साहन धनराशि दिए जाने पर विचार किया जा सकता है। विकासकर्ता को प्रोत्साहन राशि इस शर्त सहित अनुमन्य की जाएगी कि उसके द्वारा फ्लोर एरिया रेशियो (थ्।त्) के 75 प्रतिशत भाग का उपयोग आई0टी0 सुविधा के लिए परिचालन आरम्भ होने की तिथि से 10 वर्षों के लिए किया जाएगा। यह प्रोत्साहन व्यवस्था सशक्त समिति के अनुमोदन के उपरान्त ही अनुमन्य होगी।
प्रवक्ता ने कहा कि जारी किए गए शासनादेश के क्रम में समस्त प्रमुख सचिवों, सचिवों, विभागाध्यक्षों तथा कार्यालयाध्यक्षों से अपने अधीनस्थ विभागों, संस्थाओं, संगठनों एवं सार्वजनिक उपक्रमों इत्यादि में प्रदेश शासन के उक्त संकल्प का अनुपालन प्राथमिकता के आधार पर सुनिश्चित कराने की अपेक्षा की गई है।