लखनऊ: अपर मुख्य सचिव/निर्यात आयुक्त, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम तथा निर्यात प्रोत्साहन श्री नवनीत सहगल की अध्यक्षता में आज निर्यात भवन, लखनऊ में उत्तर प्रदेश निर्यात नीति-2025 के अन्तर्गत जारी नवीन शासनादेशों के सम्बन्ध में क्षमता संवर्धन कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें प्रदेश के विभिन्न जनपदों से आये प्रमुख निर्यातकों के साथ अपर मुख्य सचिव/निर्यात आयुक्त से सीधा संवाद स्थापित हुआ।
कार्यशाला में श्री सहगल ने बताया कि उत्तर प्रदेश शासन द्वारा निर्यातकों को वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान करने के उद्देश्य से त्वरित निर्यात विकास प्रोत्साहन योजना तथा वायुयान भाड़ा युक्तिकरण योजना संचालित की जा रही है। 13 मई, 2022 को इन योजनाओं के अन्तर्गत नवीन शासनादेश जारी करते हुए निर्यातकों हेतु अनेक नवीन व्यवस्थायें की गयी है, साथ ही पूर्व में दिये जा रहे उपादान की धनराशि में भी उल्लेखनीय वृद्धि करते हुए निर्यातकों हेतु अधिक सरल, सुविधाजनक व लाभप्रद बनाया गया है।
श्री सहगल ने बताया कि गेटवे पोर्ट तक निर्यात हेतु भेजे गए माल के भाड़े पर अनुदान योजनान्तर्गत पूर्व प्रचलित व्यवस्था के अन्तर्गत गेटवे पोर्ट तक निर्यात हेतु भेजे जाने वाले माल के भाड़े पर व्यय की प्रतिपूर्ति हेतु इनलैण्ड कन्टेनर डिपो, कन्टेनर फ्रेट स्टेशन के साथ-साथ, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम की समस्त इकाईयों को उत्पादन स्थल से गेटवे पोर्ट तक ट्रक एवं कुछ भाग ट्रक तथा शेष भाग इनलैण्ड कन्टेनर डिपो के माध्यम से भेजे जाने पर भी उपादान प्रदान किये जाने की व्यवस्था अनुमन्य की गयी है। इसी क्रम में वायुयान भाड़ा युक्तिकरण योजना के अन्तर्गत लखनऊ व वाराणसी हवाई अड्डे के साथ साथ देश के ऐसे समस्त हवाई अड्डों को आच्छादित किया गया है जिसके अन्तर्गत यू.पी. स्टेट ऑफ ओरिजिन का माल निर्यात होता है। विपणन विकास योजनान्तर्गत पूर्व में दिये गये उपादानों में व्यापक वृद्धि करते हुए वर्चुअल में प्रतिभाग करते हुए निर्यातकों को प्रतिपूर्ति प्रदान करने की व्यवस्था की गयी है।
अपर मुख्य सचिव ने कहा कि व्यापक स्तर पर किये गये इन बदलावों तथा परिवर्धित क्रियान्वयन की प्रक्रिया से निर्यातकों को संज्ञानित कराने के उद्देश्य से कार्यशाला आयोजित करते हुए समस्त नवीन शासनादेशों पर व्यापक चर्चा की गयी तथा पोर्टल के क्रियान्वयन के सम्बन्ध में निर्यातकों के सुझाव प्राप्त किये गये। इस अवसर पर पोर्टल पर आवेदन किये जाने की नवीन प्रक्रिया का प्रस्तुतीकरण भी निर्यातकों के समक्ष करते हुए उनकी समस्याओं व जिज्ञासाओं का तत्काल समाधान भी सुनिश्चित किया गया। उन्होंने कहा कि वर्ष 2017-18 में प्रदेश से 88 हजार करोड़ का निर्यात हुआ जोकि वर्ष 2021-22 में बढ़कर 01 लाख 56 हजार करोड़ हो गया है। निर्यातकों की निरन्तर उद्यमशीलता व सहयोग के बिना यह अभूतपूर्व वृद्धि प्राप्त नही की जा सकती थी। इस अवसर पर श्री सहगल ने निर्यातकों को प्रदेश सरकार द्वारा संचालित विभिन्न निर्यातपरक योजनाओं की जानकारी दी साथ ही उन्होंने फ्लैटेडफैक्ट्री व कॉमन फैसिलिटी सेन्टर की उपयोगिता पर प्रकाश डालते हुए उद्यमियों से स्थानीय आवश्यकता के अनुरूप परियोजना प्रस्ताव प्रेषित करने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि के जिला स्तर पर जिला निर्यात प्रोत्साहन समिति का गठन किया गया है, जिसका उद्देश्य स्थानीय स्तर के निर्यात ईको सिस्टम को सुदृढ़ बनाना है। उन्होंने अपने जनपद स्तरीय अधिकारियों से अपेक्षा की कि वे जिला निर्यात प्रोत्साहन समिति व जिला निर्यात संवर्धन समिति की नियमित बैठके कराते हुए प्राप्त सुझावों को प्राथमिकता के आधार पर शासन स्तर पर प्रेषित करना सुनिश्चित करें, ताकि स्थानीय स्तर पर निर्यातकों की समस्या व सुझावों का शासन स्तर पर अविलम्ब संज्ञान लेते हुए त्वरित समाधान सुनिश्चित किया जा सके। कार्यशाला में अपर मुख्य सचिव ने संयुक्त निर्यात आयुक्त को निर्देशित किया गया कि जनपदों से प्राप्त सुझावों को साप्ताहिक आधार पर उनके समक्ष प्रस्तुत करना सुनिश्चित करें ।
कार्यशाला में आयुक्त एवं निदेशक उद्योग, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम तथा निर्यात प्रोत्साहन विभाग श्री मनीष चौहान, संयुक्त निर्यात आयुक्त, उत्तर प्रदेश श्री पवन अग्रवाल, विभिन्न जनपदों से आये हुए प्रमुख निर्यातक श्री धीरेन्द्र दुबे, श्री सुशील मोहन, श्री प्रवीन शर्मा सहित अनेक निर्यातकों ने प्रतिभाग किया। साथ ही सम्बन्धित जनपदों के उपायुक्त उद्योग, श्री बी.सी. तिवारी, वरिष्ठ परामर्शदाता, उत्तर प्रदेश निर्यात संवर्धन परिषद तथा संयुक्त आयुक्त उद्योग, श्री उमेश चन्द्र, श्री श्रीनाथ पासवान, श्री वीरेन्द्र कुमार तथा श्री योगेश सचान भी उपस्थित रहे।