लखनऊ: उ0प्र0 राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष डॉ0 देवेन्द्र शर्मा की अध्यक्षता में आयोग की सदस्य सचिव, श्रीमती अर्चना गहरवार एवं डॉ0 शुचिता चतुर्वेदी, श्रीमती निर्मला पटेल, श्रीमती अनीता अग्रवाल, श्री श्याम त्रिपाठी, डॉ0 प्रियरंजन आशू, ई0 अशोक कुमार यादव, मा0 सदस्यगण, श्री सुनील कुमार ओली, कार्यालय अधीक्षक एवं अन्य कार्मिकों के सहयोग से उ0प्र0 के समस्त जनपदों के सहायक श्रमायुक्तों, उप श्रमायुक्तों की एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन विश्वेश्वरैया सभागार, लोक निर्माण विभाग उ0प्र0, लखनऊ में किया गया।
कार्यशाला में मुख्य अतिथि अपर मुख्य सचिव, श्रम विभाग उ0प्र0 श्री सुरेश चन्द्रा ने अपने उद्बोधन में कहा कि उ0प्र0 सरकार आगामी 05 वर्ष के अन्दर उ0प्र0 को बालश्रम से मुक्त कराने के लिए प्रतिबद्ध है, श्रम विभाग भी इस लक्ष्य के लिए प्रयासरत है। बालश्रमिकों को मुक्त कराकर उनकों आश्रय देना तथा उनका चिकित्सीय परीक्षण कराना एक बहुत ही बड़ी चुनौती है, क्योंकि सभी जिलों में शेल्टर होम भी नहीं हैं।
अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग डॉ0 देवेन्द्र शर्मा ने कहा कि प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ बच्चों एवं महिलाओं की समस्याओं के प्रति काफी संवेदनशील हैं। प्रदेश सरकार द्वारा बच्चों एवं महिलाओं के कल्याण हेतु विभिन्न कार्यक्रम एवं योजनायें चलाई जा रही हैं। उन्होंने बालश्रम को समाप्त करने हेतु सभी से सहयोग की अपेक्षा की गयी तथा कार्यशाला में उपस्थित समस्त अधिकारियों एवं सम्मानितगणों से बच्चों के बालश्रम की समस्याओं को ससमय निराकरण कराने का आग्रह किया। डा0 शर्मा ने कहा कि बच्चों को बालश्रम से बचाना तथा उनके पुनर्वास की जिम्मेदारी हम सभी की है। जब हम अपने कर्तव्यों को समझेंगे तभी अपनी भूमिका का निर्वहन सही तरीके से कर सकेंगे। बाल श्रम को समाप्त करने के लिए बने कानूनों का कड़ाई से पालन किया जाये।
कार्यशाला के तकनीकी सत्र में कार्यकारी निदेशक, बचपन बचाओ आन्दोलन श्री राकेश संेगर तथा परियोजना संयोजिका, कैलाश सत्यार्थी फाउण्डेशन सुश्री सदफ फारूख ने बाल एवं किशोर श्रम (निषेध व विनियमन) अधिनियम-1986 के बारे में चर्चा करते हुए संशोधन के विषय में विस्तार से बताया। राज्य समन्वयक, स्टेट लेवल रिसोर्स सेंटर, श्रम विभाग श्री रिजवान अली, ने उ0प्र0 में बालश्रम उन्मूलन में चुनौतियों व समाधानों के विषय में विस्तृत जानकारी दी। इसके अतिरिक्त बालश्रम से रेस्क्यू किये गये बच्चों को रखने हेतु जिलों में शेल्टर होम न होने की समस्या पर भी चर्चा की गयी। कार्यशाला में व्यापार मण्डल, ईंट भट्टा एसोसिएशन द्वारा छोटे-छोटे स्थानों, कारखानों एवं निर्माण भवन में कार्य करने वाले बच्चों की दैनिक स्थिति/आर्थिक स्थिति के बारे में भी गहन चर्चा की गयी। उक्त कार्यशाला में श्री सूर्य प्रताप मिश्रा, स्टेट कोआर्डिनेटनर को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।
कार्यशाला में अपर श्रमायुक्त उ0प्र0, सुश्री अंजूलता, सीईओ-बीओसीडब्लू बोर्ड, डॉ0 विपिन जैन उप श्रमायुक्त, श्री शमीम अख्तर, उप निदेशक महिला कल्याण, श्री बी0 निरंजन, पुलिस अधीक्षक महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन, सुश्री रूचिता चौधरी एवं उ0प्र0 के समस्त जनपद के श्रमायुक्त, सहायक श्रमायुक्त एवं पुलिस विभाग से नामित प्रतिनिधि व सम्मानितगण उपस्थित रहे। सदस्य सचिव, उ0प्र0 राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग, श्रीमती अर्चना गहरवार द्वारा धन्यवाद ज्ञापन देकर कार्यशाला का समापन किया गया।
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