नई दिल्लीः केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण,शहरी विकास,आवास,शहरी गरीबी उन्मूलन मंत्री श्री एम. वैंकेया नायडु ने कहा है कि सार्वजनिक संचार का मुख्य उददेश्य राष्ट्र निमार्ण्के कार्य में लोगों को जागरूक और उत्साहपूर्ण सहभागी बनाना है। प्रभावी सार्वजनिक संचार, परिवर्तन के प्रबंधन का आधार है और इसीलिए सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय और इसकी मीडिया इकाइयों के सभी अधिकारी इस प्रक्रिया में परिवर्तन के वाहक के रूप में महत्वपूर्ण हितधारक हैं। उन्होंने कहा कि अधिकारियों से अपेक्षाओं के संदर्भ में सरकार की प्राथमिकताएं स्पष्ट हैं जिसमें परिणाम, पारदर्शिता, जवाबदेही, अनुशासन और काम के लिए महौल तैयार करने पर ध्यान केन्द्रित करना शामिल हैं। श्री नायडु ने आज नई दिल्ली में राष्ट्रीय मीडिया केन्द्र में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय और उसकी मीडिया इकाइयों को संबोधित करते हुए यह बात कही। इस अवसर पर सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ , सूचना और प्रसारण मंत्रालय में सचिव श्री अजय मित्तल और मीडिया प्रमुख भी मौजूद थे।
श्री नायडु ने कहा कि प्रभावी सार्वजनिक संचार के लिए पत्र सूचना कार्यालय, प्रकाशन विभाग, क्षेत्रीय प्रचार निदेशालय, डीएवीपी, फिल्म प्रभाग, आकाशवाणी और दूरदर्शन सहित मंत्रालय की विभिन्न मीडिया इकाइयों, के बीच प्रभावी कार्यात्मक संयोजन में सुधार की काफी गुंजाइश है। इससे लोगों तक सरकारी योजनाओं की व्यापक और समेकित पहुंच सुनिश्चत होगी। संचार के बदलते परिपेक्ष्य के संबंध में श्री नायडु ने कहा कि तकनीकी विकास एक दूसरे से संवाद के हमारे तौर-तरीकों में क्रान्किारी परिवर्तन लाया है और प्रभावी सार्वजनिक संचार तथा सहभागी विकास के लिए ट्विटर, फेसबुक जैसे सोशल मीडिया मंचों का पूर्ण उपयोग करने की जरूरत है।
श्री नायडु ने कहा कि भारत को विकसित बनाने के मिशन को प्राप्त करने और भारत की विविध और सम़द्ध सांस्क़तिक विरासत के गुणगान में संचार की भूमिका के महत्व समझना बेहद आवश्यक है।