नई दिल्लीः केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री, श्री जगत प्रकाश नड्डा ने हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर में हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज की स्थापना करने के लिए हिमाचल प्रदेश सरकार तथा एनटीपीसी और एनएचपीसी के बीच आज विशेष समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए जाने के अवसर पर कहा, “बिलासपुर में पहले हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज की स्थापना से क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा मिलेगा तथा स्थानीय शिक्षित युवाओं के लिए रोजगार के और अधिक अवसर उपलब्ध होंगे तथा एनटीपीसी और एनएचपीसी को विशेषज्ञ कार्यबल उपलब्ध होंगे। यह निश्चय ही एक ऐतिहासिक क्षण है।” भारत सरकार के केंद्रीय विद्युत, कोयला, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा तथा खान राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार), श्री पीयूष गोयल, हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्य मंत्री, श्री प्रेम कुमार धूमल तथा हिमाचल प्रदेश के मंत्री, श्री जी. एस. बाली की उपस्थिति में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर समारोह में श्री नड्डा मुख्य अतिथि थे। समारोह में संसद-सदस्य श्री अनुराग सिंह ठाकुर, श्री वीरेन्द्र कश्यप, सुश्री विप्लव ठाकुर भी उपस्थित थे।
श्री नड्डा ने माननीय प्रधान मंत्री के मार्गदर्शन, नेतृत्व तथा देश के विकास के उनके दृष्टिकोण और उनके ऐसे जन-केन्द्रित विचारों के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित की, जिन्हें देश की विकास परियोजनाओं में रूपांतरित किया जा रहा है। उन्होंने अपने गृहनगर तथा संसदीय क्षेत्र में परियोजना लगाने के लिए विद्युत मंत्री, श्री पीयूष गोयल को भी धन्यवाद दिया। श्री नड्डा ने कहा कि इस संस्थान की स्थापना से विशेषज्ञ तकनीकी मानव संसाधन के सृजन में मदद मिलेगी जो कि भविष्य की कई हाइड्रो परियोजनाओं की विशिष्ट आवश्यकता के अनुकूल देश की सेवा करने वाले कार्यबल को तैयार करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि ” हाइड्रो इंजीनियरिंग को समर्पित विशेषज्ञ इंजीनियरिंग कॉलेज स्थापित करने की यह पहल न सिर्फ अपने देश में, बल्कि संभवत: विश्व भर में अनोखी है।”
स्वास्थ्य मंत्री ने आगे यह उल्लेख किया कि विशेष रूप से हिमालय क्षेत्र में हाइड्रो पॉवर के निर्माण में सिविल, हाइड्रोलॉजी, मैकेनिकल, इलैक्ट्रिकल इंजीनियरिंग आदि जैसे इंजीनियरिंग के विविध क्षेत्रों के तकनीकी कौशल के संयोजन की आवश्यकता होती है। श्री नड्डा ने आगे बताया कि इस प्रकार एक व्यापक और विशेषज्ञ क्षेत्र के अध्ययन की आवश्यकता से उपजा यह हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज एक आदर्श कॉलेज साबित होगा।
श्री जगत प्रकाश नड्डा ने अपनी प्रसन्नता का इज़हार करते हुए, लंबे समय से प्रतीक्षित इस योजना को हकीकत में बदलने में संघीय भावना से सहयोग करने के लिए एनएचपीसी और एनटीपीसी तथा हिमाचल प्रदेश राज्य को बधाई दी और कहा कि हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज की परिकल्पना वर्ष 2009 में की गई थी और इस समझौता ज्ञापन के हस्ताक्षर के साथ आज यह स्वप्न साकार हुआ है।
इस अवसर पर बोलते हुए, श्री पीयूष गोयल ने कहा कि राज्य में उच्चतर/तकनीकी शिक्षा के अवसर उपलब्ध कराए जाएंगे तथा हिमाचल प्रदेश के युवाओं को तकनीकी प्रशिक्षण और कौशल प्राप्त करने के लिए दूर नहीं जाना होगा। उन्होंने कहा कि उन्हें यकीन है कि यह कॉलेज उत्कृष्टता केन्द्र के रूप में विकसित होगा।
श्री जी. एस. बाली ने केन्द्र सरकार के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करते हुए कहा कि यह कॉलेज राज्य के विकास के क्षेत्र में एक नया अध्याय साबित होगा तथा यह स्थानीय शिक्षित युवाओं के लिए रोजगार के और अधिक अवसर सृजित करने में भी मदद करेगा।
हिमाचल प्रदेश राज्य में 20,000 मेगावाट से अधिक की हाइड्रो पॉवर क्षमता है और देश में इसका लगभग 35% भाग हिमाचल प्रदेश में ही उत्पादित होता है। एनटीपीसी और एनएचपीसी राज्य में कई परियोजनाओं का संचालन करने तथा निर्माण करने में संलग्न हैं।