लखनऊ: समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता एवं कैबिनेट मंत्री राजेन्द्र चौधरी ने कहा है कि कोई भी जब मन की बात करता है तो उनसे पूरे तौर पर साफगोई की आशा की जाती है। यह सर्वविदित है कि उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा राज्य है। प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने प्रदेश के विकास को नई गति दी है। इसकी प्रशंसा अन्य प्रदेशों में भी हो रही है। कौन नहीं जानता है कि विगत 4 वर्षो में समाजवादी सरकार में श्री अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश का कल्पनातीत विकास किया है। इसलिए यह आशा किया जाना स्वाभाविक था कि प्रधानमंत्री जी ने आज मन की बात में वृक्षारोपण की चर्चा में जहाँ महाराष्ट्र और गुजरात में करोड़ों पौधे लगाने की वही उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री जी के आव्हान पर 5 करोड़ वृक्ष एक ही दिन में लगाए जाने का उल्लेख तो जरूर करेगें।
अभी पिछले दिनों गोरखपुर में आयुर्विज्ञान संस्थान (ऐम्स) के शिलान्यास के अवसर पर भी समाजवादी सरकार के प्रति धन्यवाद ज्ञापन तक नहीं किया जबकि राज्य सरकार ने बिना विलंब के ऐम्स के लिए निःशुल्क कीमती जमीन उपलब्ध कराई है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि वहाँ जो शिलापट लगा उसमें भी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव के नाम का उल्लेख तक नही किया गया।
उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री जी के प्रयासों से गोमती, वरुणा, हिंडन आदि नदियों की सफाई का काम तेजी से चल रहा है। वाराणसी में घाटों का सांैदर्यीकरण भी समाजवादी सरकार करा रही है। गोमती के रिवरफ्रंट को संवारा जा रहा है। प्रदूषण मुक्त नदियों की अविरल धारा के काम को उत्तर प्रदेश में अंजाम दिया जा रहा है। प्रदेश में जगह-जगह साइकिल ट्रैक बन रहे हैं। पर्यावरण संतुलन के लिहाज से ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। इस सच्चाई पर बहुत समय तक पर्दा नहीं डाला जा सकता है।
समाजवादियों की प्रतिबद्धता धर्मनिरपेक्षता के लिए है। भाजपा और आरएसएस को इससे चिढ़ है। उनका एजेण्डा सांप्रदायिकता को बढ़ावा देने का है। इसीलिए उत्तर प्रदेश में विपक्षी दल के रूप में इनकी नकारात्मक राजनीति लोकतंत्र की मूलभावना को आहत करनेवाली है। कम से कम भाजपा नेताओं को तो अपराध बोध होना चाहिए उनके शासनकाल के दो वर्श बिना किसी ठोस परिणाम के समाप्त हो गए। मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव का स्पष्ट कहना है कि राजनीति नीतियों और विचारधारा के आधार पर की जानी चाहिए। स्वस्थ राजनीति से ही समाज प्रगति कर सकता है।