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बुखार होने पर घबराये नहीं, तुरन्त अपने नजदीकी सरकारी स्वास्थ्य केन्द्र पर जाकर उपचार कराये: ब्रजेश पाठक

उत्तर प्रदेश

लखनऊः उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री श्री ब्रजेश पाठक ने आज स्वास्थ्य भवन में स्थापित डंेगू कन्ट्रोल रूम का निरीक्षण किया। उन्होंने निर्देश दिया कि प्रदेश के समस्त चिकित्सक सतर्क रहें एवं अस्पतालों में व्यवस्था चाकचौबंद रहे। अस्पतालों में आने वाले डेंगू मरीजों के परीक्षण एवं उपचार में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के सरकारी चिकित्सालयों में डेंगू के उपचार की पर्याप्त व्यवस्था है। प्रदेश के समस्त चिकित्सालयों में डेंगू के उपचार हेतु आवश्यक दवाएं, रक्त उत्पाद एवं संसाधन उपलब्ध है। किसी को भी पैनिक होने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में राज्य स्तर पर 2 कन्ट्रोल रूम 24ग्7 क्रियाशील है। किसी प्रकार की समस्या होने पर राज्य स्तर पर क्रियाशील कंट्रोल रूम नंबर 18001805145 एवं 104 पर संपर्क किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त प्रदेश के समस्त जनपदों में कन्ट्रोलरूप स्थापित एवं क्रियाशील है।
उपमुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में वर्ष 2021 में डेंगू के कुल 29750 केस पाये गये थे तथा डेंगू रोग से कुल 29 दुर्भाग्यपूर्ण मृत्यु हुई थी। वर्तमान वर्ष 2022 में दिनांक 06 नवम्बर, 2022 तक प्रदेश में कुल 8968 रोगी सूचित हुये हैं, जिनमें से 10 रोगियों की दुर्भाग्यपूर्ण मृत्यु हुई है, जबकि विगत वर्ष 2021 में दिनांक 06 नवम्बर, 2021 तक प्रदेश कुल 25353 रोगी सूचित हुये थे, जिनमें से 25 रोगियों की दुर्भाग्यपूर्ण मृत्यु हुई थी।
उपमुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में डेंगू रोग के नियंत्रण, रोकथाम एवं उपचार हेतु सरकार द्वारा गंभीरता के साथ प्रयास किए जा रहे हैं। प्रदेश में डेंगू रोगियों को भर्ती कर उपचारित किये जाने हेतु प्रदेश के समस्त जिला एवं ब्लॉक स्तरीय चिकित्सालयों में शैय्यायें आरक्षित हैं। उन्होंने बताया कि ब्लॉक स्तरीय चिकित्सा इकाईयों पर 4260 बेड्स तथा जनपद स्तरीय चिकित्सा इकाईयों पर 3380 बेड्स डेंगू रोगियों हेतु आरक्षित किए गए हैं। डेंगू रोग से सर्वाधिक प्रभावित जनपदो में प्रयागराज में 559 बेड्स, लखनऊ में 283 बेड्स, अयोध्या में 178 बेड्स, गाजियाबाद में 240 बेड्स तथा बदायूं में 95 बेड्स डेंगू मरीजों हेतु आरक्षित किए गए हैं।
उपमुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश के चिकित्सालयों में प्रदेश में डेंगू रोगियों को आवश्यकतानुसार प्लेटलेट्स की उपलब्धता हेतु कुल 329 ब्लड बैंक क्रियाशील हैं। इनमें सरकारी क्षेत्र के 52 ब्लड बैंक में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अधीन 28 तथा चिकित्सा शिक्षा के अधीन 22 व सेना के अधीन 2 ब्लड बैंक क्रियाशील है। इसके अलावा निजी क्षेत्र के अंतर्गत 277 ब्लड बैंक क्रियाशील है। प्रदेश के समस्त जनपदों में डेंगू रोगियों के उपचार हेतु समस्त आवश्यक औषधियां एवं फ्लूईड्स प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हैं तथा समस्त आवश्यक उपकरण क्रियाशील है।
उपमुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में वर्तमान में संचरित हो रहे संक्रामक रोगों के प्रति प्रभावी निरोधात्मक कार्यवाही का अनुश्रवण किये जाने हेतु राज्य स्तर से जनपदवार नोडल अधिकारियों को नामित किया गया है, जिनके द्वारा जनपदो में  की जा रही गतिविधियों का स्थलीय अनुश्रवण एवं अन्य आवश्यक कार्यवाहियाँ सम्पादित की जायेंगी। डेंगू रोग की रोकथाम हेतु प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग एवं नगर विकास विभाग लगातार मिलकर कार्य कर रहे है, जिसके अन्तर्गत प्रभावित क्षेत्रों का स्थलीय भ्रमण कर मच्छर जनित परिस्थितियों को समाप्त करने हेतु सोर्स रिडक्शन एक्टिविटी, एन्टीलार्बल स्प्रे एवं फॉगिंग कराई जा रही है साथ ही साथ डेंगू रोग से बचाव एवं उपचार हेतु व्यापक प्रचार-प्रसार का कार्य भी किया जा रहा है।
उपमुख्यमंत्री ने आम जनता से अपील करते हुए कहा है कि हर बुखार डेंगू बुखार नहीं होता है तथा रक्त में प्लेटलेट की कभी होना डेंगू बुखार की पुष्टि नहीं करता है, क्योंकि अन्य वायरल बुखार में भी प्लेटलेट में कमी आती है। अतः घबराये नहीं। बुखार होने पर तुरन्त अपने नजदीकी सरकारी स्वास्थ्य केन्द्र पर जाकर उपचार कराये। डेंगू रोग से बचाव हेतु अपने घर एवं घर के आस-पास कूलर, फ्रीज के नीचे की ट्रे, पानी की टंकी, खुले में रखे टायर, गमले की नीचे की प्लेट एवं चिड़ियों के पानी पीने वाले बर्तन इत्यादि में पानी एकत्रित न होने दें। यदि ऐसे जगह पानी मिलता है तो वहाँ से पानी तुरन्त हटा दें।

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