लखनऊः उत्तर प्रदेश सरकार के औद्योगिक विकास मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी ने जम्मू कश्मीर सरकार के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा जी के पैतृक आवास मोहनपुरा जनपद गाजीपुर में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा समापन समारोह में सम्मिलित होकर लखनऊ लौटते समय देर रात करीब एक बजे पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के 9.5 किलोमीटर पर स्थित संसारा टोल प्लाजा (महुआ कला) लखनऊ पर अचानक छापा मारा। औचक निरीक्षण एवं छापा मार कार्यवाही में मंत्री नन्दी ने कई खामियां पकड़ी, उपस्थित कर्मचारियों की संख्या मानक से कम होने एवं उपस्थिति रजिस्टर में लापरवाही मिलने पर मंत्री नन्दी ने सम्बंधित एजेंसी को ब्लैक लिस्ट करने एवं सम्बंधित के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए।
पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर कुल टोल बूथों की संख्या 116 हैं। जहां कार्मिक उपलब्ध कराए जाने की जिम्मेदारी अनुबन्ध के अनुसार मेसर्स कोरल एसोसिएट्स को सौंपी गई है। जिसके द्वारा सभी टोल बूथों पर कुल 1211 अधिकारी एवं कर्मचारी तैनात हैं। प्रत्येक बूथ पर मानक के अनुसार एक शिफ्ट में 40 -50 कर्मचारी तैनात होने चाहिए, लेकिन पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के टोल बूथों पर प्रत्येक शिफ्ट में कर्मचारियों की संख्या मानक से काफी कम होने की शिकायत पिछले कई दिनों से औद्योगिक विकास मंत्री नन्दी को मिल रही थी। जिसे मंत्री नन्दी ने काफी गम्भीरता से लिया। पिछले दिनों उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण की बैठक में भी औद्योगिक विकास मंत्री ने टोल प्लाजा पर तैनात कर्मचारियों की उपस्थिति संख्या कम मिलने पर सवाल उठाया था। इसके बाद भी सम्बंधित एजेंसी की कार्यप्रणाली में कोई सुधार नहीं आया।
मंगलवार को जनपद गाजीपुर से लखनऊ लौटते समय औद्योगिक विकास मंत्री ने पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर सफर करते हुए एक्सप्रेसवे की व्यवस्था का निरीक्षण किया। पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के 9.5 किलोमीटर पर स्थित टोल प्लाजा-1 संसारा (महुआ कला) लखनऊ के पास पहुंचने पर मंत्री श्री नन्दी ने अचानक अपने काफिले को रूकने का आदेश दिया। टोल प्लाजा पर अचानक औद्योगिक विकास मंत्री का काफिला रूकते ही टोल प्लाजा कर्मचारियों में हड़कम्प मच गया। औद्योगिक विकास मंत्री नन्दी ने टोल प्लाजा पर छापा मार व औचक निरीक्षण की कार्रवाई की। जहां अप और डाउन दोनांे लेन पर 16 की जगह कुल 8 काउंटर ही खुले हुए मिले।
टोल प्लाजा पर तैनात कर्मचारियों की संख्या पूछते हुए श्री नन्दी टोल प्लाजा के मुख्य कार्यालय पहुंचे, जहां उन्होंने कंट्रोल रूम की व्यवस्था देखी। इसके बाद उन्होंने उपस्थिति रजिस्टर का निरीक्षण किया, जो पूरी तरह से मेंटेन नहीं था। प्रति दिन बड़ी संख्या में कर्मचारियों की उपस्थिति नगण्य मिली। निर्धारित मानक के अनुसार एक शिफ्ट में 40 – 50 कर्मचारी तैनात होने चाहिए थे, जबकि टोल प्लाजा पर तैनात कर्मचारियों की कुल उपस्थिति केवल पंद्रह ही मिली। जिस पर औद्योगिक विकास मंत्री ने नाराजगी जताते हुए मैन पॉवर उपलब्ध कराने वाली एजेंसी का लाइसेंस निरस्त करने के साथ ही एजेंसी को ब्लैक लिस्ट करने की कार्रवाई करने के निर्देश सम्बंधित अधिकारियों को दिए।
औद्योगिक विकास मंत्री ने कहा कि एक्सप्रेसवे की व्यवस्था में लापरवाही किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी। एक्सप्रेसवे पर वाहनों की कतार न लगे, वाहन चालकों को असुविधा न हो और टोल वसूली भी निर्वाध गति से चलती रहे, इसके लिए निर्धारित मानक में कर्मचारियों की उपस्थिति एवं तैनाती आवश्यक है। इसमें किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। औद्योगिक विकास मंत्री ने कहा कि जल्द ही अन्य एक्सप्रेसवे की व्यवस्थाओं का भी औचक निरीक्षण कर जायजा लिया जाएगा।