लखनऊः उद्यान विभाग की विभिन्न योजनाओं में लक्षित कार्यक्रमों के सापेक्ष आवंटित धनराशि का उपयोग सर्वाेच्च प्राथमिकता पर सुनिश्चित की जाये। योजनाओं की पाक्षिक समीक्षा कर श्रेणीबद्ध तरीके से धनराशि का उपयोग किया जाए और धीमी प्रगति वाले जनपदीय व मण्डलीय उद्यान अधिकारियों के विरूद्ध प्रशासनिक कार्यवाही की जाय। यह निर्देश प्रदेश के उद्यान, कृषि विपणन, कृषि विदेश व्यापार, कृषि निर्यात राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री दिनेश प्रताप सिंह ने मंगलवार को वीडियो काफ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा बैठक में दिये।
उद्यान मंत्री ने कहा कि उद्यान विभाग द्वारा संचालित कार्यक्रम व योजनाओं का ससमय क्रियान्वयन से प्रदेश में औद्यानिक विकास को गति मिलेगी। उन्होंने निर्देश दिये कि सभी योजनाओं में पारदर्शिता के साथ आनलाइन पंजीकरण एवं प्रथम आवक प्रथम पावक के सिद्धान्त के अनुसार उपलब्ध वित्तीय सहायता व अनुदान की धनराशि का अंतरण लाभार्थी कृषक के बैंक खाते में अंतरित की जाय। उन्होंने निर्देश दिये कि प्रदेश के समस्त न्याय पंचायतों में कृषक चौपाल कार्यक्रम के माध्यम से विभागीय समस्त योजनाओं में उपलब्ध सुविधाओं की जानकारी लीफलेट्स वितरित कर अधिक से अधिक किसानों को दी जाय।
श्री सिंह ने निर्देश दिया कि प्रदेश के समस्त ग्राम पंचायतों तक बागवानी विकास के कार्यक्रमों को पहुंचाने के उद्देश्य से प्रदेश के प्रत्येक विकासखण्ड में चयनित एक-एक बागवानी मॉडल गांव में बागवानी विकास तकनीकों को प्रदर्शित किया जाए। बागवानी मॉडल गांव के आस-पास के बागवान प्रेरित होकर हाईवैल्यू फसलों को अंगीकृत कर अपनी आय में वृद्धि कर सकें।
निदेशक, उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण डा.आर.के.तोमर द्वारा बैठक में प्रदेश सरकार की प्राथमिकताओं एवं फ्लैगशिप महत्वपूर्ण कार्यक्रम व योजनाओं की जानकारी दी गयी। उनके द्वारा मंत्री जी को आश्वस्त किया गया कि निर्दिष्ट बिन्दुओं पर प्रभावी एवं समयबद्ध कार्यवाही की जायेगी।
समीक्षा बैठक में उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग, विभाग के वरिष्ठ अधिकारीगण, मण्डलीय उपनिदेशक उद्यान एवं जनपदीय उद्यान अधिकारियों द्वारा प्रतिभाग किया गया।