27 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

आयुष मंत्रालय और विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुए

देश-विदेश

भारत सरकार के आयुष मंत्रालय और विज्ञान और प्रौद्योगिकी और पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी)  के बीच आज एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। समझौता ज्ञापन आयुष क्षेत्र में साक्ष्य-आधारित वैज्ञानिक हस्तक्षेप के लिए सहयोग, अभिसरण और तालमेल करके सार्वजनिक स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली में इनका आगे उपयोग करने के लिए अनुसंधान के संभावित क्षेत्रों की पहचान करेगा।

समझौता ज्ञापन पर आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा और डीएसटी के सचिव डॉ. श्रीवारी चंद्रशेखर ने आयुष मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों और डीएसटी के वैज्ञानिकों की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए।

इस अवसर पर वैद्य राजेश कोटेचा ने डीएसटी को नई दवाओं के विकास में आयुष मंत्रालय के साथ काम करने की उनकी प्रतिबद्धता और चिकित्सा से जुड़े यांत्रिक पहलुओं के सत्यापन के लिए धन्यवाद दिया।

डीएसटी के सचिव डॉ. श्रीवारी चंद्रशेखर ने कहा, “पारंपरिक ज्ञान और आधुनिक विज्ञान विशेष रूप से स्वास्थ्य विज्ञान में हाथ मिला रहे हैं। जब हम आयुष के वैज्ञानिक और चिकित्सकों को एक साथ ला रहे हैं,  और हमें यकीन है कि हम समाधान लेकर आएंगे जो कि सस्ती कीमतों पर उपलब्ध होगा। मुझे उम्मीद है कि यह देश के बेहतरीन कार्यक्रमों में से एक बनेगा।”

समझौता ज्ञापन के माध्यम से आयुष मंत्रालय और डीएसटी ने संयुक्त रूप से आयुष अवधारणाओं, प्रक्रियाओं और उत्पादों के वैज्ञानिक सत्यापन पर अनुसंधान और विकास गतिविधियों को शुरू करने, सूचना के आदान-प्रदान के लिए एक मंच बनाने और आयुष से संबंधित बुनियादी अवधारणाओं को समझने की दिशा में आधुनिक विज्ञान के अनुप्रयोग को लाने पर सहमति व्यक्त की है।

आयुष मंत्रालय उन महत्वपूर्ण क्षेत्रों की पहचान करेगा जिनमें आयुष से संबंधित प्रणालियां शामिल हैं जिन्हें आधुनिक विज्ञान में बुनियादी अवधारणाओं, प्रक्रियाओं, नए उपकरणों के विकास आदि को समझने की आवश्यकता है। इस बीच, डीएसटी, विज्ञान और इंजीनियरिंग अनुसंधान बोर्ड (एसईआरबी) के माध्यम से अच्छी तरह से चार्टर्ड योजनाओं और पारस्परिक कार्यों के माध्यम से महत्वपूर्ण क्षेत्रों के कार्यान्वयन का समन्वय करेगा।

 उद्योग, अनुसंधान एवं विकास संगठनों (सार्वजनिक/निजी), और सरकारी एजेंसियों/विभागों के साथ साझेदारी को दृढ़ता से प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके अलावा, एमओयू आयुष से संबंधित अनुसंधान एवं विकास गतिविधियों के तहत प्रस्तावों के लिए विशेष कॉल पर भी ध्यान केंद्रित करेगा, जो राष्ट्रीय वैज्ञानिकों के व्यक्ति या समूह से मांगे गए हैं जो शैक्षणिक संस्थानों, अनुसंधान संगठनों, सरकारी एजेंसियों और उद्योगों में सक्रिय रूप से अनुसंधान और प्रौद्योगिकी विकास में लगे हुए हैं।

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image001JJC4.jpg

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image0023RCE.jpg

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More