लखनऊ: उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री जयवीर सिंह ने कल देर शाम को उत्तर प्रदेश राज्य पुरातत्व परामर्शदात्री समिति की बैठक की। बैठक में उन्होंने 26 जुलाई, 2022 की बैठक के कार्यवृत्त की अनुपालन आख्या की जानकारी ली एवं उ०प्र० राज्य पुरातत्व निदेशालय एवं इसकी अधीनस्थ क्षेत्रीय पुरातत्व इकाई, आगरा, झांसी, गोरखपुर एवं प्रयागराज द्वारा सर्वेक्षित 43 स्मारकों/पुरास्थलों को सरंक्षित करने के निर्देश दिये।
श्री सिंह ने कहा कि समिति द्वारा 11 संरक्षित स्मारकों/पुरास्थलों को असंरक्षित करने हेतु निर्णय लिया गया, जिसमे 10 स्मारकों/पुरास्थलों को पर्यटन विभाग द्वारा पीपीपी मॉडल पर विकसित करने अथवा हेरिटेज होटल बनाये जाने के लिए असंरक्षित घोषित किया गया है। प्रदेश में संस्कृति और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश के किलों, गढ़ियों, महलों और कोठियों की सूची बनाकर उनको पीपीपी मॉडल पर विकसित करने, अधिक से अधिक ऐतिहासिक स्मारकों/स्थलों, मंदिरों को संरक्षित करने, आवश्यकतानुसार संरक्षित स्मारकों से सम्बन्धित भूमि के मुआवजा हेतु प्रस्ताव तैयार करने, उ0प्र0 के 75 जिलों में जैन एवं बौद्ध मंदिरों एवं स्थलों की सूची तैयार करने एवं गुरूगोरखनाथ का जायस से सम्बन्ध ज्ञात करने हेतु गहन सर्वेक्षण का निर्देश भी दिया।
बैठक में उपस्थित सदस्यों ने लांग/शार्ट टर्म पुरातात्विक कोर्स चलाये जाने एवं इंटर्न के माध्यम से पुरातात्विक सर्वे की अनुशंसा की जिस पर मा० मंत्री जी ने विचार करने का आश्वासन दिया।