प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 4350 करोड़ रुपये से अधिक की विभिन्न प्रमुख पहलों का शिलान्यास, उद्घाटन और लोकार्पण किया। इन परियोजनाओं में प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी एवं ग्रामीण के तहत लाभार्थियों के लिए गृह प्रवेश कार्यक्रम का शुभारंभ, अगरतला बाईपास (खैरपुर-अमतली) एनएच-08 के चौड़ीकरण के लिए कनेक्टिविटी परियोजनाएं, प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना III के तहत 230 किलोमीटर से अधिक लंबाई की 32 सड़कों का शिलान्यास और 540 किलोमीटर से अधिक लंबाई को शामिल करते हुए 112 सड़कों के उन्नयन की परियोजनाएं शामिल हैं। प्रधानमंत्री ने आनंदनगर में स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट और अगरतला गवर्नमेंट डेंटल कॉलेज का भी उद्घाटन किया।
सभा को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने समारोह के शुरू होने का बेसब्री से इंतजार करने वाले उपस्थित सभी लोगों को धन्यवाद दिया और मेघालय में व्यस्तताओं के कारण हुई थोड़ी देरी के लिए भी माफी मांगी, जहां उन्होंने मेघालय में दिन में कई परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया था।
प्रधानमंत्री ने पिछले 5 वर्षों में स्वच्छता अभियानों के संबंध में राज्य में किए गए सराहनीय कार्यों के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि यह त्रिपुरा के लोग हैं जिन्होंने इसे एक जन आंदोलन में बदल दिया है। इसके परिणामस्वरूप, क्षेत्रफल के हिसाब से छोटे राज्यों की बात करें तो त्रिपुरा भारत का सबसे स्वच्छ राज्य बनकर सामने आया है। उन्होंने कहा, “मां त्रिपुर सुंदरी के आशीर्वाद से त्रिपुरा की विकास यात्रा नई ऊंचाइयों को छू रही है।”
प्रधानमंत्री ने आज की उन परियोजनाओं के लिए त्रिपुरा के लोगों को बधाई दी जो कनेक्टिविटी, कौशल विकास और गरीबों के घर से जुड़ी योजनाओं से संबंधित हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि त्रिपुरा को आज अपना पहला डेंटल कॉलेज मिल रहा है और त्रिपुरा के युवाओं को अब राज्य के बाहर गए बिना डॉक्टर बनने का अवसर मिलेगा। उन्होंने कहा कि आज राज्य के 2 लाख से अधिक गरीब लोग अपने नए पक्के घरों में गृह प्रवेश कर रहे हैं जहां घरों की मालिक हमारी मां-बहनें हैं। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर इन परिवारों की उन महिलाओं को बधाई दी जो पहली बार घर की मालकिन बनेंगी। प्रधानमंत्री ने कहा, “जब गरीबों के लिए घर बनाने की बात आती है तो त्रिपुरा अग्रणी राज्यों में से एक है।” प्रधानमंत्री ने श्री माणिक साहा जी और उनकी टीम द्वारा किए गए कार्यों की प्रशंसा की। उन्होंने कार्यक्रम स्थल की ओर जाते समय हजारों समर्थकों द्वारा गर्मजोशी से अपने स्वागत के बारे में भी टिप्पणी की।
पूर्वोत्तर परिषद की उस बैठक को याद करते हुए जिसमें प्रधानमंत्री ने पहले भाग लिया था, उन्होंने त्रिपुरा सहित सभी पूर्वोत्तर राज्यों के लिए भविष्य के विकास के रोडमैप की चर्चाओं पर अंतर्दृष्टि दी। उन्होंने ‘अष्ट लक्ष्मी’ या आठ पूर्वोत्तर राज्यों के विकास के लिए ‘अष्ट आधार’ या आठ प्रमुख बिंदुओं के बारे में जानकारी दी। त्रिपुरा की डबल इंजन सरकार पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि राज्य में विकास की पहल को गति देने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि डबल इंजन वाली सरकार से पहले, पूर्वोत्तर राज्यों की बात केवल चुनाव और हिंसा के समय की जाती थी। उन्होंने कहा, “आज स्वच्छता, आधारभूत सुविधाओं के विकास और गरीबों को घर उपलब्ध कराए जाने को लेकर त्रिपुरा की चर्चा की जा रही है।” उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार आधारभूत सुविधाओं के विकास के लिए हजारों करोड़ रुपये खर्च कर रही है और राज्य सरकार जमीन पर परिणाम दिखाकर इसे संभव कर रही है। उन्होंने कहा, “पिछले 5 वर्षों में, त्रिपुरा के कई गांवों को सड़क संपर्क मिला है और त्रिपुरा के सभी गांवों को सड़कों से जोड़ने के लिए तेजी से काम चल रहा है।” प्रधानमंत्री ने कहा कि आज जिन परियोजनाओं की आधारशिला रखी गई है, वे राज्य के सड़क नेटवर्क को और मजबूत करेंगी, राजधानी में यातायात को आसान बनाएंगी और जीवन को आसान बनाएंगी।
अगरतला-अखौरा रेलवे लाइन और भारत-थाईलैंड-म्यांमार राजमार्ग के बुनियादी ढांचे के साथ खुलने वाले नए रास्ते के बारे में जानकारी देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, “त्रिपुरा के माध्यम से पूर्वोत्तर क्षेत्र अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के लिए एक प्रवेश द्वार बन रहा है।” उन्होंने कहा कि अगरतला में महाराजा बीर बिक्रम हवाई अड्डे पर अंतरराष्ट्रीय टर्मिनल के निर्माण से कनेक्टिविटी को बढ़ावा मिला है। नतीजतन, त्रिपुरा पूर्वोत्तर के एक महत्वपूर्ण लॉजिस्टिक सेंटर के रूप में विकसित हो रहा है। प्रधानमंत्री ने त्रिपुरा में इंटरनेट कनेक्टिविटी उपलब्ध कराने के लिए सरकार के प्रयासों का श्रेय दिया जो आज के युवाओं के लिए अत्यंत उपयोगी है। उन्होंने कहा, “त्रिपुरा की डबल-इंजन सरकार के प्रयासों के कारण कई पंचायतें अब ऑप्टिकल फाइबर से जुड़ गई हैं।”
सामाजिक बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए डबल इंजन सरकार के प्रयासों पर प्रकाश डालते हुए, प्रधानमंत्री ने आयुष्मान भारत योजना का उदाहरण दिया, जिसके तहत पूर्वोत्तर के गांवों में सात हजार से अधिक हेल्थ एवं वेलनेस सेंटर स्वीकृत किए गए हैं। उन्होंने कहा, “त्रिपुरा में लगभग एक हजार ऐसे केंद्र यहां स्थापित किए जा रहे हैं। इसी तरह, आयुष्मान भारत-पीएम जय योजना के तहत, त्रिपुरा के हजारों गरीबों को 5 लाख रुपये तक के मुफ्त इलाज की सुविधा मिली है।” श्री मोदी ने कहा, “शौचालय हो, बिजली हो या गैस कनेक्शन, इतना व्यापक काम पहली बार हुआ है।” उन्होंने यह भी कहा कि डबल इंजन सरकार सस्ते दामों पर पाइप द्वारा गैस लाने और हर घर में पाइप से पानी पहुंचाने के लिए तेजी से काम कर रही है। प्रधानमंत्री ने बताया कि केवल 3 वर्षों में त्रिपुरा के 4 लाख नए परिवारों को पाइप द्वारा पानी की सुविधा से जोड़ा गया है।
प्रधानमंत्री ने प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना का जिक्र किया, जिससे त्रिपुरा की एक लाख से अधिक गर्भवती माताएं लाभान्वित हुई हैं, जिसके तहत हर मां के बैंक खाते में पौष्टिक भोजन के लिए हजारों रुपये सीधे जमा किए गए हैं। उन्होंने कहा कि इसके परिणामस्वरूप आज अस्पतालों में अधिक से अधिक प्रसव हो रहे हैं और मां तथा बच्चे दोनों की जान बच रही है। प्रधानमंत्री ने माताओं और बहनों के लिए आत्मनिर्भरता के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि सरकार ने महिलाओं के रोजगार के लिए सैकड़ों करोड़ रुपये का विशेष पैकेज जारी किया है। उन्होंने राज्य सरकार के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा, “डबल इंजन सरकार के बाद त्रिपुरा में महिला स्वयं सहायता समूहों की संख्या 9 गुना बढ़ गई है।”
प्रधानमंत्री ने कहा, “कई दशकों तक, त्रिपुरा में उन दलों का शासन रहा, जिनकी विचारधारा का महत्व खो गया है और जो अवसरवाद की राजनीति करते हैं, क्योंकि उन्होंने त्रिपुरा को विकास से वंचित रखा था।” उन्होंने कहा कि यह गरीब, युवा, किसान और महिलाएं हैं जो इससे सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। उन्होंने कहा, “इस प्रकार की विचारधारा, इस प्रकार की मानसिकता से जनता का भला नहीं हो सकता। वे केवल नकारात्मकता फैलाना जानते हैं और उनके पास कोई सकारात्मक एजेंडा नहीं है।” उन्होंने कहा कि यह डबल इंजन वाली सरकार है जिसके पास संकल्प के साथ-साथ उपलब्धि के लिए एक सकारात्मक रास्ता है।
सत्ता की राजनीति के कारण हमारे आदिवासी समाजों को हुए भारी नुकसान पर चिंतन करते हुए प्रधानमंत्री ने आदिवासी समाज और आदिवासी क्षेत्रों में विकास की कमी पर अफसोस व्यक्त किया। प्रधानमंत्री ने हाल के गुजरात चुनावों को याद करते हुए कहा, “बीजेपी ने इस राजनीति को बदल दिया है और इसीलिए यह आदिवासी समाज की पहली पसंद बन गई है।” उन्होंने कहा, “भाजपा ने आदिवासियों के लिए आरक्षित 27 सीटों में से 24 पर जीत हासिल की है।”
प्रधानमंत्री ने आदिवासी समुदायों की बेहतरी के लिए किए गए विकास कार्यों की चर्चा करते हुए याद दिलाया कि अटल जी की सरकार ने ही सबसे पहले आदिवासियों के लिए अलग मंत्रालय और अलग बजट की व्यवस्था की थी। उन्होंने कहा, “आदिवासी समुदाय के लिए जो बजट 21 हजार करोड़ रुपये था, वह आज 88 हजार करोड़ रुपये है।” प्रधानमंत्री ने बताया कि आदिवासी छात्रों की छात्रवृत्ति भी दोगुनी से अधिक कर दी गई है। प्रधानमंत्री ने कहा, “2014 से पहले आदिवासी क्षेत्रों में 100 से कम एकलव्य मॉडल स्कूल थे, जबकि आज यह संख्या 500 से अधिक तक पहुंच रही है। त्रिपुरा के लिए भी 20 से अधिक ऐसे स्कूलों को मंजूरी दी गई है।” उन्होंने इस बात की ओर भी सबका ध्यान आकर्षित किया कि पहले की सरकारें 8-10 वन उत्पादों पर ही एमएसपी देती थीं, जबकि भाजपा सरकार 90 वनोपजों पर एमएसपी दे रही है। उन्होंने कहा, “आज, आदिवासी क्षेत्रों में 50,000 से अधिक वन धन केंद्र हैं जो लगभग 9 लाख आदिवासियों को रोजगार प्रदान कर रहे हैं, जिनमें से अधिकांश महिलाएं हैं।”
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि यह भाजपा सरकार है जो समझती है कि आदिवासियों के लिए गर्व का क्या मतलब है, और इसलिए, 15 नवंबर को भगवान बिरसा मुंडा की जयंती को देश भर में जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाना शुरू किया। प्रधानमंत्री ने बताया कि देश भर में 10 आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालय स्थापित किए जा रहे हैं और त्रिपुरा में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु जी ने हाल ही में महाराजा वीरेंद्र किशोर माणिक्य संग्रहालय और सांस्कृतिक केंद्र की आधारशिला रखी। उन्होंने कहा कि त्रिपुरा सरकार भी आदिवासी योगदान और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयास कर रही है और त्रिपुरा की आदिवासी कला और संस्कृति को आगे बढ़ाने वाले व्यक्तियों को पद्म सम्मान देने के विशेषाधिकार पर प्रकाश डाला।
प्रधानमंत्री ने त्रिपुरा के छोटे किसानों और उद्यमियों के लिए बेहतर अवसर पैदा करने के लिए डबल इंजन सरकार के प्रयास को दोहराया। श्री मोदी ने त्रिपुरा से अनानास के विदेशों तक पहुंचने का उदाहरण देते हुए कहा, “यहां के स्थानीय को वैश्विक बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं।” इतना ही नहीं, सैकड़ों मीट्रिक टन अन्य फल और सब्जियां भी यहां से बांग्लादेश, जर्मनी और दुबई को निर्यात किए जा रहे हैं और इसके परिणामस्वरूप किसानों को उनकी उपज की अधिक कीमत मिल रही है। उन्होंने कहा कि पीएम किसान सम्मान निधि से अब तक त्रिपुरा के लाखों किसानों को 500 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि मिल चुकी है। उन्होंने त्रिपुरा में अगर-लकड़ी उद्योग पर भी प्रकाश डाला और कहा कि यह त्रिपुरा के युवाओं के लिए नए अवसरों और आय का स्रोत बनेगा।
संबोधन का समापन करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि त्रिपुरा अब राज्य में विकास के डबल इंजन के आगमन के साथ शांति और विकास के पथ पर है। अंत में श्री मोदी ने कहा, “मुझे त्रिपुरा के लोगों की क्षमता पर पूरा भरोसा है। हम विकास की रफ्तार को तेज करेंगे, इसी विश्वास के साथ आप सभी को बहुत-बहुत बधाई।”
त्रिपुरा के राज्यपाल श्री सत्यदेव नारायण आर्य, त्रिपुरा के मुख्यमंत्री प्रो. (डॉ.) माणिक साहा, त्रिपुरा के उपमुख्यमंत्री श्री जिष्णु देव वर्मा और केंद्रीय राज्य मंत्री कु. प्रतिमा भौमिक सहित अन्य लोग इस अवसर पर उपस्थित थे।
पृष्ठभूमि
प्रधानमंत्री मुख्य रूप से यह सुनिश्चित करने पर जोर देते रहे हैं कि हर किसी के पास अपना घर हो। इस क्षेत्र में इसे सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए प्रधानमंत्री ने प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी और प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के तहत लाभार्थियों के लिए गृह प्रवेश कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इन घरों का निर्माण 3400 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से किया गया है और 2 लाख से अधिक लाभार्थी इसमें शामिल होंगे।
सड़क संपर्क में सुधार पर ध्यान देने के साथ, प्रधानमंत्री ने अगरतला बाईपास (खैरपुर-अमतली) एनएच-08 को चौड़ा करने के लिए परियोजना का उद्घाटन किया, जो अगरतला शहर में यातायात की भीड़ को कम करने में मदद करेगा। उन्होंने पीएमजीएसवाई III (प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना) के तहत 230 किलोमीटर से अधिक लंबाई की 32 सड़कों और 540 किलोमीटर से अधिक की दूरी वाली 112 सड़कों के उन्नयन के लिए आधारशिला रखी। प्रधानमंत्री ने आनंदनगर में स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट और अगरतला गवर्नमेंट डेंटल कॉलेज का भी उद्घाटन किया।