नयी दिल्ली: दो साल पहले हुए दिल्ली गैंगरेप (निर्भया कांड) पर बनी डॉक्यूमेंट्री को लेकर आज राज्य सभा में जमकर हंगामा मचा। बीबीसी द्वारा निर्भया के आरोपी मुकेश सिंह के इंटरव्यू किए जाने का मुद्दे पर विपक्ष ने सरकार को घेरा और गंभीर आपत्ति जताते हुए जांच की मांग की। खुद राज्यसभा स्पीकर हामिद अंसारी ने कहा कि ‘मैं हैरान हूं कि जेल के अंदर इंटरव्यू कैसे लेने दिया गया’, इस तरह के इंटरव्यू नहीं होने चाहिए। ये एक गंभीर मामला है।’
वहीं मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि गृह मंत्रालय ने इस मामले को गंभीरता से लिया है। जो भी इसके लिए जिम्मेदार है, उस पर सख्त कार्रवाई होगी। आपको याद होगी कि 16 दिसंबर 2012 को जब निर्भया कांड हुआ था उसके बाद संसद से लेकर सड़क तक हंगामा मच गया था। उस वक्त संसद में सपा सांसद जया बच्चन ने आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करते हुए रो पड़ीं थी। आज भी लगभग ऐसा ही हुआ। इंटरव्यू के मामले को उठाते हुए जया बच्चन ने सरकार पर हमला बोला और कहा कि जो यूपीए ने किया वही आप भी कर रहे हैं।
औरतों को आपके मगरमच्छी आंसू नहीं चाहिए। चुप कराने पर भी जया लगातार बोलती रहीं। सभापति ने पहले चुप कराया और फिर खड़े होकर कहा कि आपने अपनी बात कह ली, सरकार ने भी उस पर बोल दिया, अब आप क्या चाहती हैं। वहीं राजनाथ सिंह ने इस मुद्दे पर बयान देते हुए कहा कि बीबीसी को जुलाई 2013 में नो ऑब्जेक्शन सर्टीफिकेट दिया गया था। डॉक्यूमेंट्री के लिए इजाजत कुछ शर्तों के साथ दी गई थी। पर इन शर्तों का उल्लंघन हुआ। जब मुझे इसका पता चला कि मुझे व्यक्तिगत रुप से बहुत झटका लगा। मैं भरोसा दिलाता हूं कि भविष्य में किसी रेपिस्ट के इस तरह के इंटरव्यू के लिए इजाजत नहीं दी जाएगी।
डॉक्यूमेंट्री के प्रसारण पर रोक
केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सरकार ने 16 दिसंबर के दुष्कर्म कांड के दोषी के साक्षात्कार पर आधारित वृत्तचित्र के प्रसारण पर रोक के लिए आवश्यक कदम उठाए हैं। राज्यसभा में बयान देते हुए गृह मंत्री ने कहा कि सरकार 16 दिसंबर, 2012 की घटना की निंदा करती है और व्यावसायिक लाभ के लिए ऐसी घटनाओं का इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं दी जाएगी। मंत्री ने कहा, “ऐसी सूचना है कि कथित साक्षात्कार बीबीसी-4 पर अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के दिन आठ मार्च को प्रसारित होगा।”
मंत्री ने कहा, “हमारी सरकार 2012 की घटना की निंदा करती है। सरकार ने आवश्यक कदम उठाए हैं और वृत्तचित्र के प्रसारण पर रोक लगाने के लिए अदालत से आदेश भी ले लिए गए हैं।” इस मुद्दे पर राज्यसभा में सांसदों ने विरोध जताया, जिसके बाद कार्यवाही 15 मिनट के स्थगित कर दी गई।