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मुख्यमंत्री ने दी प्रदेशवासियों को गणतंत्र दिवस की शुभकामनायें।

उत्तराखंड

देहरादून: मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेशवासियों को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं दी हैं। गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर जारी अपने संदेश में मुख्यमंत्री ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों, संविधान निर्माताओं और राज्य आन्दोलनकारियों को नमन करते हुए कहा कि गणतंत्र दिवस हमारे संविधान निर्माण का एक पर्व है। आज के दिन हमारे देश में बाबा साहेब अम्बेडकर के दिशा निर्देशन में बनाए गए संविधान को लागू किया गया था। हमारा यह विशिष्ट संविधान हमारे राष्ट्र का निरंतर मार्गदर्शन करता आ रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि गणतंत्र दिवस हमारे स्वाधीनता सेनानियों के त्याग एवं बलिदान का स्मरण भी कराता है। यह अवसर हमें देशभक्तों के सपनों को साकार करने और अपने लक्ष्यों के प्रति प्रतिबद्ध होने का संकल्प लेने की भी प्रेरणा देता है। संविधान के अंतर्गत ही हम सभी की जिम्मेदारी यह भी है कि हम न्याय, स्वतंत्रता, समानता और भाईचारे के मूलभूत लोकतांत्रिक आदर्शों के प्रति सदैव प्रतिबद्ध रहें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की संकल्पना को साकार करते हुए वर्ष 2025 तक देवभूमि उत्तराखण्ड को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने के लिए प्रतिबद्ध है, केंद्र सरकार के सहयोग एवं प्रदेश की 1.25 करोड़ जनता के आशीर्वाद से हम इस लक्ष्य को प्राप्त करने में प्राण प्रण से जुटे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सरलीकरण, समाधान निस्तारण और जन संतुष्टि के मूलमंत्र पर चलते हुए अंत्योदय की भावना के साथ समाज के अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति के विकास, कल्याण और उन्नति हेतु संकल्पबद्ध है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हम जीरो टॉलरेंस आन करप्शन की नीति का अनुसरण कर प्रदेश में नकल माफियाओं के विरुद्ध कठोर कार्यवाही कर रहे है। राज्य कैबिनेट द्वारा प्रदेश में भर्तियों में भ्रष्टाचार रोकने के लिये सख्त नकल विरोधी कानून बनाये जाने का निर्णय लिया गया है। इस कानून को इतना सख्त बनाया जायेगा कि भविष्य में कोई इस बारे में सोच भी न सके। सख्त नकल विरोधी कानून में दोषी का उम्र कैद की सजा का प्राविधान तो होगा ही उसके द्वारा अर्जित संपत्ति को जब्त किये जाने का भी व्यवस्था रहेगी।

भू धंसाव से प्रभावित जोशीमठ की इस विपदा में हम प्रभावितों के साथ खड़े हैं।  हम प्रभावितों के हित में उनकी जो भी अपेक्षाएं हैं उन अपेक्षाओं के अनुरूप उनके पुनर्वास और सेटलमेंट के लिए काम कर रहे हैं, प्रधानमंत्री जी भी स्वयं और उनका कार्यालय भी लगातार इस बात की चिंता कर रहा है। प्रभावितों के विस्थापन के लिए उनके सुझावों के आधार पर इतनी बेहतर व्यवस्था की जायेगी यह पूरे देश के लिए नजीर बने। उत्तराखण्ड एक आपदा संवेदनशील राज्य है। इसलिए हमारी जिम्मेदारियां भी अलग हैं। हम अपने सभी पर्वतीय शहरों की धारण क्षमता का सर्वेक्षण करवा रहे हैं। हम हमेशा इकॉलॉजी और इकोनॉमी के संतुलन की बात करते हैं। उत्तराखण्ड पर्यावरणीय सेवा प्रदाता राज्य है। हिमालय, वन एवं वन्य जीव सम्पदा हमारी अमूल्य धरोहर है। इनका संरक्षण एवं संवर्धन हमारा ध्येय है। स्थानीय लोगों का विकास व रिवर्स पलायन भी हमारी एक बड़ी जिम्मेदारी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार बिना किसी तुष्टिकरण के सबका साथ सबका विश्वास और सबके प्रयास की भावना को साकार करने तथा धर्म, संस्कृति, आध्यात्म, शौय एवं सामरिक महत्व वाले गंगा के प्रदेश, देवभूमि उत्तराखण्ड के सभी संप्रदायों के हित में समान नागरिक संहिता कानून बनाये जाने के लिये कृत संकल्पित है। इसका हमने चुनाव से पूर्व जनता से भी वादा किया था। इसके साथ ही राज्य के कई क्षेत्रों में घटित हो रही धर्मांतरण की घटनाओं को प्रभावी ढंग से रोकने के लिये प्रदेश में सख्त धर्मांतरण कानून बनाया है। हमारे शांत प्रदेश में इस प्रकार की जबरन धर्मांतरण की घटनायें घटित न हों इसके लिये यह कानून लाया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि  प्रदेश की मातृशक्ति का सम्मान भी हमारे लिये सर्वोपरि है। महिलाओं के कल्याण के लिये राज्य सरकार द्वारा प्रभावी योजनायें क्रियान्वित की जा रही हैं। राज्य सरकार ने सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 30 प्रतिशत आरक्षण देने का प्राविधान किया है। राज्य में महिला सशक्तिकरण के लिए मुख्यमंत्री लखपति दीदी योजना शुरू की गई है। इस योजना के तहत 2025 तक राज्य की 1.25 लाख महिलाओं को लखपति बनाने का लक्ष्य रखा गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हमारा देश अमृत महोत्सव मना रहा है। मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों का नव भारत एक भारत श्रेष्ठ भारत तथा आत्मनिर्भर भारत के महा अभियान में सहयोग का आह्वान किया।

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