कोटा में दो दिनी वृहद कृषि महोत्सव- प्रदर्शनी एवं प्रशिक्षण का आयोजन हजारों किसानों की उपस्थिति में लोक सभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला एवं केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर के आतिथ्य में आज संपन्न हुआ। महोत्सव में श्री बिरला ने प्रसन्नता जताते हुए कहा कि आज हमारे नौजवान नवाचारों के माध्यम से देश में खेती-किसानी को आगे बढ़ा रहे हैं, वहीं श्री तोमर ने देश में उन्नत कृषि व समृद्ध किसान का नारा बुलंद करते हुए कहा कि आने वाला कल किसानों का है, किसानों के बल पर ही भारत को आगे बढ़ना है।
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा आयोजित इस कृषि महोत्सव में लोक सभा अध्यक्ष श्री बिरला ने कहा कि हाड़ौती अंचल के किसान बहुत उत्साही हैं, जिन्होंने कृषि की नई टेक्नालॉजी सीखने-समझने व आधुनिक कृषि अपनाने में रूचि दिखाई है। महोत्सव में खेती को और ज्यादा लाभप्रद बनाने के लिए सभी जागरूक किसानों को उन्नत कृषि उत्पादन प्रणाली, नई कृषि टेक्नालॉजी, उन्नत कृषि यंत्रों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित एवं प्रशिक्षित किया गया है। ऐसे आयोजनों से किसानों को कृषि को व्यवसाय के रूप में अपनाने के लिए सही दिशा मिलती है। हमें परंपरागत खेती के साथ-साथ नई टेक्नालाजी, नए नवाचारों का उपयोग करना पड़ेगा। अपनी मेहनत व नवाचारों से अब किसान का बेटा गांव में ही रखकर खेती को मुनाफे का व्यवसाय बनाकर दुनिया को दिखाएगा।
लोक सभा अध्यक्ष श्री बिरला ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा किसानों के प्रति समर्पण की भावना से साढ़े 8 वर्षों में किए गए अथक प्रयासों के कारण कृषि क्षेत्र ने नई उपलब्धियां हासिल की है। देशभर में चलाई जा रही किसान रेल का उदाहरण देते हुए श्री बिरला ने कहा कि सरकार किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत करना चाहती है, ऐसा होने पर देश और तरक्की करेगा। उन्होंने महोत्सव में बड़ी संख्या में किसानों की भागीदारी पर खुशी जताई।
केंद्रीय मंत्री श्री तोमर ने कहा कि पहले यह कहावत थी कि खेती उसी की है, जिसके पास पानी है लेकिन आज टेक्नालाजी के कारण कहावत बदल गई है, आज खेती उसी की है, जिसके पास ज्ञान है। ऐसे आयोजनों के माध्यम से टेक्नालाजी को सीखते-समझते तथा अपनी खेती में उपयोग करके उत्पादन व उत्पादकता बढ़ाई जा सकती है। कृषि उन्नत कृषि हो, हमारे किसान समृद्ध हों व हाड़ौती की अर्थव्यवस्था कारखानों के बल पर नहीं बल्कि किसानों के परिश्रम के बल पर मजबूत हो, इसके लिए महोत्सव आयोजित किया गया। श्री तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2014 में कामकाज संभालने के बाद ही कह दिया था कि हमारी सरकार गांव-गरीब-किसानों की सरकार है। बीते 8 वर्षों में देश के गांवों की शक्ल बदलने, गरीबों का जीवन स्तर ऊंचा उठाने, किसानों की आय बढ़ाने के साथ ही दुनिया के राजनीतिक मंच पर भारत का झंडा बुलंदी के साथ लहराएं, इसमें भी प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कोई कसर नहीं छोड़ी है।
श्री तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी ने गरीबों के घर में उज्ज्वला योजना के तहत रसोई गैस कनेक्शन दिए, किसानों को छह-छह हजार रुपये की सम्मान निधि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के अंतर्गत दी जा रही है, जो अभी तक 2.24 लाख करोड़ रु. दी जा चुकी है और इसमें एक रुपये की भी अमानत में खयानत नहीं हुई बल्कि पूरे छह के छह हजार रु. सीधे किसानों के बैंक खाते में जमा होते हैं। इसमें न कोई बिचौलिया है, न कोई दलाल। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने जब पहली बार 15 अगस्त को लाल किले से भाषण दिया था, तब उन्होंने कहा था कि गरीबों के जन-धन खाते बैंकों में खुलना चाहिए, तब आलोचकों ने इसकी आलोचना की लेकिन आज प्रत्येक भारतवासी को इन गरीबों के खाते बैंकों में खुलने पर गर्व महसूस होता है। इन जन-धन खातों में आज 1.46 लाख करोड़ रु. जमा है, जिससे देश के गरीबों की ताकत का अंदाजा लगाया जा सकता है।
केंद्रीय कृषि मंत्री श्री तोमर ने कहा कि किसानों की आय बढ़ाने के लिए 10 हजार नए एफपीओ 6,865 करोड़ रु. खर्च कर बनाए जा रहे हैं, वहीं खाद्य तेलों की आयात पर निर्भरता कम करने के लिए 11 हजार करोड़ रु. का राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन-पाम ऑयल लागू किया गया है। केसीसी से करोड़ों रु. का लोन मिलने से किसानों को सुविधा हुई है, वहीं 1 लाख करोड़ रु. का एग्री इंफ्रा फंड भी किसानों के लिए सुविधाएं बढ़ाने को लाया गया है। इसी तरह पशुपालन, मछली पालन, हर्बल खेती, छोटी प्रोसेसिंग यूनिट जैसे कृषि से सम्बद्ध कार्यों के लिए 50 हजार करोड़ रु. के पैकेजों से अर्थव्यवस्था व खेती के काम में बदलाव आ रहा है। नई पीढ़ी को खेती में रोकना अत्यंत आवश्यक है और इसके लिए खेती में ज्ञान का पूरा-पूरा उपयोग करना आवश्यक है। श्री तोमर ने सराहना करते हुए कहा कि आज राजस्थान के किसानों ने रेत में खजूर की ऐसी खेती की है, जिसे देखकर दुनिया के लोग दांतों तले अंगुली दबा लेते हैं।
कार्यक्रम में विधायकगण, अन्य जनप्रतिनिधि व केंद्र-राज्य सरकार, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, कृषि अनुसंधान संस्थानों, कृषि विश्वविद्यालयों, आंचलिक कृषि केंद्रों के वैज्ञानिकों, कृषि विभाग के अधिकारियों के साथ हजारों किसान, स्टार्टअपकर्मी, विस्तारकर्मी, निजी कृषि संस्थाओं के प्रतिनिधि उपस्थित थे। प्रदर्शनी में केंद्र-राज्य सरकार द्वारा किसानों के लिए चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी दी गई। कृषि आदानों की आपूर्ति से संबंधित स्टॉल व 75 स्टार्टअप के स्टॉल भी लगाए गए थे, जिनका बड़ी संख्या में किसानों ने अवलोकन किया। महोत्सव में कृषि, बागवानी, पशुपालन के विषयों पर प्रशिक्षण दिया गया।