जैसा कि भारत अपना 74वां गणतंत्र दिवस मना रहा है, आज देश में 11 करोड़ से ज्यादा ग्रामीण परिवारों के पास नल के पानी का कनेक्शन है। भारत के 123 जिलों और 1.53 लाख से ज्यादा गांवों में ‘हर घर जल’ उपलब्ध है, जिसका अर्थ है कि ‘हर घर जल’ के माध्यम से स्वच्छ पेयजल उपलब्ध है।पिछले वर्षों में कई व्यवधान उत्पन्न होने के बावजूद, राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों ने हर ग्रामीण घर में नल का पानी सुनिश्चित करने की दिशा में लगातार काम किया है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 15 अगस्त, 2019 को ‘जल जीवन मिशन’ की घोषणा की थी, जिसका उद्देश्य 2024 तक प्रत्येक ग्रामीण परिवार को नल के पानी का कनेक्शन उपलब्ध कराना है।2019 में मिशन की शुरुआत होने के समय, 19.35 करोड़ ग्रामीण परिवारों में से सिर्फ 3.23 करोड़ (16.72 फीसदी) परिवारों के पास नल का पानी उपलब्ध था। लेकिन आज की तारीख में, जीवन बदलने वाले मिशन ने लगभग तीन वर्षों की छोटी अवधि में, 11 करोड़ (56.84%) से ज्यादा ग्रामीण परिवारों के घरों में नल के पानी की आपूर्ति की है।
- प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने जल जीवन मिशन (जेजेएम) के अंतर्गत 11 करोड़ नल जल कनेक्शन प्रदान करने वालीउपलब्धि की सराहना की
- प्रधानमंत्री ने जेजेएम के सभी लाभार्थियों को शुभकामनाएं दी और इस मिशन को सफल बनाने के लिए जमीनी स्तर पर काम करने वाले लोगों की सराहना की
- केंद्रीय मंत्री, श्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा 11 करोड़ घरों को अब स्वास्थ्य और सेहत का आश्वासन दिया गया है और जीवन का यह अमृत उनके दरवाजे तक पहुंच रहा है
- प्रधानमंत्री द्वारा 2019 में जेजेएम की शुरुआत के समय, केवल 3.23 करोड़ (16.72%) ग्रामीण परिवारों के पास नल का पानी उपलब्ध था
- आज की तारीख में, लगभग तीन वर्षों की छोटी अवधि में, 11 करोड़ (56.84%) से ज्यादा ग्रामीण परिवारों के घरों में नल के पानी की आपूर्ति की जा रही है
- भारत के 123 जिले और 1.53 लाख से ज्यादा गांवों में अब ‘हर घर जल’ हैं
- फील्ड टेस्ट किट के माध्यम से पानी की गुणवत्ता का परीक्षण करने के लिए 17 लाख से ज्यादा महिलाओं को प्रशिक्षित किया गया
- अब तक, जेजेएम के अंतर्गत 5.20 लाख से ज्यादा पानी समितियों का गठन किया गया, जो गांव में जल आपूर्ति की अवसंरचना का प्रबंधन, संचालन और रखरखाव करते हैं
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने जल जीवन मिशन के अंतर्गत 11 करोड़ नल जल कनेक्शन की उपलब्धि प्राप्त करने की सराहना की। श्री मोदी ने इस पहल से लाभान्वित होने वाले सभी लोगों को शुभकामनाएं दी और इस मिशन को सफल बनाने के लिए जमीनी स्तर पर काम करने वाले लोगों की भी सराहना की।
केंद्रीय जल शक्ति मंत्री, श्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने इस उपलब्धि के बारे में ट्वीट कर कहा, “हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के दृष्टिकोण, मंत्रालय द्वारा जलजीवन मिशन के निर्धारित लक्ष्यों की प्राप्ति का अथक अनुसरण और जमीनी स्तर पर हमारी टीम के प्रयास ने इस विशाल मील के पत्थर को संभव बनाया है।”केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि “11 करोड़ घरों को अब स्वास्थ्य और सेहत का आश्वासन दिया गया है और जीवन का यह अमृत उनके दरवाजे तक पहुंच रहा है।”
नल के पानी की नियमित आपूर्ति ने लोगों, विशेष रूप से महिलाओं और युवा लड़कियों, को अपनी दैनिक घरेलू आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पानी से भरी हुई भारी बाल्टी उठाने से राहत प्रदान किया है, जिससे उनकी सदियों पुरानी मेहनत को कम कर दिया है।पानी इकट्ठा करने से बचने वाले समय का उपयोग अब उनके द्वारा आय सृजन गतिविधियों, नए कौशल सीखने और बच्चों की शिक्षा का समर्थन करने में किया जाता है।उन गांवों में जहां जल जीवन मिशन (जेजेएम) पहुंच चुका है, किशोरियों को अब अपनी मां के साथ लंबी दूरी तक चलकर अपनी प्यास बुझाने के लिए पानी लाने में मदद करने के लिए स्कूल नहीं छोड़ना पड़ता हैं। यह बालिकाओं को सशक्त बनाने और शिक्षित करने की दिशा में भी एक लंबा रास्ता तय कर रहा है।
बच्चों के स्वास्थ्य और सेहत पर ध्यान केंद्रित करने करते हुए, 2020 में गांधी जयंती के अवसर पर, सभी स्कूलों, आंगनवाड़ी केंद्रों और आश्रमशालाओं (आदिवासी आवासीय विद्यालयों) में पीने, मिड-डे मील पकाने, हाथ धोने और शौचालयों में उपयोग करने के लिए नल के पानी का कनेक्शन प्रदान करने के लिए एक अभियान की शुरूआत की गई थी। आज की तारीख में, 8.84 लाख (85.79%) स्कूलों और 9.14 लाख (81.75%) आंगनवाड़ी केंद्रों में नल के पानी की आपूर्ति की जाती है।2 राज्य (गोवा और केरल) और 3 केंद्रशासित प्रदेश (अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, दादरा और नगर हवेली एवं दमन और दीव, जम्मू और कश्मीर, पुडुचेरी) अब अपने स्कूलों और आंगनवाड़ी केंद्रों में 100% नल जल सुविधा प्रदान कर रहे हैं जबकि 16 राज्य/केंद्रशासित प्रदेश 90% या उससे ज्यादातक पहुंच चुके हैं, और 100% प्राप्त करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।
नीचे से उपर वाले दृष्टिकोण का अनुसरण करते हुए, जेजेएम को एक विकेन्द्रीकृत, मांग-संचालित समुदाय-प्रबंधित कार्यक्रम के रूप में लागू किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य सभी ग्रामीण परिवारों को नियमित और दीर्घकालिक रूप से पर्याप्त दबाव के साथ निर्धारित गुणवत्ता वाला पानी पर्याप्त मात्रा (55 एलपीसीडी) मेंउपलब्ध करना है।अब तक जल जीवन मिशन के अंतर्गत 5.20 लाख से ज्यादा पानी समितियों/ग्राम जल और स्वच्छता समितियों (वीडब्ल्यूएससी) का गठन किया गया है, जो गांव में जल आपूर्ति अवसंरचना का प्रबंधन, संचालन और रखरखाव करते हैं। जहां तक पानी की गुणवत्ता वाली बात है, पानी के नमूनों का परीक्षण करने के लिए 17 लाख से ज्यादा महिलाओं को फील्ड टेस्ट किट (एफटीके) का उपयोग करने के लिए प्रशिक्षित किया गया है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं का सशक्तिकरण हुआ है।