इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी व कौशल विकास और उद्यमिता राज्य मंत्री श्री राजीव चंद्रशेखर ने आज कहा कि क्वांटम कंप्यूटिंग भारत के टेकेड (प्रौद्योगिकी का दशक) में देश के विकास और विस्तार के केंद्र में होगी।
उन्होंने पुणे स्थित सी-डैक में आयोजित क्वांटम कंप्यूटिंग इकोसिस्टम पर दो दिवसीय संगोष्ठी का वर्चुअल उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की सोच पूरे विश्व के भागीदारों और प्लेयर्स के साथ भारत केंद्रित क्वांटम तकनीक इकोसिस्टम निर्माण का करना है। हम स्टार्टअप्स, अनुसंधान व विकास प्रयोगशालाओं, उच्च शिक्षा संस्थानों के साथ-साथ नवाचार का एक इकोसिस्टम बनाने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। भारत के टेकेड में विकास और विस्तार का केंद्र क्वांटम कंप्यूटिंग होगा।”
इस संगोष्ठी का उद्देश्य क्वांटम कंप्यूटिंग में भारत की क्षमताओं को सामने लाना है। इसका लक्ष्य उन तकनीकों, प्रणालियों और उप-प्रणालियों का पता लगाना है, जो क्वांटम कंप्यूटरों के ब्लॉक का निर्माण करते हैं और व्यावसायिक पैमाने पर क्वांटम कंप्यूटर निर्माण के लिए प्रमुख हितधारकों के बीच समन्वय स्थापित करते हैं।
श्री राजीव चंद्रशेखर ने क्वांटम कम्प्यूटिंग की विघटनकारी भूमिका का उल्लेख किया। उन्होंने यह रेखांकित किया कि यह अगला बड़ा विचार होने जा रहा है, जो सामान्य रूप से प्रौद्योगिकी और विशेष रूप से कंप्यूटिंग को बाधित करेगा।
मंत्री ने कहा, “हमें भारत केंद्रित क्वांटम इकोसिस्टम बनाने के लिए नवाचार, स्टार्टअप्स, अनुसंधान प्रयोगशालाओं, उच्च शैक्षणिक संस्थानों, घरेलू कंपनियों, विदेशी कंपनियों, विदेशी शिक्षाविदों के संपूर्ण क्वांटम इकोसिस्टम के निर्माण को लेकर सही मायने में एक साथ काम करने की जरूरत है। यह पूरे विश्व के अन्य भागीदारों और प्लेयर्स के साथ काफी अच्छा काम करता है।”
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि क्वांटम कंप्यूटिंग जैसी प्रौद्योगिकियां भारत के दशक में देश के आर्थिक विस्तार के केंद्र में होंगी। श्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा, “एक ओर हम स्पेक्ट्रम में अत्याधुनिक क्वांटम और उच्च प्रदर्शन कंप्यूटिंग में क्षमताओं का निर्माण करना चाहते हैं, दूसरी ओर हम उपभोक्ता उत्पादों, डिजिटल उत्पादों, उपकरणों व समाधानों का निर्माण करना चाहते हैं और उन 120 करोड़ भारतीयों को जो 2025-2026 तक इंटरनेट से जुड़ जाएंगे, को अधिक डिजिटल सशक्तिकरण प्रदान करना चाहते हैं।”
मंत्री ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की सोच भारत को प्रौद्योगिकी के केवल उपभोक्ता से एक वास्तुकार व डिजाइनर और प्रौद्योगिकी के निर्माता के रूप में रूपांतरित करना है। उन्होंने बताया कि कैसे सरकार ने पिछले आठ वर्षों में शून्य से एक इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण इकोसिस्टम का निर्माण किया है, जिससे भारत इलेक्ट्रॉनिक्स की वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में एक विश्वसनीय भागीदार बन गया है।
इस कार्यक्रम में इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव श्री अल्केश शर्मा, अतिरिक्त सचिव श्री भुवनेश कुमार, कनाडा स्थित कैलगरी विश्वविद्यालय के प्रोफेसर बैरी सैंडर्स, ब्रिटेन स्थित ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय व क्वांटरोलओएक्स के अध्यक्ष प्रोफेसर एंड्रयू ब्रिग्स, सी-डैक के महानिदेशक श्री ई. मगेश, मंत्रालय के आईटी में अनुसंधान व विकास के समूह समन्वयक श्रीमती सुनिता वर्मा, डीएसटी के एफएफटी प्रभाग की प्रमुख डॉ. एकता कपूर, भारत सरकार के पीएसए में वैज्ञानिक ‘जी’ व सलाहकार डॉ. प्रीति बंसल, पुणे स्थित सी-डैक में कारपोरेट रणनीति के कार्यकारी निदेशक कर्नल ए.के. नाथ (सेवानिवृत), सी-डैक अनुसंधान व विकास में सहायक वैज्ञानिक डॉ. अनिंदिता बनर्जी और भारत, इजरायल, नीदरलैंड, स्विट्जरलैंड, फिनलैंड व अमेरिका के अनुसंधान प्रयोगशालाओं और उद्योगों के वरिष्ठ वैज्ञानिक उपस्थित थे।