लखनऊ: प्रदेश के उद्यान, कृषि विपणन, कृषि विदेश व्यापार तथा कृषि निर्यात राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री दिनेश प्रताप सिंह ने कोल्ड स्टोरेज मालिकों से कहा कि कोल्ड स्टोर पर आलू लेकर आने वाले क्षेत्रीय किसानों का आलू उसी दिन भण्डारित किया जाये। उन्होंने कोल्ड स्टोरेज के मालिकों तथा उद्यान विभाग के कार्मिकों को सख्त हिदायत दी है कि कोल्ड स्टोरेज पर आने वाले आलू किसानों के साथ संवेदनशीलता के साथ व्यवहार किया जाए, उन्हें अपना आलू भण्डारित करने में किसी प्रकार की समस्या न आये। उन्होंने कहा कि कोल्ड स्टोर में किसानों के आलू भण्डारण में लापरवाही बरतने वाले उद्यान विभाग के कार्मिकों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने कहा कि जनपद रायबरेली के कोल्ड स्टोरेज में लापरवाही बरतने पर उद्यान विभाग के कर्मी को निलंबित कर दिया गया है।
उद्यान मंत्री ने आलू किसानों से कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में प्रदेश सरकार आलू किसानों के हितों के लिए पूरी तरह से कटिबद्ध है। उन्होंने कहा कि आलू किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिले, इसके प्रयास किये जा रहे हैं। इसीलिए सरकार ने बाजार हस्तक्षेप योजना के अन्तर्गत उचित औसत गुणवत्ता का आलू 650 रू0 प्रति कु0 की दर से क्रय किये जाने का निर्णय लिया है। प्रदेश के किसानों के आलू को संरक्षित करने का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आलू किसानों का किसी भी दशा में अहित नहीं होने पाएगा। उत्तर प्रदेश के किसानों को दुनिया के बाजारों से परिचय कराया जा रहा है। प्रदेश के किसानों का आलू देश और विदेशों में भेजा जा रहा है।
विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रदेश में अब 1985 शीतगृहों में 164.27 लाख मी0टन की भण्डारण क्षमता में से 105.29 लाख मी0टन आलू भण्डारित हो गया है। लगभग 59 लाख मी0टन आलू भाण्डारण की क्षमता रिक्त है।
मंत्री श्री सिंह ने कोल्ड स्टोर में किसानों का आलू सही तरीके से भण्डारित हो रहा है कि नहीं इसका जमीनी स्तर पर फीडबैक लेने हेतु जनपद रायबरेली के कोल्ड स्टोरों का औचक निरीक्षण किया। पैर में फ्रैक्चर होने के बावजूद भी मंत्री कोल्ड स्टोरेज में पहुंचकर आलू भण्डारण के वस्तुस्थिति की जानकारी ली। उन्होंने जनपद रायबरेली के जगतपुर ब्लॉक के जिगना प्रेम कोल्ड स्टोर, लालगंज के लक्ष्मी कोल्ड स्टोर, जनपद बाराबंकी के सफदरगंज कोल्ड स्टोरेज व विन्द्रा, परमेश्वर कोल्ड स्टोरेज आदि का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान किसानों का आलू कोल्ड स्टोर में उद्यान विभाग के कार्मिकों की देखरेख में भंडारित किया जा रहा था। मंत्री को कोल्ड स्टोरेज मालिकों के अभिलेख, निरीक्षण से प्रतीत हुआ कि जनपद रायबरेली में अभी 40 प्रतिशत कोल्ड स्टोर में आलू भंडारण हेतु स्थान रिक्त है।
उद्यान मंत्री ने उपस्थित किसानों को आश्वस्त किया कि सरकार किसी भी दशा में आलू किसानों का अहित नहीं होने देगी। वैसे तो अनुमान के मुताबिक रायबरेली में स्थापित कोल्ड स्टोरेज की क्षमता से अधिक आलू उत्पादन होने का अनुमान नहीं है। उन्होंने किसानों को आश्वस्त करते हुए यह भी कहा कि अब राज्य का आलू दुनिया के बाजारों में बिकने की शुरुआत हो चुकी है।
उद्यान मंत्री ने जिलाधिकारी रायबरेली को निर्देश दिए कि रायबरेली के आलू किसानों को किसी भी दशा में कोई असुविधा नहीं होनी चाहिए। इस पर प्रशासनिक स्तर पर भी अनुश्रवण और पर्यवेक्षण किया जाए और परिस्थितियों से प्रतिदिन अवगत कराया जाए। उन्होंने कहा कि रायबरेली के सभी 27 कोल्ड स्टोर पर उद्यान विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों की नियुक्ति की गई है। उन्होंने कहा कि आलू भण्डारण में लापरवाही बरतने वाले उद्यान विभाग के कर्मचारी रामनेवाज को निलंबित करने का आदेश दिया। उद्यान अधिकारी को निर्देशित करते हुए कहा कि यदि किसी कोल्ड स्टोरेज पर अनियमितता या लापरवाही पाई जाएगी तो संबंधित के खिलाफ कठोर कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने कहा कि कतिपय लोगों के द्वारा भ्रम फैलाया जा रहा है कि 650 रु0 आलू की दरें राज्य सरकार द्वारा निर्धारित की गई है। हकीकत यह है कि बाजार में आलू की दरों को नियंत्रित करने के उद्देश्य से केंद्रीय आलू अनुसंधान परिषद (सीपीआरआई) की सलाह पर भारत सरकार व राज्य सरकार ने मिलकर 650 रु0 इसलिए निर्धारित किया है कि यदि आलू का बाजार भाव 650 रु0 से नीचे गिरता है तो राज्य सरकार 650 रु0 की दर पर औसत गुणवत्ता का आलू किसानों से खरीदेगी। यह दरें आलू बाजार का मूल्य स्थिर करने के उद्देश्य से की गई है। पूरे राज्य में अलग-अलग जनपदों की मण्डी में आलू का अलग-अलग भाव है, जो 800 रु0 से 850 रु0 में भी किसानों का आलू बिक रहा है।