13 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

सचिवालय में विभिन्न विभागों की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री हरीश रावत

उत्तराखंड

देहरादून: पर्यटन स्थलों को विकसित करने के लिए इंटीग्रेटेड एप्रोच अपनाई जाए। निकटवर्ती पर्यटन स्थलों को एक सर्किट में शामिल कर विकसित किया जाए। हरकीदून-केदारकांठा सर्किट, भरत सर्किट (कोटद्वार-कण्वाश्रम), जागेश्वर-मदमहेश्वर, कालसी-हनोल-लाखामण्डल, चम्पावत-मायावती-पूर्णागिरी, लैंसडौन-ताड़केश्वर, पुरोला-मोरी, कौसानी-ग्वालदम-गरूड़-बेदिनी, जखोली-बधाणीताल को पर्यटन के मानचित्र पर लाते हुए फोकस किया जाए। गुरूवार को सचिवालय में मुख्यमंत्री हरीश रावत ने पर्यटन विभाग की समीक्षा करते हुए उक्त निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि हरकीदून, जागेश्वर, कण्वाश्रम, लाखामण्डल, पूर्णागिरी, ग्वालदम सहित विभिन्न पर्यटन स्थलों पर पर्यटन विभाग ने बहुत से प्रयास किए हैं। अब इन प्रयासों को समन्वित करते हुए मिशन मोड़ में काम करने की आवश्यकता है। उत्तराखण्ड में अभी भी बहुत से स्थल ऐसे हैं जिनकी पर्यटकों को जानकारी नहीं है। इन स्थलों को पर्यटन के मानचित्र पर लाते हुए आवश्यक सुविधाएं विकसित की जाएं।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि जागेश्वर व मदमहेश्वर में कार्यक्रम आयोजित किए गए थे। इन कार्यक्रमों को निरंतरता व स्थायी रूप दिए जाने की आवश्यकता है। द्यारा बुग्याल को राज्य के पर्यटन विभाग द्वारा ट्रेक आॅफ द इयर चयनित किया गया था। इसका व्यापक प्रचार प्रसार करते हुए सुविधाएं जुटाई जाएं। यहां पर्यटन की असीम सम्भावनाएं हैं। उत्तरकाशी के जोशियाड़ा को नौकायन के केंद्र के तौर पर विकसित किया जाए। धुत्तु भिलंग(टिहरी) में साहसिक पर्यटन की गतिविधियां आयोजित की जाएं। मसूरी-धनोल्टी-चम्बा-नई टिहरी पर्यटन सर्किट की योजना में गति लाई जाए। मदकोट में हाॅट वाटर स्प्रिंग विकसित किया जा रहा है। चम्पावत के बनलेख क्षेत्र को बुरांश के जंगल के तौर पर विकसित किया जाए। मसूरी से धनोल्टी मार्ग के मध्य स्थित गांवों में ग्रामीण पर्यटन योजना के तहत होम स्टे पर विशेष फोकस किया जाए। हरिद्वार से ऋषिकेश तक गंगा के किनारे घाटों को विकसित करने के लिए बड़े उद्योगपतियों से सहयोग के लिए सम्पर्क किया जाए। यहां छोटे-छोटे ध्यान केंद्र विकसित किए जाएं। इसके लिए कार्ययोजना तैयार की जाए। बताया गया कि वेलनेस सेंटर के काम को वीर चंद्र सिंह गढ़वाली पर्यटन स्वरोजगार योजना मे शामिल कर लिया गया है। जीएमवीएन व केएमवीएन पायलट तौर पर पंचकर्म कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने एक अन्य बैठक में सिंचाई विभाग को जलसंरक्षण के लिए जलाशयों के काम में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जलाशयों के निर्माण में कम लागत व स्थानीय ज्ञान पर आधारित तकनीक का प्रयोग किया जाए। ऐसे क्षेत्र चिन्हित किए जाएं जहां जलाशय विकसित करने के लिए सकरात्मक प्राकृतिक परिस्थितियां मौजूद हैं। मुख्यमंत्री श्री रावत ने छोटी याोजनाओं के लिए 50 करोड़ रूपए का प्रस्ताव वित्त में भेजने के निर्देश दिए। उन्होंने सचिव वित्त को इन योजनाओं को प्रस्ताव प्राप्त होते ही जल्द से जल्द मंजूरी देने के निर्देश दिए। बताया गया कि सिंचाई विभाग से लगभग 150 करोड़ रूपए की योजनाओं की डीपीआर नाबार्ड को भेजी जा चुकी हैं। उक्त बैठकों में मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह, सचिव आनंदवर्धन, अमित नेगी, शैलैश बगोली सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।

Related posts

Leave a Comment

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More