लखनऊ: मजलिसे ओलमाये हिन्द द्वारा आयोजित मुहिब्बाने उम्मल आईम्म ट्रस्ट की ओर से जनाबे फातिमा मासूमा के व्यक्तित्व पर एक कार्यक्रम का आयोजन हुआ। यह कार्यक्रम जनाबे फातिमाए मासूमा रावियाए हदीस की हसीयत से के शीर्षक से आयोजित हुआ ,जिसमें ओलमा ने जनाबे फातिमाए मासूमाए कुम के व्यक्तित्व और रावियाए हदीस होने मैं उनकी महानता बयान की। पहली तकरीर मौलाना सैयद मुराद रजा ने की। उन्होंने अपने तकरीर मै जनाबे फातिमा मासूमा को रावियाए हदीस के रूप में पेश किया और कहा कि जितनी हदीसों जनाबे फातिमा मासूमा ने पेश की हैं वह सिलसिलाए सनद के मामले में विश्वसनीय और ओलमा की निगाह मै बेहद महत्वपूर्ण हैं। इस विषय पर उलेमा ने कई संस्करणों में किताबें लेखी हैं। इसलिए जनाबे मासूमाए कुम के व्यक्तित्व को उस संदर्भ में देखने की जरूरत है। दूसरी तकरीर मौलाना इब्ने अली वाइज ने की। मौलाना ने अपनी तकरीर में कुछ ऐसी हदीसों का जिक्र किया जो जनाबे मासूमाए कुम ने रिवायत की है और उनका सिलसिलाए सनद बीबी मासूमाए कुम के साथ इमाम हसन अ0स0 की बेटी जनाबे फातिमा , जनाबे जैनब और जनाबे फातिमा बिन्ते मुहम्मद स0अ0 शामिल हैं। मौलाना ने कहा कि इमाम अली रजा अ0स0 की अनुभूति का अच्छा स्रोत बीबी मासूमाए कुम हैं। यदि मशहद एक कीदतमनदों की मंजिल है तो कुम इस मंजिल का रास्ता है। सदारती तकरीर मौलाना सैयद कल्बे जव्वाद नकवी ने की ।मौलाना ने अपनी तकरीर में जनाबे फातिमाए मासुमा की षख्सियत,उन्की अजमत को विसतार से बयान किया। मौलाना ने कहा कि आज की युवा पीढ़ी को चाहिए कि वह इमाम अली रजा अ0स0 और जनाबे मासूमाए कुुम की तारीख को अवश्य पढ़ें ताकि उनका सर्वश्रेष्ठ प्रशिक्षण हो सके।
कार्यक्रम का संचालन मौलाना मोहम्मद सईद ने किया।परोगराम में मौलाना रजा हुसेन मौलाना तफज्जुल हुसैन, मौलाना हैदर अब्बास, और अन्य लागों ने भाग लिया।