केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री श्री अर्जुन मुंडा आज प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के बहुप्रशंसित मासिक रेडियो कार्यक्रम मन की बात के 100वें एपिसोड के प्रसारण को सुनकर प्रफुल्लित हुए। श्री मुंडा मन की बात सुनने के कार्यक्रम में अंडमान और निकोबार के कई द्वीपों के विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह अर्थात् ओन्जेस, ग्रेट अंडमानी तथा अन्य जनजातीय समूहों के लोगों के साथ शामिल हुए।
इस माध्यम से, प्रधानमंत्री विभिन्न मुद्दों एवं विषयों पर अपने विचार व्यक्त करने के साथ-साथ राष्ट्र के लिए महत्वपूर्ण मामलों तथा बिंदुओं पर हमारे देश के नागरिकों के साथ बातचीत करते हैं।
मन की बात कार्यक्रम जो हर महीने के अंतिम रविवार को प्रसारित होता है, उसे अक्टूबर 2014 को विजयदशमी पर शुरू किया गया था।
प्रधानमंत्री मोदी के मस्तिष्क से निकले मौलिक विचार एक एकालाप के तौर पर 03.10.2014 से ‘मन की बात’ कार्यक्रम के रूप में शुरू हुए थे। इस कार्यक्रम का विकास एक बातचीत, एक संवाद, देश के विभिन्न समर्पित एवं प्रेरित नागरिकों द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में किए गए प्रभावशाली कार्यों को साझा करने के माध्यम के रूप में हुआ है। इस तरह से यह कार्यक्रम आम लोगों के जीवन से सकारात्मक कहानियों को साझा करने का एक प्रमुख माध्यम बन गया है, जो देश की भलाई के लिए कुछ असाधारण कार्य कर रहे हैं।
मन की बात कार्यक्रम जैसे मंच के लिए एक सार्वभौमिक विस्तार की आवश्यकता थी, जिसकी पहुंच समाज के सबसे निचले स्तर तक हो। यहीं पर रेडियो की भूमिका प्रासंगिक हो जाती है क्योंकि रेडियो सबसे सस्ता व सुलभ साधन है, जिससे गरीब से गरीब व्यक्ति को भी इस संवाद प्रक्रिया में शामिल किया जा सकता है।
प्रधानमंत्री ने आज अपने 100वें एपिसोड में कई प्रेरणादायक विषयों तथा उन कहानियों को याद किया, जो पिछले एपिसोड का हिस्सा रहे थे। इनमें सेल्फी विद डॉटर, कमल के रेशों का व्यवसायिक उपयोग, बेटी बचाओ बेटी पढाओ, स्वच्छ भारत अभियान, खादी प्रेम, प्रकृति, आजादी का अमृत महोत्सव तथा अमृत सरोवर के अलावा और भी बहुत कुछ शामिल था।
प्रधानमंत्री ने देश की जनता के हजारों संदेशों को पढ़ने और हर महीने देशवासियों की किसी न किसी अद्भुत प्रत्यक्षीकरण को देखने के अनुभव को याद किया। श्री मोदी ने जनता-जनार्दन, लोगों के रूप में भगवान के चरणों में प्रसाद की एक थाल, आस्था, पूजा, या व्रत के रूप में इस कार्यक्रम का प्रतीक बना दिया है।
केंद्रीय मंत्री ने अंडमान निकोबार में इन द्वीपों के विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह अर्थात् ओन्जेस, ग्रेट अंडमानी और अन्य जनजातीय समूहों के लोगों के साथ मन की बात सुनने के कार्यक्रम में भाग लिया। इस दौरान केंद्र शासित प्रदेश अंडमान और निकोबार के प्रशासनिक अधिकारी तथा पोर्ट ब्लेयर व अंडमान निकोबार स्थित अन्य द्वीप समूह के स्थानीय निवासी भी उपस्थित थे। कार्यक्रम में जनजातीय कार्य मंत्रालय में सचिव श्री अनिल कुमार झा, जनजातीय कार्य मंत्रालय की अपर सचिव श्रीमती आर जया, जनजातीय कार्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव श्री नवल जीत कपूर के साथ-साथ मंत्रालय तथा अंडमान और निकोबार के अन्य वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी शामिल थे।
इससे पहले, श्री अर्जुन मुंडा ने पोर्ट ब्लेयर स्थित राज निवास में आज उपराज्यपाल एडमिरल डी. के. जोशी से भेंट की। बातचीत के दौरान आम तौर पर सभी जनजातीय समुदायों के लिए कल्याणकारी योजनाओं के वितरण से संबंधित मुद्दों पर बातचीत हुई। विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समुदायों पर भी चर्चा की गई, विचार-विमर्श में महत्वाकांक्षी पीएम-पीवीटीजी मिशन के हिस्से के रूप में कार्यक्रम तैयार करने के उपायों, पीवीटीजी परिवारों के लिए सुरक्षित आवास, स्वच्छ पेयजल तथा स्वच्छता जैसी बुनियादी सुविधाएं शामिल रहे। अगले तीन वर्षों में इस मिशन के लिए 15,000 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री श्री अर्जुन मुंडा 27.04.2023 से अंडमान निकोबार द्वीप समूह के चार दिवसीय दौरे पर हैं।