लखनऊ: भारत में गुरू-शिष्य परंपरा का एक अहम रोल रहा है, जहां गुरू का दर्जा भगवान से भी बड़ा माना गया है। वहीं प्रख्यात संत कबीर दास भी लिख चुके है ‘गुरु गोविंद दोउ खड़े काके लागू पाए, बलिहारी गुरु आपने गोविंद दियो बताए’। बात अगर खेल की दुनिया में करें तो, कई ऐसे खिलाड़ी है जिनके राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय फलक पर चमकने का श्रेय उनके गुरुओं को जाता है। यहां बात हो रही है टेबिल टेनिस की दुनिया की उभरती हुई खिलाड़ी उत्तर प्रदेश की गुनगुन साहू का, जो खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स-2022 उत्तर प्रदेश में चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी की टीम से टेबल टेनिस की स्पर्धा में चुनौती पेश कर रही हैं।
गुनगुन की प्रतिभा को ऐसे समझ सकते है कि मात्र 18 साल की उम्र में उसने यूपी सीनियर स्टेट टेबल टेनिस टूर्नामेंट में सीनियर्स के बीच चुनौती पेश करते हुए रजत व कांस्य पदक भी जीता है। हालांकि गुनगुन के लिए टेबल टेनिस में आगे बढ़ना आसान नहीं था क्योंकि उन्होंने अपने खेल की शुरुआत महज 6 साल पहले की है। गुनगुन का टेबल टेनिस में सफर तब शुरू हुआ था जब अंतर्राष्ट्रीय कोच पराग अग्रवाल ने एक स्कूल में उसके टैलेंट की पहचान की थी कि ये लड़की टेबल टेनिस में कमाल दिखा सकती है।
गुनगुन के खेल से जुड़ने की इच्छा जाहिर करने पर पराग ने उनके पिता विष्णु कुमार साहू व माता श्रीमती रीना साहू से मुलाकात की। फिर गुनगुन ने शोकिया प्रैक्टिस शुरू कर दी और फिर धीरे-धीरे उसका मन टेबल टेनिस में रमता गया। चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी में बीए की स्टूडेंट्स लखनऊ की गुनगुन पढ़ाई के साथ सुबह व शाम के सत्र में रोज 4-4 घंटे कड़ा अभ्यास करती है। हाल ही में हरियाणा में हुए ओपन नेशनल टेबल टेनिस टूर्नामेंट और जम्मू में हुए सीनियर नेशनल टेबल टेनिस टूर्नामेंट में चुनौती पेश कर चुकी गुनगुन इस समय उत्तर प्रदेश की सीनियर टेबल टेनिस टीम का भी हिस्सा है।
यूं तो गुनगुन एकल के साथ डबल्स मुकाबले भी खेलती हैं, लेकिन वो खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स-2022 में चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी की ओर से टीम मुकाबले खेल रही हैं। गुनगुन वर्तमान में दिव्यांश के साथ सीनियर मिश्रित वर्ग में भारत की 9वीं रैंकिंग खिलाड़ी हैं। हालांकि गुनगुन का मानना है कि यहां खेलने से मुझे काफी कुछ सीखने को मिलेगा, जो मेरे खेल के फलक पर आगे बढ़ने में मददगार साबित होगा और उसके मन में आने वाले समय में भारत की सीनियर टेबल टेनिस टीम में जगह बनाने का है।
गुनगुन अपना आदर्श कॉमनवेल्थ गेम्स-2018 में दोहरी स्वर्ण पदक विजेता मणिका बत्रा को मानती है, जिन्होंने कॉमनवेल्थ गेम्स में महिला टीम और महिला एकल में स्वर्ण सहित कुल चार पदक जीते थे। लखनऊ के स्टैग पैसिफिक टेबल टेनिस सेंटर में गुनगुन को कोचिंग दे रहे कोच पराग अग्रवाल के अनुसार गुनगुन ने खेल की भले ही देर से शुरुआत की लेकिन उसने बहुत तेजी से सीखना शुरू किया। वह काफी प्रतिभाशाली खिलाड़ी है और मेहनत से बिल्कुल नहीं घबराती हैं। उम्मीद है कि वो जल्द ही आने वाले समय में भारत की टेबल टेनिस टीम में जगह बनाने में कामयाब हांेगी।
गुनगुन ने खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स को एक अच्छी पहल बताते हुए कहा कि यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले खिलाड़ियों के लिए ये गेम्स एक बेहतर प्लेटफार्म हो सकता है। बताते चले कि तृतीय खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स-2022 उत्तर प्रदेश का आयोजन 25 मई से 3 जून तक उत्तर प्रदेश के चार शहरों-लखनऊ, गौतमबुद्ध नगर, गोरखपुर, वाराणसी में किया जा रहा है, जबकि निशानेबाजी की स्पर्धा दिल्ली में होगी। इन खेलों में देश भर के विभिन्न यूनिवर्सिटीज के 4,000 से अधिक एथलीट हिस्सा बनने को तैयार है।