केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री, डॉ. मनसुख मंडाविया ने आमंत्रित देशों के प्रतिनिधियों, अंतर्राष्ट्रीय संगठनों और देश के विकास में सहभागिता निभा रहे भागीदारों के साथ आज गोवा के कोर्लिम में आयुष्मान भारत स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र (एबी-एचडब्ल्यूसी) का दौरा किया। यह दौरा जी20 के ‘स्वास्थ्य कार्य समूह’ की चल रही दूसरी बैठक के भाग के रूप में किया गया।
इस दौरान, डॉ. मंडाविया ने स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में गोवा की क्षमताओं की सराहना की। उन्होंने कहा कि “गोवा में 201 से अधिक आयुष्मान भारत स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र (एबी-एचडब्ल्यूसी), जन औषधि केंद्र, चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े युवाओं, पेशेवरों को प्रशिक्षित करने के लिए मेडिकल कॉलेज हैं। इसके साथ ही चिकित्सा क्षेत्र के विकास हेतु कई अन्य पहल की गईं हैं। एबी-एचडब्ल्यूसी के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि यह केंद्र प्राथमिक देखभाल सेवाओं के साथ ही गैर-संचारी रोगों (नॉन कम्युनिकेबल डिजीज) की जांच जैसी सुविधाओं से लैस हैं। यहाँ प्रयोगशाला की सुविधा, जांच की सुविधा, छोटी शल्य प्रक्रियाओं के लिए सुविधा समेत व्यापक प्रबंधन है। इसके साथ ही जागरूकता संबन्धित गतिविधियां भी चलायी जाती हैं।”
एबी-एचडब्ल्यूसी कोर्लिम के माध्यम से गोवा में यूनिवर्सल स्वास्थ्य कवरेज और डिजिटल स्वास्थ्य सेवा सुनिश्चित कराने को लेकर भारत के दृष्टिकोण के जमीनी कार्यान्वयन को जी20 के प्रतिनिधियों को अवगत कराया गया। प्रतिनिधियों को आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के स्कैन और शेयर की सुविधा, एबीएचए के जेनरेसंस, एकीकृत केंद्रीय पंजीकरण, ओपीडी सेवाओं, फिजियोथेरेपी, फार्मेसी, ई-सुश्रुत पर उपलब्ध प्रयोगशाला, टेली-परामर्श और टेलीमेडिसिन आदि जैसी उपलब्ध सुविधाओं को दिखाया गया साथ ही एचएमआईएस (ई-सुश्रुत) के उपयोग और स्वीकार्यता व ऐसी अन्य पहलों के बारे में बताया गया।
टेली-परामर्श सेवाओं को लेकर राज्य के प्रयासों की सराहना करते हुए डॉ. मांडविया ने कहा कि “गोवा में टेली-परामर्श सेवाएं इतनी अच्छी तरह से जुड़ी हुईं हैं कि राज्य के दूरस्थ हिस्सों में रह रहे लोगों की जरूरतें भी पूरी हो जाती हैं।” यूनिवर्सल स्वास्थ्य कवरेज सुनिश्चित करने के दृष्टिकोण को लागू करने के लिए भारत ने पूरे देश में 1.5 लाख से अधिक आयुष्मान भारत स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र (एबी-एचडब्ल्यूसी) खोलने की पहल की है।
इस दौरान डॉ. मंडाविया ने टीबी रोगियों के बीच भोजन के पॉकेट का वितरण किया और इस बात पर जोड़ देते हुए कहा कि भारत 2030 के वैश्विक लक्ष्य से पांच साल पहले ही टीबी मुक्त हो जाएगा। 2025 तक भारत को टीबी मुक्त देश बनाने की दिशा में सरकार लगातार काम कर रही है। इस दौरे ने स्वास्थ्य क्षेत्र में आए बेहतर परिणामों के प्रति भारत सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाया है। साथ ही इसने भारत को स्वास्थ्य सेवा में, विशेष रूप से डिजिटल स्वास्थ्य नवाचार और समाधान के क्षेत्र में दुनिया के समक्ष अपनी उपलब्धियों को प्रदर्शित करने का अवसर भी प्रदान किया।
गोवा द्वारा जी20 स्वास्थ्य कार्य समूह की दूसरी बैठक की मेजबानी एक महत्वपूर्ण कार्य है और देश स्वास्थ्य ट्रैक में चिन्हित की गई प्राथमिकताओं पर चर्चा का नेतृत्व करने के लिए अच्छी स्थिति में है। भारत के जी20 अध्यक्षता ने स्वास्थ्य ट्रैक में तीन प्राथमिकताओं की पहचान की है- आपातकालीन स्वास्थ्य स्थिति की रोकथाम एवं तैयारी; फार्मास्युटिकल क्षेत्र और डिजिटल स्वास्थ्य नवाचार और समाधानों में सहयोग को मजबूत करना।