राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने ऑरोविले में ‘एस्पायरिंग फॉर सुपर माइंड इन द सिटी ऑफ इंवाल्विंग कॉन्शसनेस’ विषय पर एक सम्मेलन का उद्घाटन किया। इससे पहले, उन्होंने मातृमंदिर और ऑरोविले में एक नागरिक प्रदर्शनी का भी दौरा किया।
इस अवसर पर बोलते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि श्री अरबिंदो का मानना था कि सुपरमाइंड मानव अस्तित्व को आध्यात्मिक अस्तित्व में बदल सकता है। उन्होंने यह दर्शन दिया कि अतिमानसिक चेतना में इस भौतिक जगत को दिव्य बनाने की शक्ति है। उन्होंने कहा कि हम में से प्रत्येक के लिए दिव्यता का एक अलग अर्थ और परिभाषा है। लेकिन एक बात सामान्य है। जो दिव्य है उसे भौतिक से ऊपर और मूर्त से परे होना होगा। दिव्य मन एक शुद्ध मन है। यह स्वयं से ऊपर है। यह सबकी उन्नति, एकता और विकास के बारे में सोचता है।
राष्ट्रपति ने कहा कि मन की आध्यात्मिक जागृति एक सामान्य प्राणी को सचेतन प्राणी में बदल सकती है। यह जागृति ही है जो व्यक्तियों, संगठनों, देशों और दुनिया को बदल सकती है। जब जागृत दिमाग एक साथ आते हैं और सामान्य लक्ष्यों की दिशा में काम करते हैं, तो अकल्पनीय परिणाम प्राप्त किए जा सकते हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि महर्षि अरबिंदो द्वारा प्रतिपादित ब्रह्मांडीय सत्ता का विचार उन समस्याओं के लिए बहुत प्रासंगिक है जिनका दुनिया सामना कर रही है। ब्रह्मांडीय चेतना की अवधारणा को समझने और अपनाने से ही आज दुनिया के सामने आने वाले कई मुद्दों को सद्भाव के साथ हल किया जा सकता है। सर्वोच्च सत्ता और ब्रह्मांडीय मन की अवधारणाएँ जीवन के अंतिम उद्देश्य की प्राप्ति की ओर ले जाती हैं। ये आदर्श दुनिया को जीने के लिए एक सामंजस्यपूर्ण और शांतिपूर्ण स्थान बनाने में मदद कर सकते हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि ऑरोविले एक ऐसा स्थान है जहां मानव मस्तिष्क उच्चतम चेतना प्राप्त करने के बड़े उद्देश्य के लिए खोज करता है, विकसित होता है और सर्वोच्च चेतना प्राप्त करने के बड़े लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए मिलकर काम करता है। यह सभी मनुष्यों के विकास को बढ़ावा देता है। उन्होंने कहा कि भारत वैश्विक चुनौतियों का स्थायी समाधान प्रदान करने में दुनिया का नेतृत्व करने के लिए तैयार है। ऑरोविले समुदाय इस प्रयास में एक बड़ा योगदान दे सकता है।