15.1 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा- चंद्रयान-3 मिशन भारत के लिए व्यापक स्तर पर अंतरराष्ट्रीय सहयोग आकर्षित कर रहा है

देश-विदेशप्रौद्योगिकी

केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी; राज्य मंत्री प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज कहा है कि चंद्रयान-3 मिशन भारत के लिए व्यापक स्तर पर अंतरराष्ट्रीय सहयोग आकर्षित कर रहा है।

डॉ. जितेंद्र सिंह आज मॉरीशस के सूचना एवं प्रौद्योगिकी, संचार और नवाचार मंत्री (एमआईटीसीआई) मंत्री श्री दर्शनानंद दीपक बालगोबिन के नेतृत्व में एक उच्च स्तरीय मॉरीशस प्रतिनिधिमंडल से भेंट के बाद बोल रहे थे। केंद्रीय मंत्री ने संयुक्त रूप से भारत-मॉरीशस उपग्रह निर्माण के प्रस्ताव पर चर्चा करने के लिए आज नई दिल्ली में उनसे मुलाकात की।

भारत और मॉरीशस तीसरे पक्ष अर्थात् अन्य देशों के मिशनों को सहायता प्रदान करने के लिए मॉरीशस में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन- इसरो के ग्राउंड स्टेशन का उपयोग करने पर भी सहमत हुए हैं।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अमरीका की ऐतिहासिक यात्रा के दौरान आर्टेमिस समझौते पर हस्ताक्षर किये थे। इस तरह से भारत ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में अंतरिक्ष क्षेत्र में कार्य करने वाले दुनिया के अन्य देशों के साथ एक समान भागीदार के रूप में सहयोग करने की अपनी इच्छा प्रकट की है।

श्री बालगोबिन ने इससे पहले 17 अगस्त, 2023 को बेंगलुरु में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन- इसरो का दौरा किया था। इसरो ने प्रस्तावित भारत-मॉरीशस संयुक्त उपग्रह के तकनीकी विवरण व अनुप्रयोग क्षमताएं उनके समक्ष प्रस्तुत कीं।

दोनों देशों के मंत्री यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी सहित तीसरे पक्ष के मिशनों को भविष्य में शामिल करने के लिए मॉरीशस में स्थापित किये गए इसरो के भू केंद्र के दायरे का विस्तार करने पर सहमत हुए हैं। इसके अलावा भी ऐसे ही सहयोग बढ़ाने और कार्य योजनाओं को सुविधाजनक बनाने के लिए मौजूदा समझौता ज्ञापन में संशोधन पर हस्ताक्षर किये जाने की योजना है।

मॉरीशस ने 3 दशकों से अधिक समय से उपग्रह और प्रक्षेपण यानों की निगरानी करने के उद्देश्य से इसरो के भू केंद्र की देखभाल की है। वर्तमान में यह ग्राउंड स्टेशन मॉरीशस में संचालित दो एंटीना (11 मीटर व्यास के) के साथ लगातार अपनी सेवाएं प्रदान कर रहा है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा है कि भारत ने वर्ष 1999 में रिमोट सेंसिंग सेंटर की स्थापना करके तथा मॉरीशस क्षेत्र से संबंधित उपग्रह डेटा प्रदान करके मॉरीशस की सहायता की है। उन्होंने कहा कि मॉरीशस के अधिकारियों को अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी अनुप्रयोगों पर भारतीय संस्थानों द्वारा उपलब्ध कराए गए प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों से लाभ मिला है।

डॉ. जितेंद्र सिंह और श्री बालगोबिन ने निम्नलिखित बिंदुओं के माध्यम से अंतरिक्ष सहयोग जैसे क्षेत्रों पर भी चर्चा की: (i) पृथ्वी अवलोकन उपग्रह का डाटा साझा करना; (ii) मॉरीशस से संबंधित उपग्रह डाटा, भू-स्थानिक परतों और मूल्य वर्धित सेवाओं के साथ ‘भारत-मॉरीशस अंतरिक्ष पोर्टल’ का विकास करना; (iii) अंतरिक्ष क्षेत्र में औद्योगिक स्तर पर सहयोग के लिए चर्चा प्रारंभ करना।

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More