नई दिल्ली: संयुक्त राष्ट्र ने अपनी ताज़ा रिपोर्ट में कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर 2015 में 5.9 फीसदी रहने की उम्मीद है। संयुक्त राष्ट्र की तरफ से जारी वर्ल्ड इकोनोमिक सिचूएशन एंड प्रोस्पेक्टस 2015 रिपोर्ट में ये दावा किया गया है।
वर्ल्ड इकोनोमिक सिचूएशन एंड प्रोस्पेक्टस 2015 रिपोर्ट हर साल के शुरू में यूएन कान्फेंस आन ट्रेड डेवेलपमेन्ट, यूएन डिपार्मेन्ट ऑफ इकोनोमिक एंड सोशल एफेयर्स मिलकर जारी करते हैं।
संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले एक साल में भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार आया है जिसकी एक वजह नई सरकार की आर्थिक नीति है। रिपोर्ट के मुताबिक लेबर लॉ और अफसरशाही के कामकाज में सुधार और सब्सिडी में कटौती की नीति की वजह से आर्थिक माहौल बेहतर हुआ है। रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि महंगाई दर में गिरावट से आरबीआई को मानिटरी पॉलिसी में ढील देने का मौका मिला हैा
पिछले कुछ महीनों में कच्चे तेल की कीमतों में तेज़ गिरावट और महंगाई दर में कटौती से सरकार पर बोझ कुछ घटा ज़रूर है, लेकिन औसत से कम मॉनसून और अर्थव्यवस्था की दूसरी चुनौतियों का असर भी अर्थव्यवस्था पर पड़ रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक अगर हालात सामान्य रहे तो 2016 में आर्थिक विकास दर बढ़कर 6.3 फीसदी हो सकती है।
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