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शैक्षिक शोध संकलन ‘शोध संगम’ की प्रतियां हर स्कूल में उपलब्ध करायी जाएं : मुख्यमंत्री

उत्तर प्रदेश

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि प्रदेश में बेसिक शिक्षा व माध्यमिक शिक्षा विभाग द्वारा शुरू किये गये कार्य शिक्षा क्षेत्र में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के विजन को धरातल पर उतारने का अभिनव प्रयास है। परिश्रम का कोई विकल्प नहीं होता। कठिन परिश्रम से अर्जित सफलता दूरगामी होती है। जीवन में शॉर्टकट का रास्ता अपनाने वाला व्यक्ति कभी भी स्थायी रूप से अपनी मंजिल को प्राप्त नहीं कर सकता। सफलता हमें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती है तथा यह बताती है कि हम सही मार्ग व सही दिशा में चल रहे हैं।
मुख्यमंत्री जी आज यहां लोक भवन में बेसिक शिक्षा एवं माध्यमिक शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी ने विभिन्न बोर्डां के हाईस्कूल व इण्टरमीडिएट के मेधावी छात्र-छात्राओं तथा निपुण विद्यालयों के प्रधानाचार्यां को सम्मानित किया। उन्होंने परिषदीय विद्यालयों के बच्चों को पाठ्य-पुस्तकें व स्कूल बैग प्रदान किए। मुख्यमंत्री जी ने परिषदीय विद्यालयों के बच्चों को ड्रेस, जूता-मोजा, स्वेटर, स्टेशनरी व स्कूल बैग हेतु प्रति विद्यार्थी दी जाने वाली 1200 रुपये की धनराशि के अन्तरण की प्रक्रिया का शुभारम्भ किया। उन्होंने 165 उच्चीकृत कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों का लोकार्पण व 11 जनपदां के डायट में अतिरिक्त कक्षा-कक्ष, ऑडिटोरियम तथा टॉयलेट ब्लॉक का शिलान्यास किया। उन्होंने विद्यालयों के क्रियाकलापों की जानकारी व समस्याओं के निराकरण हेतु टोल-फ्री नम्बर 1800-889-3277 का शुभारम्भ किया और शैक्षणिक शोध संकलन ‘शोध संगम’ का विमोचन भी किया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के माध्यम से देश को शिक्षा जगत में दुनिया का विश्व गुरु बनाने का जो अभियान प्रारम्भ किया है, हम सभी को इस अभियान से जुड़ना होगा। उत्तर प्रदेश को शिक्षा के क्षेत्र में देश का केन्द्र बिन्दु बनाना होगा। अपने विद्यालयों को शोध एवं नवाचार के नये केन्द्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में भी प्रयास करने होंगे। उत्तर प्रदेश ने निपुण भारत अभियान में एक लम्बी छलांग लगायी है। शिक्षा के क्षेत्र में हम जितना अधिक निवेश करेंगे, उसके बेहतर परिणाम हमें वर्तमान व भावी पीढ़ी के जीवन में देखने को मिलेंगे। शिक्षा क्षेत्र में बहुत कुछ किये जाने की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य में वर्ष 2024 की हाईस्कूल एवं इण्टरमीडिएट परीक्षाओं में उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद, प्रयागराज में प्रथम 05 स्थान पर एवं उत्तर प्रदेश माध्यमिक संस्कृत शिक्षा परिषद, केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड नई दिल्ली व काउंसिल फॉर द इण्डियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन नई दिल्ली में शीर्ष 10 स्थानों पर आने वाले कुल 170 मेधावी विद्यार्थियों को आज सम्मानित किया गया है। इन 170 विद्यार्थियों में छात्रों की संख्या 58 व छात्राओं की संख्या 112 है। जो यह दिखाता है कि बेटियों ने बेहतर प्रदर्शन किया है और देश व प्रदेश में अपने अभिभावकों व शिक्षण संस्थाओं का नाम रोशन किया है।
सम्मानित होने वाले प्रत्येक विद्यार्थी को राज्य सरकार द्वारा 01 लाख रुपये, टैबलेट, प्रशस्ति पत्र व मेडल प्रदान किया जा रहा है। साथ ही, इन मेधावी छात्र-छात्राओं के नाम पर उनके गांव व शहर की नवनिर्मित सड़क का नामकरण किया जाएगा तथा उन्हीं से उस सड़क का शिलान्यास स्थानीय जनप्रतिनिधि की मौजूदगी में कराया जाएगा।
मेधावी छात्र-छात्राओं को सम्मानित करने के राज्यस्तरीय कार्यक्रम के साथ ही आज जनपद स्तर पर भी मेधावी छात्र-छात्राओं को सम्मानित करने के कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं। इन कार्यक्रमों में उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद, प्रयागराज की हाईस्कूल व इण्टरमीडिएट परीक्षा की राज्यस्तरीय मेरिट सूची में शीर्ष 06 से 10वें स्थान को प्राप्त करने वाले 505 मेधावी छात्र-छात्राओं को प्रशस्ति पत्र, 01 लाख रुपये, टैबलेट व मेडल प्रदान किये जा रहे हैं। इन 505 मेधावी विद्यार्थियों में 193 छात्र तथा 312 छात्राएं सम्मिलित हैं।
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद, प्रयागराज के हाईस्कूल व इण्टरमीडिएट के जनपद स्तर की मेरिट सूची में शीर्ष 10 स्थान प्राप्त करने वाले 1185 विद्यार्थियों को प्रशस्ति पत्र, 21 हजार रुपये, टैबलेट व मेडल उपलब्ध कराये जा रहे हैं। इन 1185 विद्यार्थियों में 521 छात्र तथा 664 छात्राएं शामिल हैं। राज्य सरकार मेधावी छात्र-छात्राओं को सम्मानित करने का कार्य कर रही है, ताकि आने वाली पीढ़ी इनसे आगे बढ़ाने की प्रेरणा प्राप्त कर सकें।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आगामी 01 जुलाई से ‘स्कूल चलो अभियान’ आरम्भ होने जा रहा है। बेसिक शिक्षा से जुड़े अधिकारी व शिक्षकगण इस बात को सुनिश्चित करें कि कोई भी बच्चा स्कूल जाने से वंचित न रहे। यह हमारी जिम्मेदारी बनती है कि सभी बच्चे स्कूल जाएं। यह कार्य देश की सबसे बड़ी सेवा है। आज परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले 88 लाख से अधिक बच्चों के लिए ड्रेस, जूता-मोजा, स्वेटर, स्टेशनरी व स्कूल बैग हेतु उनके माता-पिता/अभिभावक के बैंक खाते में डी0बी0टी0 के माध्यम से प्रति छात्र-छात्रा 1200 रुपये की धनराशि अन्तरित की गयी है। अधिकारी व शिक्षणगण बच्चों के अभिभावकों के साथ बैठक कर 02 स्कूल यूनीफॉर्म, जूता-मोजा, बैग, बुक्स और स्वेटर खरीदने के लिए उन्हें तैयार करें। बच्चे निर्धारित यूनीफॉर्म में ही स्कूल आएं।
प्रदेश सरकार ने ऑपरेशन कायाकल्प के माध्यम से परिषदीय विद्यालयों की आधारभूत संरचना व अन्य सुविधाओं को बेहतर किया है। आज परिषदीय विद्यालयों की स्थिति में आमूल-चूल परिवर्तन देखने को मिल रहा है। परिषदीय विद्यालयों में बच्चों की संख्या में भारी वृद्धि हुई है। अब लोग बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों को आशा भरी नजरों से देखते हैं। प्रदेश सरकार पी0एम0 श्री स्कूल के रूप में ऑपरेशन कायाकल्प के अगले चरण की ओर आगे बढ़ रही है।
राज्य सरकार ने सभी 18 मण्डलों में एक-एक अटल आवासीय विद्यालय बनाये हैं। यह विद्यालय अपनी कार्य प्रणाली के माध्यम से शिक्षा जगत में एक मॉडल बनकर उभरे हैं। इन अटल आवासीय विद्यालयों में निर्माण श्रमिकों के बच्चे व निराश्रित बच्चे अध्ययनरत हैं। इसके अलावा, अन्य जनपदों में प्रदेश सरकार 57 नये मुख्यमंत्री कम्पोजिट विद्यालय बनाने जा रही है। इसके लिए बेसिक शिक्षा विभाग को धनराशि उपलब्ध करायी जा चुकी है।
कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय गरीब परिवारों की बालिकाओं को पढ़ने के बेहतर माध्यम बने हैं। आज 165 कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों को, जिन्हें कक्षा-09 से कक्षा-12 तक अपग्रेड किया गया है, का लोकार्पण सम्पन्न हुआ है। 136 कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों को इससे पूर्व अपग्रेड किया जा चुका है। जनपद बागपत, इटावा, बदायूं, फरुर्खाबाद, सुल्तानपुर, गोण्डा, हापुड़, जालौन, रामपुर, मऊ और शाहजहांपुर के डायट में अतिरिक्त कक्षा-कक्ष, ऑडिटोरियम तथा टॉयलेट ब्लॉक का शिलान्यास किया गया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि शैक्षिक शोध संकलन ‘शोध संगम’ का आज विमोचन किया गया। शैक्षिक शोध संकलन ‘शोध संगम’ की प्रतियां हर स्कूल में उपलब्ध करायी जाएं, ताकि स्कूल के शिक्षणगण प्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र में हो रहे नवाचार से अवगत हो सकें। प्रदेश सरकार ने राज्य में एन0सी0ई0आर0टी0 के पाठ्यक्रम को चरणबद्ध तरीके से लागू करने की कार्यवाही की है। आज बेसिक शिक्षा विभाग ने विद्यालयों के क्रियाकलापों की जानकारी व समस्याओं के निराकरण हेतु टोल-फ्री नम्बर 1800-889-3277 जारी किया गया है। विद्यालय की गतिविधियों की जानकारी देने के लिए परिषदीय विद्यालयों को टैबलेट उपलब्ध कराये गये हैं।
माध्यमिक शिक्षा की बेहतरी के लिए लगातार कार्य किये जा रहे हैं। अब उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद की हाईस्कूल व इण्टरमीडिएट की परीक्षा नकलविहीन व शुचितापूर्ण तरीके से 12 दिनों में सम्पन्न हो रही है और अगले 14 दिनों में परीक्षा परिणाम भी आ रहा है। यह प्रतिबद्धता के साथ कार्य करने का उदाहरण है। प्रोजेक्ट अलंकार के माध्यम से राजकीय माध्यमिक विद्यालयों एवं सहायता प्राप्त विद्यालयों के भवनों के कायाकल्प का कार्य किया जा रहा है। शिक्षकों की लगातार भर्ती की जा रही हैं।
बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री संदीप सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में विगत 07 वर्षां में लगभग 95 प्रतिशत परिषदीय विद्यालयों में 19 पैरामीटर्स के अनुरूप मूलभूत सुविधाएं पहुंचाने में सफलता प्राप्त हुई है। शिक्षण कार्य में तकनीक का समावेश किया जा रहा है। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए विद्यालयों को टैबलेट प्रदान किये जा रहे हैं। आई0सी0टी0 लैब स्थापित की जा रही हैं। कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों को अपग्रेड किया जा रहा है।
माध्यमिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीमती गुलाब देवी ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि लक्ष्य तक पहुंचने के लिए ध्यान केन्द्रित करते हुए निरन्तर कठिन परिश्रम करना होता है। मुख्यमंत्री जी के दिशा-निर्देशों के कारण विगत वर्ष की भांति यू0पी0 बोर्ड की वर्ष 2024 की परीक्षा नकलविहीन, शुचितापूर्ण तरीके से सम्पन्न हो सकी है। अधिगम की प्रक्रिया को सरल व सशक्त बनाने के लिए विभिन्न नवाचार जैसे प्रज्ञान पोर्टल, परख पोर्टल, पंख पोर्टल विकसित किये गये हैं।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा श्री दीपक कुमार, प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा श्री एम0के0एस0 सुन्दरम्, महानिदेशक स्कूल शिक्षा श्रीमती कंचन वर्मा, निदेशक सूचना श्री शिशिर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी तथा शिक्षणगण, विद्यार्थी व उनके अभिभावक उपस्थित थे।

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