लखनऊ: समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता एवं कैबिनेट मंत्री राजेन्द्र चौधरी ने कहा है कि सत्ता के भूखे-प्यासे विपक्षी दलों की छटपटाहट देखते ही बनती है। उत्तर प्रदेश की जनता मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव के नेतृत्व में समाजवादी सरकार की तमाम जनहित की योजनांए लागू होने से संतुष्ट है और उसकी आकांक्षा है कि यह सरकार फिर वापस आए। विपक्षियों को इस जनमत से निराशा हो रही है और कुंठा में वे ऊटपटांग बयान देने के साथ वैसे ही आचरण भी कर रहे हैं।
भाजपा ‘तिरंगा यात्रा’ निकाल रही है तो कांग्रेस ‘27 साल यूपी बेहाल’ के नारे के साथ रोड शो कर रही है। बसपा प्रमुख अपने पुराने भाषण फाइल से निकाल कर पढ़ देती है। उसमें बसपा राज के क्राइम चार्ट होते हैं जिन्हें वह आज के बताकर पढ़ती है। उनका संविधान का ज्ञान इतना हास्यापद है कि वे समाजवादी सरकार के शपथ ग्रहण के पहले दिन से ही राष्ट्रपति राज की मांग करने लगी थी। जनता उनके घिसे पिटे रिकार्ड को सुनते-सुनते बोर हो गई है।
भाजपा की तिरंगा यात्रा और कांग्रेस की बेहाल यात्रा दोनों ही यात्राओं को कही जनसमर्थन नही मिल रहा है। लोग पूछते है कि इनको वोट क्यों दें जबकि प्रदेश के विकास में इनकी कोई रुचि नही है। भाजपा के 73 लोकसभा सदस्य और प्रधानमंत्री सहित तमाम मंत्री केन्द्र सरकार में है, इन्होंने कभी उत्तर प्रदेश के विकास में सहयोग नही किया बल्कि सौतेलापन का व्यवहार करते रहे हैं। कांग्रेस के थके यात्रियों को देखकर ही लोग जान जाते हैं कि वे खुद भी कितने बेहाल हो गए हैं। उनसे प्रदेश को खुशहाल बनाने की क्या आशा की जाए ? भाजपा कट्टरपंथियो को सहारा देकर अपना राजनीतिक स्वार्थ साधन करना चाहती है तो कांग्रेस अपने घोटालों को ही विकास का पर्याय बता रही है।
बसपा का हाल तो यह है कि वह अपने पाँच वर्ष के कार्यकाल में राजकोष की लूट और सत्ता के दुरुपयोग में लगी रही। पत्थरों का ऐसा कारोबार विकसित किया जिसमें हजारांे करोड़ का न्यारा वारा हुआ। कहीं कोई विकास नही, कोई जनहित में काम नही। पर इधर हद तो तब हो गई जब समाजवादी सरकार में श्री अखिलेश यादव द्वारा किये गये विकास कार्यो को बसपा अध्यक्ष अपना बताने लगी। इससे बड़ा झूठ क्या हो सकता है। लगता है अब तो भाजपा और बसपा में झूठ बोलने की प्रतियोगिता शुरु हो गई है।
उत्तर प्रदेश की जनता विकास में अड़ंगा डालने वाली सभी विरोधी ताकतों से संघर्ष कर रही है। सांप्रदायिक ताकतें सिर उठाने न पांए इसके लिए मुख्यमंत्री जी सतर्क हैं। आरएसएस की अफवाहबाजी के प्रति भी शासन-प्रशासन चैकन्ना है। बसपा तो पहले से भाजपा की हमदम रही है लेकिन कांग्रेस और दूसरे विपक्षी, जो समाजवादी सरकार का विरोध कर रहे हैं, सीधे तौर पर सांप्रदायिक ताकतों के साथ खड़े दिखाई देते हैं और धर्मनिरपेक्षता को आघात पहुँचाना चाहते हैं। यह सभी जानते है कि प्रदेश के विकास की गांरटी सिर्फ समाजवादी सरकार और श्री अखिलेश यादव के नेतृत्व से ही मिल सकती है।
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