केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री श्री कीर्ति वर्धन सिंह ने आज नयी दिल्ली में एसोचैम पर्यावरण और कार्बन सम्मेलन का उद्घाटन किया। सम्मेलन का विषय था 2070 तक शून्य उत्सर्जन प्राप्त करने के लिये एक सहयोगात्मक पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देना।
“जलवायु परिवर्तन एक बड़ी समस्या है और जलवायु परिवर्तन के प्रभाव राजनीतिक या राष्ट्रीय सीमाओं से परिभाषित नहीं होते हैं। यह एक सीमाहीन समस्या है, जिसका हम सामना कर रहे हैं और इसके लिये एक सहयोगात्मक प्रयास की आवश्यकता है” पर्यावरण राज्य मंत्री ने सम्मेलन में कहा।
केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री श्री कीर्ति वर्धन सिंह ने दोहराया कि जलवायु सहनसीलता लाने और राष्ट्रीय विकास परिषद (एनडीसी) के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिये उपाय किये गये हैं। श्री सिंह ने कहा, “जैसा कि हम जानते हैं कि जलवायु का मुद्दा राज्य विशेष का नहीं है, ऐसी कई चीजें हैं, जो दुनिया में होने वाली घटनाओं पर निर्भर करती हैं। हमें सतत विकास का हिस्सा बनने के लिये मिशन लाइफ (पर्यावरण के लिये जीवनशैली) को अपनाने की जरूरत है।”
उन्होंने आगे कहा, “ हम जब नेट जीरो हासिल करने, जलवायु परिवर्तन से लड़ने और भविष्य की पीढ़ियों को जो भविष्य देना चाहते हैं, उसके बारे में बात करते हैं, तो हमें कई पहलुओं को ध्यान में रखना होगा । इसलिये, अनुसंधान और विकास को हरित उद्योगों और कम कार्बन उत्सर्जन की दिशा में सही तकनीक खोजने की ओर अधिक ध्यान केंद्रित करना होगा।”
इस सम्मेलन में राष्ट्रीय जल मिशन की प्रबंध निदेशक सुश्री अर्चना वर्मा, ऊर्जा दक्षता ब्यूरो के सचिव श्री मिलिंद देवरे, री सस्टेनेबिलिटी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री मसूद मलिक और जेएसडब्ल्यू के उपाध्यक्ष और प्रमुख (सस्टेनेबिलिटी) डॉ. आनंद राय और एसोचैम के सह-अध्यक्ष, विभिन्न हितधारक और विषय विशेषज्ञ भाग ले रहे हैं