नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, गुजरात और मध्य प्रदेश के बाढ़ से प्रभावित विभिन्न जिलों में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) पूरे जोर-शोर से बचाव और राहत कार्य में जुटा है। संबंधित राज्य प्रशासन को बचाव और राहत कार्य में सहयोग करने के लिए विभिन्न राज्यों के बाढ़ वाले क्षेत्रों में एनडीआरएफ की 56 राहत टीमें काम कर रही हैं। एनडीआरएफ के बचावकर्मी फंसे हुए लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए बेहतरीन काम कर रहे हैं। इसके अलावा एनडीआरएफ की टीमें जरूरतमंद लोगों को चिकित्सा सहायता भी उपलब्ध करा रही हैं।
बिहार में बाढ़ जैसी स्थिति से निपटने के लिए एनडीआरएफ की 16 बाढ़ बचाव टीमें तैनात की गई हैं। 21 अगस्त, 2016 को एनडीआरएफ टीमों ने दीदारगंज से 3400, बख्तियारपुर से 580, दानापुर से 545, छपरा से 380, वैशाली से 355 और पटना के मनेर से 15 लोगों को सुरक्षित निकाला है। बाढ़ बचाव और राहत कामों की निगरानी करने के लिए एनडीआरएफ के डीआईजी श्री एस.एस. गुलेरिया और अन्य अधिकारी मौके पर मौजूद हैं।
उत्तर प्रदेश के विभिन्न इलाकों में एनडीआरएफ की 11 बचाव टीमें तैनात की गई हैं। 21 अगस्त, 2016 को एनडीआरएफ टीमों ने बलिया से 275, वाराणसी से 275 और चित्रकूट से 325 लोगों को सुरक्षित निकाला। इसके अलावा एनडीआरएफ टीमों ने जरूरतमंद लोगों को राहत सामग्री वितरित की और चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराई।
मध्य प्रदेश में एनडीआरएफ की 7 बचाव टीमें पहले से तैनात कर दी गई हैं। 21 अगस्त, 2016 को बचाव दल ने रीवा जिले से 147 फंसे हुए लोगों को सुरक्षित निकाला।
मानसून के मद्देनजर सिकिक्म में एनडीआरएफ की एक टीम पहले से ही तैनात कर दी गई है। उसने पूर्वी सिकिक्म के लिंगदांग और तिंगबुंग गांव में बचाव और राहत काम चालू किए हैं। 21 अगस्त, 2016 को 450 से अधिक लोगों को निकाल कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया।
एनडीआरएफ की टीमों ने मानसून मौसम के दौरान देश के विभिन्न बाढ़ वाले इलाकों से अब तक 26,400 लोगों को सुरक्षित निकाला है। बचाव कार्य के अलावा एनडीआरएफ की टीमों ने विभिन्न राज्यों में 9100 से अधिक लोगों को चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराई है।
दिल्ली में एनडीआरएफ ने 24 घंटे चलने वाला नियंत्रण कक्ष स्थापित किया है, जो हालात पर कड़ी नजर रखे हुए है तथा अन्य एजेंसियों के साथ लगातार संपर्क में है।