10.9 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

भारत की प्रतिभा को जब भी अवसर मिला, उसने अपना लोहा मनवाया: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

उत्तर प्रदेश

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि नये भारत में हमारे संस्थान किस प्रकार से तैयार हों और इसमें हमारी क्या भूमिका होनी चाहिए, महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की 92 वर्ष की यात्रा इस दृष्टि से अत्यन्त महत्वपूर्ण है। आजाद भारत में अच्छे लोगों के हाथों में देश की बागडोर सौंप कर देश को विकास के पथ पर आगे बढ़ाने तथा आने वाली पीढ़ी के सामने एक आदर्श प्रस्तुत करने के भाव के साथ वर्ष 1932 में महंत दिग्विजयनाथ जी महाराज ने गोरखपुर में महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की स्थापना की। जिस समय दिग्विजयनाथ जी महाराज ने इस संस्थान का बीज रोपित किया उस समय संसाधन सीमित थे। देश गुलामी की बेड़ियों से जकड़ा हुआ था। देश की आजादी के लिए संघर्ष चल रहा था। साथ ही, इस बात का दृढ़ विश्वास भी था कि हमारा देश बहुत दिनों तक गुलाम नहीं रहेगा। यह शीघ्र आजाद होगा।
मुख्यमंत्री जी आज जनपद गोरखपुर में महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के 92वें संस्थापक सप्ताह समारोह के उद्घाटन कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। इसके पूर्व, मध्य प्रदेश विधान सभा के अध्यक्ष श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के 92वें संस्थापक सप्ताह समारोह का शुभारम्भ किया, शोभायात्रा की सलामी ली तथा प्रदर्शनी का अवलोकन किया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि महाराणा प्रताप शिक्षण संस्थान की 92 वर्षांे की यात्रा, परिषद और उससे जुड़ी संस्थाओं के सामने उनके समग्र मूल्यांकन का अवसर है। यह संस्था से जुड़े हम सभी के लिए भी इस बात के मूल्यांकन का अवसर है कि अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन किस प्रकार होना चाहिए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आज का यह उद्घाटन पर्व, शोभा यात्रा से प्रारम्भ होगा। शोभा यात्रा के माध्यम से संस्थान के विकास की एक लघु झांकी प्रस्तुत की जाएगी। इस अवसर पर अनेक प्रकार की प्रतियोगिताएं होंगी और आगामी 10 दिसम्बर को आयोजित होने वाले मुख्य समारोह में प्रतियोगी विद्यार्थियों को सम्मानित किया जायेगा। योग्यता छात्रवृत्ति प्रत्येक कक्षा के छात्रों को उपलब्ध करायी जाती है। जिन प्रतिभागियों ने इस वर्ष सम्मान प्राप्त किया है, उन्हें अगले वर्ष अधिक मेहनत के साथ और अच्छा स्थान प्राप्त करने के बारे में विचार करना होगा। इस अवसर के माध्यम से आप मूल्यांकन कर सकते हैं कि स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को आगे बढ़ाने के लिए जीवन में हमें चुनौतियों का सामना किस भाव के साथ करना है। टीमवर्क तथा एकाग्र भाव के साथ कठिन परिश्रम आपको सफलता दिलायेगा।
आज का दिन हम सबके लिए अनुशासन का पर्व भी है। जीवन, सर्वांगीण विकास के पथ पर तब तक आगे नहीं बढ़ सकता, जब तक आप स्वयं अनुशासित न हो। यह कार्यक्रम भावी भारत के निर्माण में महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की भूमिका को प्रस्तुत करने का एक अवसर भी है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आज पूरी दुनिया भारत की तरफ देख रही है। पूरी दुनिया में भारत के प्रति एक विश्वास बना है। यह इसलिए हुआ कि देश अब एक नए भारत के रूप में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में तेजी के साथ आगे बढ़ रहा है। दुनिया उसी का अनुसरण करती है, जो चुनौतियों के अनुरूप अपने आप को तैयार करने का जज्बा रखता है। जो स्वयं खड़ा नहीं हो सकता, वह दूसरों को खड़ा होने की प्रेरणा भी नहीं दे सकता है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आज भारत मानवता की रक्षा के लिए विश्वास का प्रतीक बनकर उभरा है। पहले दिशा तथा लक्ष्य के सम्बन्ध में देश के सामने असमंजस की स्थिति होती थी। आज हम कह सकते हैं कि दुनिया का धु्रवीकरण उधर होगा जिधर भारत है। आज भारत के बगैर दुनिया के किसी भी धु्रवीकरण की कल्पना नहीं की सकती है। उन्होंने कहा कि जी 20 समिट के माध्यम से भारत एक बड़े आयोजक के रूप में स्वयं को प्रस्तुत कर चुका है। इसकी अपेक्षा 140 करोड़ देशवासियों को थी। आने वाले समय में देश को विकसित बनाने के लिए सभी को अपने कर्तव्यों का पालन करने के लिए तैयार रहना होगा। सभी को जिम्मेदारी से बचने के बजाए, जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार होना होगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि भारत आज दुनिया की 5वीं अर्थव्यवस्था बन चुका है। भारत आत्मनिर्भर बनने की ओर अग्रसर है। भारत ने आगामी 25 वर्षों के यात्रा का रोड मैप दुनिया के सामने रखा है। जब देश अपनी आजादी के 100 वर्ष पूर्ण करेगा, उस शताब्दी महोत्सव वर्ष में हम विकसित भारत में होंगे। विकसित भारत में हम सबकी तथा प्रत्येक संस्थान की क्या भूमिका होनी चाहिए, इस पर विचार करना होगा। व्यक्ति तथा संस्थान आत्मनिर्भर, स्वावलम्बी और स्वाभिमानी बनने के साथ-साथ देश की विकास यात्रा में सहभागी बने, इसके लिए हमें स्वयं को तैयार करना होगा। इन्हीं बातों को ध्यान में रखकर महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के सस्थापकों ने अपनी यात्रा को आगे बढ़ाने का कार्य किया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि यदि जीवन को सरल एवं सुगम बनाना है, तो हमें अपने जीवन में तकनीक को अपनाना होगा। तकनीक समाज तथा देश के लिए उपयोगी हो सके, यह हम सबको तय करना होगा। तकनीक हमारे द्वारा संचालित हांे, हम तकनीक द्वारा संचालित न हांे। अगर इस बात का ध्यान रखेंगे, तो हमें उसका व्यापक लाभ मिलेगा। भारत की प्रतिभा को जब भी अवसर मिला है, उसने अपना लोहा मनवाया है। आज वैश्विक जगत में भारत के प्रतिष्ठानों को कोई नजरअन्दाज करने की हिम्मत नहीं करता। आज दुनिया के शीर्ष 100 प्रतिष्ठानों में मुख्य कार्यकारी अधिकारी के रूप में भारतीय अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रहे हैं। भारत की प्रतिभा देश में अपने तकनीकी ज्ञान से देश की सेवा कर रही है। इसको आगे बढ़ाने के लिए हम सबको तैयार रहना होगा।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि मध्य प्रदेश के विधानसभा अध्यक्ष श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि गोरखनाथ की धरती अत्यंत पवित्र और प्रेरणादायी है। आध्यात्मिक संस्था, मठ या पीठ हम सभी को प्रभु के प्रति श्रद्धा और भक्ति योग की प्रेरणा देने वाले केंद्र हैं। देशभर में अनेक ऐसी संस्थाएं करोड़ों नागरिकों के जीवन का मार्ग प्रशस्त कर रही हंै और भक्तियोग के माध्यम से उनके जीवन को सार्थक बनाने की दिशा में प्रयास कर रही हैं। भक्तियोग के साथ-साथ कर्मयोग की भी महत्वपूर्ण भूमिका है। यह गौरव का विषय है कि गोरक्षपीठ भक्तियोग के साथ ही कर्मयोग की साधना में रत है। महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद समूचे भारत को कर्मयोग पर चलने की प्रेरणा दे रही है।  महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद 50 से अधिक संस्थाओं का संचालन कर रही है।
महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद में शिक्षा के सर्वांगीण विकास के लिए जो कार्य किया है, वह अद्भुत और प्रेरणादायी है। यह महंत अवेद्यनाथ जी महाराज की दूरदृष्टि का परिचायक है। महंत दिग्विजयनाथ जी महाराज ने बीज रोपा, महंत अवेद्यनाथ जी महाराज ने उस पौधे को सींचा और आज योगी आदित्यनाथ जी महाराज के नेतृत्व में यह वट वृक्ष के रूप में खड़ा है। जिसकी छाया में यह पूरा पूर्वांचल गौरवान्वित हो रहा है।
श्री तोमर ने कहा कि योगी आदित्यनाथ जी महाराज कर्मयोग को प्रभु को प्राप्त करने का मार्ग बताते हैं। गोरक्षपीठाधीश्वर के रूप में उनकी साधना प्रेरणाप्रद है। कर्मयोग के मार्ग पर चलते हुए एक राजनेता, सांसद व मुख्यमंत्री के रूप में योगी जी ने जो काम किया है, उसकी जितनी प्रशंसा की जाये, उतनी कम है। एक काल खण्ड था, जब उत्तर प्रदेश में कोई आने को तैयार नहीं होता था। योगी आदित्यनाथ जी ने मुख्यमंत्री के रूप में उत्तर प्रदेश के प्राचीन वैभव को पुनस्र्थापित करने का काम किया। यह हम सबके लिए गर्व की बात है।
श्री तोमर ने कहा कि आज भारत निरंतर आगे बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री जी की सूझ-बूझ और अदम्य तथा कठोर परिश्रम से भारत की साख दुनिया के मानचित्र पर तेजी से स्थापित हो रही है। एक समय था जब भारत को वैश्विक मंचों पर बहुत तवज्जो नहीं मिलती थी, लेकिन आज किसी भी वैश्विक मंच पर भारत की अनदेखी नहीं की जा सकती। यह हम सबके लिए बड़ा संकेत है। प्रधानमंत्री जी ने वर्ष 2047 का लक्ष्य हमारे सामने रखा है। जब आजादी की 100वीं वर्षगांठ हो, उस समय का भारत, विकसित होना चाहिए। इस दिशा में देश ने अनेक कदम उठाये है।
श्री तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में एक लम्बे समय बाद नई शिक्षा नीति भारत में लागू की गयी है। इसके परिणाम समय-समय पर परिलक्षित होंगे। शिक्षा में आमूलचूल बदलाव आयेंगे। आने वाला कालखण्ड यह सिद्ध करेगा कि शिक्षा के माध्यम से हमारे देश का मानव संसाधन योग्य व अनुभवी हो रहा है। नई शिक्षा नीति, गरीबी उन्मूलन, स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार, उत्तर प्रदेश में निवेश लाना या कानून-व्यवस्था की सुदृढ़ स्थिति से प्रदेश के हर व्यक्ति की सुरक्षा सुनिश्चिित करने का विषय हों, प्रदेश सरकार ने हर दिशा में सफलतापूर्वक कदम बढ़ाए हैं।
श्री तोमर ने कहा कि समय की आवश्यकता है कि शिक्षा रोजगारोन्मुखी हो। लेकिन शिक्षा की गुणवत्ता सबसे बड़ी आवश्यकता है। शिक्षा का रोजगारोन्मुखी होना और भारत की संस्कृति से ओत-प्रोत होना, इस दिशा में महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद बहुत ही मनोयोग से काम कर रही है। वर्ष 2047 में भारत विकसित भारत होगा। सभी विद्यार्थी वर्ष 2047 के विकसित भारत के साक्षी बनेंगे। विकसित भारत के लिए हर बच्चे का योगदान होना चाहिए। यही महाराणा प्रताप का संदेश है। इसकी परम्परा को आगे बढ़ाने का कार्य योगी आदित्यनाथ जी कर रहे हैं। सभी विद्यार्थियों का भी इस यात्रा में भरपूर योगदान होना चाहिए।
महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के अध्यक्ष एवं पूर्व कुलपति प्रोफेसर उदय प्रताप सिंह ने सभी का स्वागत किया और विशिष्ट अतिथि प्रो0 राजीव कुमार ने नई शिक्षा नीति के बारे में जानकारी दी।
इस अवसर पर जनप्रतिनिधिगण सहित महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद एवं विभिन्न शिक्षण संस्थानों के पदाधिकारी तथा अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More